अभियोजन अधिकारी ई-प्रासीक्युशन पोर्टल पर नहीं कर रहे एन्ट्री: डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश के जिलों में लोक अभियोजन संचालनालय के तहत पदस्थ अभियोजन अधिकारी ई-प्रासीक्युशन पोर्टल पर एन्ट्री नहीं कर रहे हैं।....

लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक द्वारा ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर प्रकरणों की एन्ट्री नहीं डॉ. नवीन जोशी भोपाल। प्रदेश के जिलों में लोक अभियोजन संचालनालय के तहत पदस्थ अभियोजन अधिकारी ई-प्रासीक्युशन पोर्टल पर एन्ट्री नहीं कर रहे हैं। इस बात से नाराज होकर राज्य के गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर यह एन्ट्री कराने के लिये कहा है। पत्र में गृह विभाग ने कहा है कि शासन के संज्ञान में लाया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आईसीजेएस (इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस  सिस्टम) प्रोजेक्ट के तहत ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल का निर्माण किया गया है। यह आईसीजेएस प्रोजेक्ट उच्चतम न्यायालय की ई-कमेटी के देखरेख में किया जा रहा है। उक्त पोर्टल में प्रदेश के नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों द्वारा न्यायालय में लंबित व निराकृत आपराधिक प्रकरणों की एन्ट्री मेन पावर की सहायता से की जा रही है। पोर्टल में डाटा एन्ट्री के कार्य हेत मेन पॉवर की नियुक्ति 50 जिला अभियोजन कार्यालयों में की गई है। वर्तमान में प्रदेश के न्यायालयों में कार्यरत अधिवक्ता संवर्ग के लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक द्वारा ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर प्रकरणों की एन्ट्री नहीं की जा रही है। आईसीजेएस के ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में सभी न्यायालयों के प्रकरणों में पूर्ण डाटा एन्ट्री की जाने की आवश्यकता है। इसलिये जिलों में कार्यरत अधिवक्ता संवर्ग के सभी लोक अभियोजक एवं अपर जिला लोक अभियोजक को आईसीजेएस पोर्टल में नियमित रूप से डाटा एन्ट्री करने तथा सतत् रूप से इसकी समीक्षा करने के संबंध में निर्देश जारी करें। साथ ही स्थानीय स्तर पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर पोर्टल की जानकारी के साथ ही उनसे अपेक्षित कार्यवाही की जानकारी भी दी जावे। इधर लोक अभियोजन संचालक अन्वेष मंगलम ने भी सभी जिला अभियोजन अधिकारियों से कहा है कि 30 सितम्बर 2021 तक लंबित समस्त पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित अपराधिक प्रकरणों का आईसीजेएस ई-प्रॉसीक्यूशन सिस्टम में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसलिये  डाटा एंट्री करवाकर 5 अक्टूबर 2021 तक ईमेल आईडी पर प्रतिवेदन भेजें। 30 सितम्बर 2021 तक जिस जिले के द्वारा उक्त लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जाता है तब इसे संबंधित जिला लोक अभियोजन अधिकारी के कार्य मूल्यांकन में शामिल किया जावेगा और अनुशासनात्मक/विभागीय कार्यवाही भी विचार में ली जावेगी।