SCO Summit: पीएम मोदी बोले- कट्टरता हमारे सामने एक बड़ी चुनौती..


स्टोरी हाइलाइट्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों की बैठक को संबोधित किया..

 SCO Summit: पीएम मोदी बोले- कट्टरता हमारे सामने एक बड़ी चुनौती.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों की बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि, कट्टरता हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। इसका एक उदाहरण हमारे सामने इस समय अफगानिस्तान है। आपकों बता दे कि, यह बैठक ताजिकिस्तान के दुशांबे में हो रही है। इस बीच, पीएम मोदी ने एससीओ की 20वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने एससीओ समूह में शामिल होने के लिए ईरान, सऊदी अरब, मिस्र और कतर का स्वागत किया। पीएम मोदी ने कहा कि, नए सदस्यों के आने से हमारा दल और मजबूत होगा। https://twitter.com/ANI/status/1438754696328454146?s=20 कट्टरता दुनिया के सामने बड़ी चुनौती : इस बैठक में पीएम मोदी ने कट्टरवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "हमारे सामने शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है।" अफगानिस्तान में हुई हिंसा से पता चलता है कि यह चुनौती कितनी विशाल है। हमें कट्टरता से लड़ना चाहिए और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। इस्लाम से जुड़े किसी भी संगठन से संबंध आगे बढ़ने चाहिए। सुरक्षा में कट्टरता से लड़ना अनिवार्य है। युवाओं का भविष्य देखना बहुत जरूरी है। विकासशील दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए हमें समस्या की जड़ तक पहुंचना होगा। https://twitter.com/narendramodi/status/1438751206013161473?s=20 आंतरिक समन्वय की आवश्यकता : पीएम मोदी ने कहा कि, भारत ने यहां किए गए प्रयोग को दुनिया को बताया है। एससीओ देशों को अंतर-समन्वय बनाए रखने की जरूरत है। मध्य एशिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। अगर यह देश भारत में शामिल हो जाए तो सभी को फायदा होगा। ईरान के चाबहार बंदरगाह में हमारा निवेश इसकी वास्तविकता को प्रेरित करता है। कोई भी कनेक्टिविटी पहल एकतरफा नहीं हो सकती। इसे पारदर्शी बनाना बहुत जरूरी है, जिसमें सभी की समान भागीदारी हों। एससीओ क्या है ? शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की घोषणा 15 जून 2001 को की गई थी। शंघाई चीन का एक शहर है। एससीओ में तब छह देश शामिल थे - किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान। 2017 में भारत और पाकिस्तान भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही अब इसके सदस्यों की संख्या बढ़कर आठ हो गई।