नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिन नौसेना की जीत को याद करता है. नौसेना दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की जीत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. हमारे हवाई क्षेत्र और सीमा क्षेत्र पर 3 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना ने हमला किया था. इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत को चिह्नित किया. पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए "ऑपरेशन ट्राइडेंट" शुरू किया गया था. इस युद्ध को 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' के नाम से भी जाना जाता है.
PM Modi extends his greetings on the occasion of #NavyDay
— ANI (@ANI) December 4, 2021
We're proud of the exemplary contributions of the Indian navy. Our navy personnel have always been at the forefront of mitigating crisis situations like natural disasters, says PM. pic.twitter.com/6IKFme5lSJ
ऑपरेशन पाकिस्तान नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाना बनाकर शुरू किया गया था. एक मिसाइल नाव और दो युद्धपोतों के एक समूह ने कराची के तट पर जहाजों के एक समूह पर हमला किया. युद्ध में पहली बार जहाज पर जहाज-रोधी मिसाइल से हमला किया गया था. इस हमले में कई पाकिस्तानी जहाज तबाह हो गए थे. इस बीच, पाकिस्तानी तेल टैंकरों को भी नष्ट कर दिया गया था.
नौसेना दिवस 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है ?
नौसेना दिवस 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध जीतने वाली भारतीय नौसेना की ताकत और बहादुरी की याद में मनाया जाता है. 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना पर हमला किया था. इस ऑपरेशन की सफलता को देखते हुए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है.
ऑपरेशन ट्राइडेंट के बारे में और जानिए :
ऑपरेशन पाकिस्तान नौसेना मुख्यालय को निशाना बनाकर शुरू किया गया था जो कराची में था.
• हिंदुस्तान में हुए हमले में 3 इलेक्ट्रिक क्लास मिसाइल बोट, 2 एंटी सबमरीन और एक टैंकर शामिल था.
- नौसेना को मजबूत किया जाएगा और समुद्री खदानों को तबाह करने के लिए 12 जहाज मिल जाएंगे.
• कराची की योजना रात में हमला करने की थी लेकिन पाकिस्तान के पास ऐसे विमान नहीं थे जो रात में हमला कर सकें. भारतीय नौसेना को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना माना जाता है.
भारतीय नौसेना :
भारतीय नौसेना 1612 में स्थापित भारतीय सेना की एक नौसेना इकाई है. ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन के रूप में सेना का गठन किया था. जिसे बाद में रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया. आजादी के बाद 1950 में नौसेना का पुनर्गठन किया गया और इसका नाम बदलकर भारतीय नौसेना कर दिया गया.