सोशल मीडिया: कुछ ख्वाब सी है ये दुनिया


स्टोरी हाइलाइट्स

कुछ ख़्वाब -सी है यह दुनिया,मौजूदगी के लिए खुद कहां होते हैं?ओनलाइन और ओफलाइन काफी हैसामने बैठे बातें दूसरे से करें,बिना रिश्तों के रिश्ते नि.......

सोशल मीडिया कुछ ख़्वाब -सी है यह दुनिया, मौजूदगी के लिए खुद कहां होते हैं? ओनलाइन और ओफलाइन काफी है सामने बैठे बातें दूसरे से करें, बिना रिश्तों के रिश्ते निभाने धंटे बिगाड़े अपनों से कतराते, प्यार की फिजाएं भी बड़ी निराली शब्दों का कुछ काम नहीं, इमोजी से हंसते हुए लोग, रोने के लिए इमोजी, दो -दो चेहरों के साथ जीता आदमी, बदला हुआ रूप सेल्फी पोज बड़ा कमाल!!!!! सपाउट बनाते बच्चे, बूढ़े और जवान अपनों के लिए कुछ नहीं करते, सेल्फी में जान गंवाते बड़ी अनोखी है यह दुनिया, आभासी दुनिया, सब कुछ नकली फिर भी इस अंतर्जाल में फंसे हुए लोग, पल भर में आसान हो जाता काम, चिठ्ठी, कबूतरों को भूलकर मेसेनजर, ईमेल पर टीकी है पीढ़ी, खेल के मैदान खाली हुए.... घर के कोने में हाथों में मोबाइल देवता की उपासना में लीन सब मेसेज- मेसेज खेलने लगे गांव की गलियों में सन्नाटा छा गया..... दूध वाले से लेकर सब्जी मंडी तक, 2साल के बच्चों से लेकर बूढ़े तक, प्रोफेसर से विधार्थी तक, हर तबके के लोगों ने वर्चुअल दुनिया में खलबली मचा दी, खाना, पीना और हवा के साथ अब मोबाइल जुड़ गया है..... नशा शराब पीने से होता है लेकिन सोशल मीडिया का बढ़ता नशा भी कम नहीं है, बिना पीएं मदहोश कर रहा है -मीठा ज़हर जिसने अपनों से दूर किया ख्वाब की दुनिया से जोड़ दिया हां है कमाल !!!!!! इससे दूर रहना भी मुश्किल और उसके साथ भी.... जादू की छड़ी है पल भर में, कुछ नयाहर बार कुछ नया, समंदर की लहरों के जैसा... अनंत आकाश की तरह, अंतर्जाल की माया। डा. कल्पना