सांडों की नसबंदी पर मध्य प्रदेश में सियासी बवाल, साध्वी प्रज्ञा ने जताया विरोध, कांग्रेस ने की सरकार कि खिंचाई


स्टोरी हाइलाइट्स

सांडों की नसबंदी पर मध्य प्रदेश में सियासी बवाल खड़ा हो गया है|  गोवंश की बढ़ोतरी रोकने के लिए सरकार के हालिया आदेश से न सिर्फ विपक्षी दल कांग्रेस को मुद्दा मिल गया है बल्कि सरकार के अंदर भी उत्तल पुथल बढ़ गई है भारतीय जनता पार्टी से चुनी गई सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराया है|  प्रदेश शासन के पशुपालन विभाग द्वारा सांडों का बधियाकरण कार्यक्रम चलाने के आदेश से नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि निकृष्ट (अनुपयोगी) सांडों की संख्या में लगातार  हो रही वृद्धि को देखते हुए बधियाकरण कराया जाना है। इसके लिए 23 अक्टूबर तक अभियान चलाया जाए। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेशभर में ऐसे करीब 12 लाख सांड हैं, इस आदेश का विरोध भी प्रारंभ हो गया है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा   यह है गौ भक्तों की सरकार…? कमलनाथ सरकार में निराश्रित गौवंश के संरक्षण व संवर्धन के लिये 1000 गौशालाओं का निर्माण कराया गया था , गौवंश के लिए चारे की राशि को बढ़ाकर 20 रुपये किया गया था।वही शिवराज सरकार में गोवंश को खत्म करने का काम किया जा रहा है…? अब मध्यप्रदेश में गौवंश की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए 12 लाख सांडो का बधियाकरण होगा…? कांग्रेस ने इस विवादास्पद आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है और कहां है कि यह निर्णय प्रदेश में गोवंश को खत्म करने वाला और गौवंश विरोधी। इस राशि को गौवंश के संवर्धन पर खर्च की जावे।   [embed]https://twitter.com/NarendraSaluja/status/1448178269589622786?s=20[/embed]   इतना ही नहीं खबर है कि सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने सांडों की नसबंदी को रोकने के लिए कई जगहों पर बातचीत की है। उनकी मांग है कि भोपाल कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए नसबंदी के आदेश को रोका जाए। वहीं, इस पुरे मामले पर पशुपालन अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने कहा कि निकृष्ट सांडों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए बधियाकरण कराया जा रहा है। यह सतत प्रक्रिया है। पिछले कई सालों से यह कार्यक्रम चल रहा है। इसी क्रम में अभी होगा। दरअसल प्रदेश शासन के पशुपालन विभाग द्वारा सांडों का बधियाकरण कार्यक्रम चलाने के आदेश से नया विवाद खड़ा हो गया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि निकृष्ट (अनुपयोगी) सांडों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए बधियाकरण कराया जाना है। इसके लिए 23 अक्टूबर तक अभियान चलाया जाए। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेशभर में ऐसे करीब 12 लाख सांड हैं1 इस आदेश का विरोध भी प्रारंभ हो गया है। भोपाल कलेक्टर द्वारा जारी इस आदेश पर भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी कड़ी अप्पति जताई है। उन्होंने इसे नेचर के साथ खिलवाड़ बताया है, और कहा कि यदि देसी सांडों की नसबंदी की गई तो गौवंश/नस्ल ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि सांडों को गलत तरीके से और निर्दयता से नसबंदी करने की जानकारी मिली। इस संबंध में उन्होंने तत्काल भोपाल कलेक्टर, पशुपालन मंत्री और मुख्यमंत्री से रोक लगाने का निवेदन किया।   विभाग द्वारा जारी पत्र के आधार पर भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और आयुक्त नगर निगम को पत्र लिखकर बधियाकरण अभियान के क्रियान्वयन में सहयोग देने के निर्देश दिए, ताकि शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति कराई जा सके।