वैष्णो देवी दर्शन के लिए कराना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, 7 हजार लोगों को मिलेगी दर्शन की अनुमति


स्टोरी हाइलाइट्स

वैष्णो देवी दर्शन के लिए कराना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, 7 हजार लोगों को मिलेगी दर्शन की अनुमति जय माता दी के जयकारों से गूंजने वाली कटरा की सड़कों पर इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां 18 मार्च से लॉकडाउन है। इक्का-दुक्का दुकानें ही खुलीं हैं, लोग भी कम ही निकल रहे हैं। इससे पहले यहां कभी इस तरह की वीरानगी शायद नहीं देखी गई। श्री वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर दैनिक भास्कर ने यहां के पुजारी सुदर्शन और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार से बातचीत की। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द दर्शन शुरू हो सकेगा। इसको लेकर श्राइन बोर्ड ने एसओपी तैयार कर ली है। प्रतिदिन 5 से 7 हजार लोगों को दर्शन की अनुमति होगी। दर्शन के लिए कटरा आने से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। लॉकडाउन के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर पाबंदी है। लेकिन, रोज सुबह शाम पूजा हो रही है। बाबा शिवधर के वंशज यहां पूजा कर रहे हैं। ये लोग 500 साल से पूजा कर रहे हैं। अभी परिवार के चार लोग - अमीर चंन्द्र, सदुर्शन, लोकेश और पारस बारी-बारी से पूजा करते हैं। इस समय सुबह में 6 बजे और शाम में 7 बजे पूजा होती है। अभी भवन में करीब 20 श्राइन बोर्ड के कर्मचारी काम कर रहे हैं।1986 में श्राइन बोर्ड की स्थापना हुई। तब से श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जिम्मा बोर्ड के पास ही है। उन्होंने बताया कि 500 सालों में यह पहली बार हुआ है कि दर्शन रोक दिया गया है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी यहां दर्शन पर पाबंदी नहीं लगाई गई थी। अब कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। इसको लेकर श्राइन बोर्ड काम कर रहा है। सीईओ रमेश कुमार ने कहा कि दर्शन को लेकर तैयारी चल रही है, लेकिन तारीखों को लेकर अंतिम फैसला अथॉरिटी को ही करना है। स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए एसओपी लगभग तैयार हो चुकी है। इस बार दर्शन की प्रक्रिया में बदलाव होगा। भीड़ को काबू रखने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के लिए दर्शन से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों का कटरा ट्रेक एंट्री प्वाइंट और भवन के पास स्क्रीनिंग होगी। मास्क पहनने या चेहरे को ढकने जरूरी होगा। जगह-जगह सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। यात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में बांट कर और कुछ अंतराल के बाद ही आगे बढ़ाया जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। पंडित जी अब सीधे भक्तों को टीका नहीं लगाए पाएंगे, भक्तों को टीका कैसे लगाए जाए इसका पर विचार किया जा रहा है। तीन साल से छोटे बच्चे और 65 साल से ऊपर वाले लोगों को दर्शन के लिए नहीं आने की सलाह दी जाएगी। संदिग्धों का सख्ती से हेल्थ चेकअप होगा। एक दिन में पांच हजार से सात हजार लोगों को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। जबकि सामान्य समय में इस सीजन में 35 हजार से ज्यादा लोग एक दिन में दर्शन के लिए आते थे। 18 मार्च से वै‌ष्णो देवी की यात्रा बंद हो गई थी, तब से लेकर अब तक एक करोड़ रुपए ऑनलाइन माध्यम से एकत्रित हुए हैं। जबकि पहले इस सीजन में एक दिन 50 से 60 लाख रुपए प्रतिदिन दान के रूप में आता था। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में करीब तीन हजार से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी हैं। ये सभी लोग प्रोटेक्टिव आइटम पहने नजर जाएंगे। मोबाइल ऐप भी जल्द लॉन्च हो सकता है, जिसमें ऑनलाइन दर्शन के अलावा रजिस्ट्रेशन करवाने और दान देने की सुविधा होगी। लोग दान देकर अपने नाम से हवन करवा सकते हैं।