शनि की साढ़ेसाती निवारक उपाय


स्टोरी हाइलाइट्स

स्त्री वर्ग का सम्मान और आदर करें। घर में कोई भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले स्त्री का हाथ जरूर लगवायें।

शनि की साढ़ेसाती निवारक उपाय स्त्री वर्ग का सम्मान और आदर करें। घर में कोई भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले स्त्री का हाथ जरूर लगवायें। व्यक्ति एवं का आदर करने तथा चरण छूकर आशीष लेने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। यदि कोई स्त्री शनिदेव को सच्चे मन से अपने भ्राता के रूप में सम्मान दे तो शनिदेव की उस स्त्री पर विशेष अनुकंपा होती है। शनिवार को काले कुत्ते कौए को मीठी रोटी डालने से भी शनिदेव अति प्रसन्न होते शनिचरी अमावस्या के दिन गरीब व को पुराने वस्त्र, काला कंबल तथा खाने की वस्तुएँ एवं चमड़े के जूते चप्पल दान में दें। शनिचरी अमावस्या के दिन घर तथा कार्य-क्षेत्र की अच्छी तरह सफाई करें, धुलाई करके घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर तेल का दीपक जलाएँ। यदि शनि पीड़ा से पीड़ित जातक, शनि शांति एवं कृपा प्राप्ति हेतु विधिपूर्वक चैतन्य एवं प्राण प्रतिष्ठित मंत्र सिद्ध पारद शनि प्रतिमा को अपने पूजा स्थल में शनिवार को स्थापित कर उसकी नियमित रूप से पूजा-आराधना करें। (यह प्रयोग स्वयं किया हुआ विश्वसनीय प्रमाण है।) यदि शनि पीड़ा से मुक्ति प्राप्ति का प्रत्येक उपाय होता दिखाई दे तो किसी योग्य तांत्रिक से गोपनीय रूप में शनि शांति अनुष्ठान करावें। रात्रि में सोते दोनों आँखों में असली सुरमा शनिवार से प्रारंभ करके यह प्रयोग नियमित करें तो निश्चित ही शनि प्रकोप शांत होता है। शनि शांति हेतु असली नीलम अथवा उपरतन जड़ित मंत्र सिद्ध चैतन्य शनि यंत्र लॉकेट को किसी विद्वान ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक निर्मित एवं अभिमंत्रित करवाकर गले में धारण करें। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि की स्थिति ऐसी हो कि वे नीलम रत्न धारण नहीं कर तो योग्य ज्योतिषी से कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण करवाकर तथा ज्योतिषी परामर्शानुसार उपयुक्त वजन का उपरत्न धारण करने भी जातक के भाग्य में समय परिवर्तन होने लगेगा। प्रत्येक शनिवार की रात्रि में मंत्र सिद्ध चैतन्य काले अकीक की माला से काले कंबल पर बैठकर शनि बीज मंत्र का अधिक से अधिक संख॥ में जप करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है। हनुमानजी के भक्तों को शनिदेव कोई पीड़ा नहीं पहुँचाते। अत: नियमित रूप से बजरंग बाण, संकटमोचन हनुमानाष्टक तथा हनुमान चालीसा का भक्ति-भाव से पाठ करने वालों पर शनिदेव प्रसन्न रहते हैं। प्रत्येक शनिवार सरसों के तेल से रोटी चिपड़कर काले कुत्ते को खिलाएँ एवं बंदरों को चने खिलाएँ। शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करें एवं शनि के अष्टोत्तर नामों का सस्वर उच्चारण करें। शनि कृपा शीघ्र प्राप्ति होगी। शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर जाकर शनि प्रतिमा को तिल अथवा सरसों का तेल चढ़ाएँ। मंत्र सिद्ध चैतन्य असली काले घोड़े की नाल को शनि पुष्य योग अथवा शनिवार के दिन अपने घर, दुकान, ऑफिस या फैक्ट्री के मुख्य द्वार की चौखट पर स्थापित करने से आश्चर्यजनक लाभ होता है।