Puran Yatra: रामायण यात्रा ..... श्री लंका.. Ramayana Tour In Sri Lanka


स्टोरी हाइलाइट्स

न्यूज़ पुराण यात्रा में आज हम आपको ले चलते हैं श्री लंका... Ramayana Tour In Sri Lanka कई ऐसे लोग हैं, जो प्रभु श्रीराम के इतिहास को भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं। कुछ तथाकथित विद्वान कहते हैं कि RAMAYAN काल की लंका आज की श्रीलंका नहीं, बल्कि भारत के अमरकंटक के पास एक विशेष स्थान को रावण की लंका कहा जाता था तो कोई कहता है कि यह लंका जावा या सुमात्रा के पास कहीं थी। हमारी पड़ताल बताती है  ऐसे सारे दावे तथ्‍यहीन हैं। इस यात्रा में हमने श्री लंका में जगह जगह रामायण की जीते जागते सुबूत देखे|   सच्चाई ये है कि रावण ने सुंबा और बाली द्वीप को जीतकर अपने शासन का विस्तार करते हुए अंगद्वीप, मलयद्वीप, वराहद्वीप, शंखद्वीप, कुशद्वीप, यवद्वीप और आंध्रालय पर जीत हासिल की थी। इसके उपरान्त रावण ने लंका को अपना टार्गेट बनाया। लंका पर कुबेर का शासन था। लंका को विजित कर रावण ने उसको अपना नया निवास स्‍थान बनाया। श्रीलंका में वह जगह ढूंढ ली गयी  है, जहां रावण की सोने की लंका थी। जंगलों के बीच रानागिल की विशालकाय पहाड़ी पर रावण की गुफा है, जहां उसने तप किया था| रावण के पुष्पक विमान के उतरने के स्थान को भी ढूंढ लिया गया है। श्रीलंका का इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर और वहां के पर्यटन मंत्रालय ने मिलकर रामायण से जुड़े ऐसे 50 स्थल ढूंढ लिए हैं जिनका पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व है और जिनका रामायण में भी उल्लेख मिलता है। अशोक वाटिका, राम-रावण युद्ध भूमि, रावण की गुफा, रावण के हवाई अड्डे, रावण का शव, रावण का महल और ऐसे 50 रामायणकालीन स्थलों की खोज करने का दावा ‍किया गया है। बाकायदा इसके सबूत भी पेश किए गए हैं। हम आपको इस यात्रा में ऐसे ही स्थान दिखा रहे हैं| प्रवीण कुमार पटौद   Ramayana Tour to all Ramayama Sites in Sri Lanka Day-1   भोपाल से इंदौर ,इंदौर से 11 बजे की फ्लाईट से बेंगलोर पहुचा, 12:30 को बेंगलोर इंतजार के बाद 6 बजे कोलोंबो की फ्लाईट पकडी, 7:30 बजे कोलोंबो पहुचा, एयरपोर्ट पर वीज़ा कारवाही हुयी| भारतीयों के लिए श्री लंका में Visa on arrival भी हैं और ETA भी है ! मैं पूर्व से ही E वीज़ा लेकर गया था, एयरपोर्ट पर गाइड पज़ल वाहन सहित उपस्थित था,श्री लंका का एक मात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट  कोलोंबो शहर से काफी दूर है , एयरपोर्ट से हम निगोम्बो शहर पहुचे ! होटल चेक के बाद भारतीय भोजन तैयार था ,भोजन के बाद विश्राम !   Day-2 सुबह उठने पर पता चला होटल बिल्कुल समुन्द्र के किनारे था, कुछ चहल कदमी की वहाँ समुन्द्र की शीप और शंख बेचने वाले काफी विक्रेता थे, नाश्ते के बाद यात्रा पर निकले ,रास्ते में भारत की टाटा की बसे ,ट्रक एवं ऑटो दिखे,जिन्हें वहा टुकटुक कहा जाता है,भारत के दो पहिया वाहन भी दिखे ,दुकानों पर Airtel mobile के बोर्ड! श्री लंका कुछ कुछ भारत के तमिलनाडु राज्य के समान ही है! राह में गाइड जानकारी दे रहा था! फिर हम मुनावरी शिव मंदिर पहुचे! गाइड ने बताया के इस शिवलिंग की स्थापना स्वयम श्री राम जी ने लंका आने पर की थी! मुनावरी मंदिर कुछ दुरी पर छिल्लाव कस्बे के समीप मुन्निस्वरम शिव मंदिर पहुचे ,इस मंदिर की बनावट दक्षिण भारतीय मंदिरों जैसी थी, स्थानीय पुजारी ने बताया ,इस शिव मंदिर में श्री राम जी ने युद्ध जीतने के बाद पूजा अर्चना कर ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति प्राप्त की थी! मुन्निस्वरम दर्शन के बाद हम केन्डी शहर की ओर निकले ! राह में हरी-भरी वादियों का रास्ता था| राह में एक रेस्टोरेंट में भारतीय भोजन की व्यवस्था थी! भोजन के बाद केन्डी शहर पहुँचे , केन्डी शहर कोलोंबो के बाद श्री लंका का दूसरा बड़ा शहर हैं! केन्डी में होटल में रात्रि विश्राम एवं भोजन!   