सक्सेस के लिए रेगुलर एफर्ट जरूरी


स्टोरी हाइलाइट्स

लाइफ में ऐसे मौके आते हैं जब हम निराश हो जाते हैं| जब हमारा लक्ष्य पास आते हुए भी दूर चला जाता है|  जब कोशिश करने के बाद भी सक्सेस नहीं मिलती| बार बार असफलता से मन निराश हो जाता है|

सक्सेस के लिए रेगुलर एफर्ट जरूरी   लाइफ में ऐसे मौके आते हैं जब हम निराश हो जाते हैं|  जब हमारा लक्ष्य पास आते हुए भी दूर चला जाता है|  जब कोशिश करने के बाद भी सक्सेस नहीं मिलती| बार बार असफलता से मन निराश हो जाता है| ऐसे में क्या करें?  शिष्यों के साथ चलते हुए, राम कृष्ण परमहंस एक बार नदी के तट पर पहुँचे। किनारे पर उनने देखा कि कुछ मछुआरे मछली पकड़ रहे हैं। परमहंस जी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे जाल में फंसी मछलियों को ध्यान से देखें। इस जाल में तीन प्रकार की मछलियाँ होती हैं। पहला वे हैं जो माननी हैं कि उनका जीवन समाप्त हो गया है। इस वजह से वे अपनी जान बचाने की कोशिश भी नहीं कर रही हैं। अन्य मछलियाँ वे हैं जो बचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन जाल से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। तीसरी तरह की मछली सबसे खास होती है, जाल से निकलने की कोशिश कर रही हैं| इनमे से कुछ मछलियां जान बचाकर बाहर निकलने और तैरने में कामयाब रहीं।   मनुष्य तीन प्रकार के होते हैं,  तीन प्रकार के मनुष्य होते हैं। पहले तो ऐसे लोग हैं जो मुसीबतों और दुखों को अपनी नियति मानकर इन परिस्थितियों में मरने का इंतजार कर रहे हैं। दूसरे वे हैं जो दुख को दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे कोई रास्ता नहीं खोज पाते हैं। तीसरे वे लोग हैं जो अपने लक्ष्य तक पहुँचने की कोशिश करते हैं।    अगर हमें किसी भी लक्ष्य तक पहुंचना है तो हमें उसके लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।