समाज में  सोशल वर्कर की भी बहुत मुख्य भूमिका होती है, जानते हैं कैसे बनते हैं सोशल वर्कर 


स्टोरी हाइलाइट्स

समाज में  सोशल वर्कर की भी बहुत मुख्य भूमिका होती है, जानते हैं कैसे बनते हैं सोशल वर्कर  सोशल वर्कर वो इंसान होता है जो सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेकों यौजनाओं के बारे में आम जनता तक जानकारी देता है, इसके साथ समाज में चल रही अनेकों छोटी या बड़ी परेशानी को सरकार तक पहुंचाता है. एक तरह से सोशल वर्कर का पद केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जाने वाली सामाजिक कार्यों की समितियों, सोशल वेलफेयर प्रोजेक्ट, महिला एवं बाल विकास की परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों आदि में होता है. ज्यादातर मामलों में सोशल वर्कर की नियुक्ति इन संस्थानों में अस्थायी/संविदा कर्मचारी के रूप में की जाती है. सोशल वर्कर के कार्य संबंधित विभाग या संगठन के सोशल वेलफेयर योजनाओं या गतिविधियों का सुचारू रूप से क्रियान्वयन, देख-रेख, मूल्यांकन और जागरूकता फैलाने से संबंधित होते हैं. Social worker बनने के लिए आवश्यक स्किल्स होना जरूरी है, जैसे कि आपको सामाजिक कार्यों में रूचि हो और आप समाज के निचले तबके के उत्थान के बारे और कुछ करने की चाहत रखते हों.अभी कोरोना काल में बहुत से सोशल वोर्केरों ने बहुत सी गरीब जनता की मदद करी. बहुत से संघठन आगे आये और आम जनता की हर प्रकार की मदद करी. Social work is a practice-based profession that promotes social change, development, cohesion and the empowerment of people and communities. Social work practice involves the understanding of human development, behavior and the social, economic and cultural institutions and interactions. Social work professionals working with families and institutions have helped to provide and advance the following social impacts सोशल वर्कर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता? सोशल वर्कर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पास होना चाहिए.  इसके साथ-साथ सोशल वर्क / साइकोलॉजी / काउंसलिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त हो. इनके अतिरिक्त निम्नलिखित योग्यताएं रखने वाले उम्मीदवारों को सोशल वर्कर के पद पर वरीयता दी जाती है- महिला/बाल विकास या स्वास्थ्य या पर्यावरण आदि, जिस किसी भी क्षेत्र में वेकेंसी हो, उस क्षेत्र विशेष से संबंधित स्पेशियलाइज्ड डिप्लोमा या सर्टिफिकेट प्राप्त होना चाहिए. कंप्यूटर पर कार्य करने में निपुणता. जिस क्षेत्र में नियुक्ति हो वहां की स्थानीय भाषा का ज्ञान. लिखने और रिपोर्ट बनाने पारंगत होना चाहिए. सोशल वर्कर के लिए कितनी है आयु सीमा? सोशल वर्कर बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. हालांकि, कुछ संस्थानों में अधिकतम आयु सीमा 40/45 वर्ष निर्धारित होती है. ऐसे उम्मीदवार जो कि आरक्षित श्रेणियों, जैसे SC, ST, OBC, आदि से संबंधित हैं, उनको अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है. सोशल वर्कर के लिए चयन प्रक्रिया और सैलरी? सोशल वर्कर के पद पर कैंडिडेट का चयन आमतौर पर इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. दूसरी तरफ यदि vaccancy के मुकाबले यदि अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं या स्थायी भर्ती होनी है तो शार्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन भी कर सकते हैं. नयी भर्ती और अस्थायी आधार पर भर्ती होने के कारण सोशल वर्कर के पद पर समेकित (कंसोलिटेडेट) मानदेय दिया जाता है जो कि रु. 20000-25000/- तक होती है. किसी संगठनों में यह नियुक्ति स्थायी आधार पर होती है और वहां पर सातवां वेतन आयोग लागू किया जा चुका है, वहां समकक्ष लेवल के अनुरूप सैलरी दी जाती है. सोशल वर्कर की कहां मिलेगी सरकारी नौकरी? सोशल वर्कर का पद केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जाने वाली सामाजिक कार्यों की समितियों, सोशल वेलफेयर प्रोजेक्ट, महिला एवं बाल विकास की परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों आदि में होता है. इसलिए सोशल वर्कर के पद की   रिक्तियां इन्हीं विभागों, एनजीओ और प्रोजेक्ट के लिए निकलती रहती हैं. इनकी जानकारी भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.