कांग्रेस कोसती रही सिंधिया बन गए मंत्री, बदलेंगे प्रदेश में राजनीतिक समीकरण- गणेश पाण्डेय


स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की पूरी टीम राज्य के युवा तुर्क एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगातार कोसती आ रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया

कांग्रेस कोसती रही सिंधिया बन गए मंत्री, बदलेंगे प्रदेश में राजनीतिक समीकरण- गणेश पाण्डेय गणेश पाण्डेय भोपाल. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की पूरी टीम राज्य के युवा तुर्क एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगातार कोसती आ रही है. इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधिया को अपनी टीम में शामिल कर यह संकेत दे दिया है कि कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक वजूद को बीजेपी में कमतर नहीं आना चाहिए.प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने प्रदेश भाजपा को भी साफ संदेश दे दिया है कि प्रदेश भाजपा की राजनीति में सिंधिया महत्वपूर्ण चेहरा होंगे. 2018 में मध्य प्रदेश में अगर 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में आई थी उसके पीछे भी उस वक्त कांगरे सांसद रहे ज्योतिराज सिंधिया का रोल अहम था. ग्वालियर चंबल की सियासत का बड़ा चेहरा सिंधिया उस चुनाव में प्रदेश के नेता के तौर पर उभर कर सामने आए. कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और स्टार प्रचारक बनाया था. कांग्रेस की ओर से सिंधिया एकमात्र स्टार प्रचारक थे जिन्होंने सबसे अधिक सभाएं की और जनता का विश्वास अर्जित किया. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने सिंधिया को लगातार उपेक्षित रखा. अपनी उपेक्षा से दुखी होकर सिंधिया ने अपने विधायक सहित कमलनाथ सरकार से समर्थन वापस ले लिया और सरकार 15 महीने में गिर गई. सिंधिया ने प्रदेश में भाजपा को पुनः सत्ता में लाने के लिए किंगमेकर की भूमिका निभाई. एक सियासी तीर से विपक्षी दिग्गजों को परेशान करने का गुर सिंधिया से बेहतर कोई नहीं जानता. चुटीले तंज, सियासी समझ से भरे व्यंग्य और जनता से जुड़े मुद्दे खाने में ज्योतिरादित्य माहिर हैं. राजघराने होने के बाद भी आम जनता से रिश्ता जोड़ने की कला सिंधिया के खून में है. ग्वालियर चंबल अंचल में दबदबा केंद्रीय मंत्री बनने के बाद प्रदेश की राजनीति में बदलाव आने के संकेत मिलने लगे हैं. मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद ग्वालियर चंबल संभाग में सिंधिया का दबदबा कायम रहेगा. हालांकि ग्वालियर चंबल में बीजेपी के कई कद्दावर नेता आते हैं. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा हैं. बीजेपी हाईकमान से सीधे संवाद होने की वजह से ही मप्र संगठन और शिवराज सरकार में सिंधिया दबाव बरकरार रहने की संभावना है. वैसे भी ग्वालियर चंबल इलाके के जिलों में सिंधिया समर्थकों को ही प्रभारी मंत्री बनाया गया है. यही नहीं सिंधिया के हिसाब से ही अफसरों की पोस्टिंग भी हो रही है. 15 साल से बीजेपी की सरकार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छोड़कर जनता के बीच पार्टी का अन्य कोई नेता ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुआ. प्रदेश में शिवराज की अपेक्षा सिंधिया का चेहरा ज्यादा लोकप्रिय और आकर्षित है. गहलोत की जगह खटीक को मिली मंत्रिमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाए जाने के बाद दलित कोटे से डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. खटीक के शामिल होने मध्य प्रदेश से 5 मंत्रिमंडल में शामिल है. खटीक बुंदेलखंड के बड़े दलित नेता माने जाते हैं. वेट टीकमगढ़ से सांसद हैं जिसकी सीमा उत्तर प्रदेश से सटी है. आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव है. उत्तर प्रदेश में खटीक वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए डॉक्टर खटीक को जानकी मंदिर मंडल में जगह दी गई है. Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.