रिश्ते झूठे ही सही लेकिन निभाना चाहिए – दिनेश मालवीय “अश्क”


स्टोरी हाइलाइट्स

रिश्ते झूठे ही सही लेकिन निभाना चाहिए

रिश्ते झूठे ही सही लेकिन निभाना चाहिए – दिनेश मालवीय “अश्क” https://youtu.be/8aKSzia8Hps रिश्ते झूठे ही सही लेकिन निभाना चाहिए भाई मेरे,जीने का कुछ तो बहाना चाहिए। अक़ीदत अंधी अक़ीदत दो जुदा बातें रही हैं फर्क़ दोनो में समझ अब तक तो आना चाहिए। लफ़्ज़ के मानी निकलते हवालों हालात से हैं एक मानी ही पकड़ ना बैठ जाना चाहिए। क्या ज़माने के तक़ाजे और अस्ली मसअले यह समझने में ज़माने को ज़माना चाहिए। बात कुछ हो तो उसे बातों में ही कर दो तमाम बात को बेबात ही क्यूंकर  बढ़ाना चाहिए। बोलना कब यह  सिखाना लाजिमी बच्चों को है कब नहीं है बोलना ज्यादा सिखाना चाहिए। "अश्क" मुश्किल यह समझना हजरते नासेह को है वो तो कह कर चल दिये कि मुस्कराना चाहिए।