शिवराज सरकार ने रक्षा बंधन त्यौहार के पहले कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ देने की कि घोषणा..


स्टोरी हाइलाइट्स

लंबे विरोध के बाद सरकार ने रक्षा बंधन त्यौहार के पहले राज्य के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ देने की घोषणा कर दी है। यह लाभ जुलाई के वेतन के साथ..

 शिवराज सरकार ने रक्षा बंधन त्यौहार के पहले कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ देने की कि घोषणा.. लंबे विरोध के बाद सरकार ने रक्षा बंधन त्यौहार के पहले राज्य के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ देने की घोषणा कर दी है। यह लाभ जुलाई के वेतन के साथ अगस्त से मिलना शुरू हो जाएगा। यह वेतन वृद्धि दो साल पहले मिलनी थी जो अब मिल रही है। बीते सालों की वेतन वृद्धि का एरियर कैसे मिलेगा, कब मिलेगा, कितनी किश्तों में भुगतान किया जाएगा, इसका ठिकाना नहीं है। क्योंकि सरकार ने ही इस संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इसको लेकर कर्मचारी संगठनों में नाराजगी अभी भी बनी हुई है। संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन वापस नहीं लिया है। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि वेतन वृद्धि कर्मचारियों का अधिकार है जिसकी एरियर की राशि की वास्तविकता के बारे में बताना चाहिए। कोई भी जानकारी नहीं दी है। ऐसे में काम नहीं होगा। तत्कालीन सरकार द्वारा दिए गए महंगाई भत्ते का लाभ भी स्थगित कर दिया था जिसे अभी तक नहीं दिया गया है। और सुविधाओं की मांग लगातार की जा रही है जिस पर सरकार चुप है। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के नेता उमाशंकर तिवारी ने सोमवार एक विज्ञप्ति सोशल मीडिया पर वायरल कर कहा है कि इस वेतन वृद्धि का बहुत अधिक लाभ नहीं मिलने वाला है। उनका कहना था कि सरकार को जुलाई 2020 से काल्पनिक वेतन वृद्धि को भी मूल वेतन वृद्धि मानकर वेतन वृद्धि देने के आदेश देने थे। काल्पनिक वेतन वृद्धि का वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। उधर मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक, कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार पटेल समेत अन्य ने वेतन वृद्धि का लाभ देने संबंधी आदेश पर खुशी जताई है। साथ ही महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि के एरियर की राशि की मांग की है। कर्मचारियों को इस तरह लाभ मिलने की संभावना : मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री एलएन शर्मा का दावा है कि वेतन वृद्धि संबंधी आदेश से पता चलता है कि कर्मचारियों को महीने में पांच से छह प्रतिशत मूल वेतन में लाभ हो सकता है। यदि यह सही हुआ तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को हर माह वेतन में 600 से 15 हजार रुपये, तृतीय वर्ग को 1200 से 2800 रुपये, द्वितीय श्रेणी को 2500 से 4500 रुपये और प्रथम श्रेणी अधिकारियों को न्यूनतम पाच हजार से अधिक रुपये का लाभ होगा।