Day-3 सुबह नाश्ते के बाद केन्डी के विश्व धरोहर बौद्ध मंदिर पहुँचे, वहाँ भगवान गौतम बुद्ध का दन्त अवशेष रखा हुआ हैं! मंदिर परिसर काफी बड़ा है,एवं उसके साथ ही बड़ी सुन्दर झील है! मंदिर देखने के बाद नुवारा एलिया के लिए निकले , नुवारा एलिया काफी उचाई पर स्थित पहाड़ी जगह है! रास्ते में रम्बोड़ा वाटर फाल देखी ,बताते इस झरने में हनुमान जी ने स्नान किया था! पास ही पहाड़ी पर हनुमान जी का मंदिर भी है,वह घाट चड़ते आगे पहुचे, रास्ते में आसपास टी-गार्डन है ,राह में ही एक चाय फेक्ट्री देखी ,कैसे चाय की प्रोसेसिंग होती हैं!     रास्ते में ही भोजन के बाद , नुवारा एलिया पहुँचे ,गायत्री पीठ के दर्शन किये , यहाँ 101 शिव लिंग का शिव मंदिर निर्माणाधीन है,रखे हुए शिवलिंगों के बारे में पुजारी ने बताया के लिंग भारत के नर्मदा किनारे से मगाये है ! फिर नुवारा एलिया शहर घूमें ,पहले इस शहर का नाम सीता एलिया था, ब्रिटिश ओपनिवेश काल में ठंडी जगह होने से ब्रिटिश छावनी थी ,ब्रिटिश कालीन इमारतें भी है !बड़ा गोल्फ फ़ोर्स भी देखा! ब्रिटिश अफसरों के बंगलों को होटल में तब्दील कर दिया !हम जिस होटल में ठहरे, वो दो मंजिला भवन लकड़ी का बना था ,उसमे सिर्फ 20 कमरे थे,ठंडी जगह होने के कारण होटल के कमरों का AC तो दूर पंखे भी नहीं थे ! रात्रि विश्राम भोजन के बाद !   Day-4 सुबह नास्ते के बाद अशोक वाटिका पहुँचे ,यहाँ पर सीता अम्मा नाम से मंदिर है ,रावण ने सीता को हरण करने के बाद यहीं रखा था,यहाँ  बड़े –बड़े वृक्ष है ,एवं घना जंगल है,यहाँ से दिवुरम पोला मंदिर पहुँचे ,यहाँ सीता जी की अग्नि परीक्षा हुई थी वर्तमान में यह स्थान बौद्ध मंदिर परिसर में है ,परन्तु वहां सीता जी का मंदिर है साथ ही शिव जी ,विष्णु जी एवं हनुमान जी का भी स्थान हैं ! बौद्ध भिक्षु ने सब स्थान दिखाए ,अग्नि परीक्षा का स्थान अभी कर्वडकर सुरक्षित रखा गया है,हमने बौद्ध मंदिर में भी दर्शन किये! यहाँ से भोजन के बाद गेगरी झील पहुंचे ,बहुत बड़ी झील है इसमें बोटिंग की, इसके बाद हकगाला गार्डन जाना था परन्तु तेज बरसात के कारण नहीं जा सके, होटल पहुँचे .भोजन रात्रि विश्राम !   Day-5 सुबह नास्ते के बाद कोलम्बों के लिए निकले ,हरी भरी वादियाँ ,चाय के बागान ,पहाड़ो से गुजरते गए ,रास्ते में दूर से वो स्थान देखा ,पहाड़ नुमा गाइड ने बताया ये संजीवनी बूटी का पहाड़ है जो हिमालय से हनुमान जी लाये थे! देखने में ऐसा लग रहा था के वाकई ,पहाड़ों के बीच अलग से बास्केट नुमा पहाड़ रखा है!   आज भी श्री लंका में संजीवनी बूटी के पौधे है ,रास्ते में स्पाईन गार्डन देखा ,जो काफी लम्बे क्षेत्रफल में फैला है ,इसमे आयुर्वेद की जड़ी बूटियों के काफी पेड़ एवं पौधे है ,श्री लंका में आज भी आयुर्वेद इलाज ही होता है ,इसलिए वहां एलोपेथी अस्पताल बहुत कम है!भारत एवं अन्य देशो से काफी लोग आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने आते है| यहाँ से हम पिन्नावाला पहुँचे ,हाथियों का आश्रय केंद्र यहाँ काफी संख्या में हाथी है , हाथियों के झुण्ड को स्नान करते देखा ,उनका रहन देखा!   पिन्नावाला से भोजन के बाद कोलोम्बों शहर पहुचें ,शहर भ्रमण किया, पुराने बौद्ध मंदिर पहुचें, उसी मंदिर परिसर में विभीषण का मंदिर भी हैं ! मंदिर दियों की रौशनी से जगमगाया था! वहां से प्राचीन अन्जनीर हनुमान मंदिर के दर्शन किये! वही शनि मंदिर भी था,दर्शन के बाद होटल पहुँचे ! सुबह नास्ते के बाद एयरपोर्ट के लिए निकले ,राह में संग्रहालय देखा ,भारत का दूतावास भी देखा ! एयरपोर्ट पहुँचे ,लंच पैक के साथ ,कोलम्बो से बेंगलोर- बेंगलोर से इंदौर –इंदौर से भोपाल पहुँचे ! श्री लंका रामायण यात्रा की जानकारी एवं यादों के साथ!