भूमि का सीमांकन कराने की लोकसेवा अब 30 के बजाये 45 दिन में मिलेगी: डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

भूमि का सीमांकन कराने की लोकसेवा अब 30 के बजाये 45 दिन में मिलेगी: राज्य सरकार ने लोक सेवा गारंटी कानून के तहत राजस्व विभाग के अंतर्गत अनिवार्य......

भूमि का सीमांकन कराने की लोकसेवा अब 30 के बजाये 45 दिन में मिलेगी डॉ. नवीन जोशी भोपाल। राज्य सरकार ने लोक सेवा गारंटी कानून के तहत राजस्व विभाग के अंतर्गत अनिवार्य रुप से दी जाने वाली भूमि का सीमांकन करना संबंधी सेवा में बदलाव कर दिया है। अब यह सेवा आवेदन किये जाने पर 30 दिन के बजाये 45 दिन के अंदर दी जायेगी। दरअसल सात साल पहले 10 अप्रैल 2013 को राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के अंतर्गत भूमि का सीमांकन करने संबंधी सेवा को अधिसूचित किया था। इसमें अपनी अधिकारिता क्षेत्र वाले तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत आवेदन किये जाने पर इस सेवा को 30 दिन के अंदर प्रदान करने का प्रावधान किया गया था। चूंकि भूमि का सीमांकन करना एक पेचीदा काम होता है और इसमें समय भी लगता है, इसलिये अब राज्य सरकार ने इस सेवा को 30 के बजाये 45 दिन के अंदर प्रदान करने का प्रावधान कर दिया है। लेकिन बाकी प्रावधान यथावत रखे गये हैं अर्थात यदि 45 दिन में भूमि के सीमांकन की सेवा नहीं मिलती है तो अनुविभागीय राजस्व के समक्ष प्रथम अपील की जा सकेगी जिसे वह 30 दिन में निराकृत करेगा। सतना में सरकारी भूमि के निजी होने के मामले की जांच, पुन: सरकारी किये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ भोपाल।प्रदेश के सतना नगर निगम एवं रैगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मझवोगवां के आरजी नंबर 39 एवं 45 में स्थित भूमि वर्ष 1958-59 में मप्र शासन के नाम दर्ज थी परन्तु इसके बाद उक्त भूमियां निजी स्वत्व में दर्ज हो गईं। अब इस मामले की जांच कर इन भूमियों को पुन: सरकारी स्वामित्व में किया जाना प्रारंभ हो गया है। दरअसल इस गड़बड़ी के मामले में विधायक जुगुल किशोर बागरी ने विधानसभा में सवाल किया था जिस पर सरकार ने अब इसकी जानकारी श्री बागरी को उपलब्ध कराई है। जवाब में कहा गया है कि वर्ष 2020 में उक्त दोनों आरजियों की जांच की गई तथा आरजी नंबर 45 की 2.806 हैक्टेयर भूमि को मप्र शासन के नाम से दर्ज किया जा चुका है। आरजी नंबर 39 की 0.348 हैक्टेयर भूमि में से 0.174 हैक्टेयर भूमि भी मप्र शासन के नाम दर्ज कर दी गई है लेकिन 0.174 हैक्टेयर भूमि निजी स्वत्व में दर्ज है जिसकी जांच की जा रही है। जवाब में बताया गया कि ग्राम सोहोला की आरजी नंबर 30, 31, 32, 33 एवं 35 की भूमियां भी वर्ष 1958-59 में मप्र शासन के नाम से दर्ज रही हैं तथा वर्तमान में भी दर्ज हैं। इसी प्रकार, पांच ग्रामों यथा रामस्थान की 212.50 एकड़, ग्राम सोनौरा की 18.380 एकड़, ग्राम कृपालपुर की 19.140 एकड़, ग्राम सोनोरा चेक उतैली की 2 एकड़, ग्राम मझवोगवां की 5.142 एकड़ तथा ग्राम रामपुर चौरासी की 0.202 एकड़ भूमि भी जांच के बाद मप्र शासन के नाम दर्ज कर दी गई है। शेष ग्रामों की भूमियों की जांच प्रचलित है जिसके पूर्ण होने पर जानकारी दी जायेगी। जवाब में आगे बताया गया कि वर्ष 1958-59 में दर्ज शासकीय भूमि को विभिन्न न्यायालयों के आदेशों के माध्यम से बंटन व्यवस्था के तहत व्यापक पैमाने पर निजी भूमि में परिवर्तित किया गया, जिसकी वैधानिकता की जांच एक विस्तृत प्रक्रिया है। संपूर्ण जांच होने के बाद जवाबदारी तय की जायेगी एवं निजी भूमि को शासकीय खाते में दर्ज किया जायेगा।