मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर, 1956 को हुई थी। मध्य प्रदेश 1 नवंबर, 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था क्योंकि इस दिन इस विभाजन छत्तीसगढ़ के रूप में हो गया था।
मध्य प्रदेश के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम में राजस्थान और गुजरात, दक्षिण में महाराष्ट्र है।
मध्यप्रदेश में पांच लोक संस्कृतियों का समावेशी संसार है। ये पांच साँस्कृतिक क्षेत्र है-निमाड़, मालवा, बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड और ग्वालियर (चंबल)।
मध्य प्रदेश राज्य में कुल 61 जिले हैं। इंदौर इसका सबसे बड़ा जिला है। साल 2011 की जनगणना के अन्तिम आकडोँ के अनुसार मध्य प्रदेश की कुल जनसँख्या 7,25,97,565 है।
प्रदेश की साक्षरता 70.6% है जो जबलपुर मे सर्वाधिक 82.5% है। राज्य में पुरुष साक्षरता=80.5% महिला साक्षरता=60.0% है।
मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और जो 308 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र पर फैला हुआ है।
उत्कृष्ट शिल्प और मूर्तिकला से सजे मंदिरों के देखने के लिए हर साल यहां करोड़ों की संख्या में सैलानी आते हैं।
रायसेन के गोरखपुर के पास 'चीन की दीवार' के बाद दुनिया की सबसे बड़ी दीवार बनाई गई थी, जिसके कुछ अवशेष अभी भी मौजूद हैं।
मराठा पेशवा बाजीराव ने सीहोर में एक भविष्य गणेश मंदिर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन वे गणेश प्रतिमा को उसके वर्तमान स्थल से टस से मस नहीं कर पाए।
आज विदिशा हैं वहां पहले दो शहर थे। बेतवा के पश्चिमी तट पर बेसनगर व पूर्वी तट पर भेलसा। यहां तोपें बनतीं थी। झांसी के किले में भेलसा की तोप ने ही अंग्रेजों के झक्के छुड़ाए थे।
धार्मिक महत्व के अलावा पुरातात्विक महत्व के इन स्थलों में कान्हा किसली, महेष्वर खजुराहो, भोजपुर, ओंकारेश्वर, सांची, पचमढ़ी, भीमबेटका, चित्रकूट, मैहर, भोपाल, बांधवगढ़, उज्जैन, आदि उल्लेखनीय स्थल हैं।
मंदिरों की आकर्षण स्थापत्य कला का एक नमूना खजुराहो के मंदिरों में देखा जा सकता हैं। एक हजार वर्ष पूर्व चंदेला राजपूतों के साम्राज्य में बनाए गए 85 मंदिर इनमें से वर्तमान में 22 मंदिर ही बेहतर स्थित में हैं।
ग्वालियर शहर के नजदीक स्थिति श्री शनिश्चरा मंदिर में शनिदेव की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम भक्त हनुमान ने की थी। यह स्थापना श्री राम सेना के लंका पर चढ़ाई के पहले की गई थी।
चंदेरी पर आक्रमण करने के लिए बाबर ने एक ही रात में 80 फीट ऊंची एक पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाया था, जिसे आज कटी घाटी के नाम से जाना जाता है।
शिवपुरी पहले सिंधिया वंश की ग्रीष्मकालीन राजधानी था, क्योंकि यहां का पर्यावरण काफी शुद्ध, वातावरण में ठंडक और वनप्रदेश होने के कारण प्राकृतिक शांति होती थी। इस शहर की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग भी तत्कालीन राजा 'माधौ महाराज' ने ही बनाई थी।
मध्यप्रदेश की राजधानी होने के साथ ही ताल-तलैयों के कारण पर्यटन के क्षेत्र में अपना अलग ही स्थान रखता हैं।
भोपाल से मात्र 40 किलामीटर की दूरी पर स्थित है भीमबेटका की हजारों साल पुरानी गुफाएं, यहां आदिमानव से जुड़ी चीजें देखने को मिलेंगी।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है जो कि भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
मध्य प्रदेश पूरे विश्व में अपने चंदेरी की साड़ियों के लिए मशहूर हैं।
दतिया को छोटा वृन्दावन भी कहा जाता है, यहां पर 16 वीं सदी की एक सात मंजिला महल मौजूद है।
गुना शहर का पूरा नाम है- ग्वालियर यूनाईटेड नेशनल आर्मी। गुना असल में कभी सिंधिया राजघराने का सैन्य मुख्यालय हुआ करता था।
अकबर के नवरत्नों में से एक 'मुल्ला-दो-प्याजा' हरदा में दफन हैं।
ईंट और रस्सी के व्यापार का केंद्र होने के कारण 'इटारसी' को अपना नाम मिला।
राम प्रसाद बिस्मिल की याद में मुरैना में एक शहीद मंदिर है और हर साल एक शहादत मेला लगता है क्योंकि राम प्रसाद बिस्मिल के पूर्वज यहीं के थे।
भारतीय संसद का डिजाइन मुरैना के 'चौसठ योगिनी मंदिर' से प्रेरित है।
जो जगह नीम के पार स्थित थी उसे निमाड़ कहा गया।
15 वीं शताब्दी में अलीराजपुर में एक राजा थे जिंका नाम था।
भारत
निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा
निर्वाचन-2024 के लिये मीडिया
कव्हरेज के परिप्रेक्ष्य में
विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
किये गये हैं। आयोग ने कहा है कि
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951
की धारा 126(1 - 17/04/2024
लोकसभा
निर्वाचन-2024 के अंतर्गत प्रदेश
में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष
चुनाव की पूरी तैयारी है। सभी
मतदान केन्द्रों पर पेयजल,
जरूरी दवाइयाँ और टेन्ट की
व्यवस्था की जा रही है। मतदान
प्रतिशत बढ़ाने के - 17/04/2024
भारत
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा
निर्वाचन 2024 में सभी मतदाताओं
को क्यूआर कोड वाली मतदाता
सूचना पर्ची वितरित की है।
क्यूआर कोड वाली मतदाता सूचना
पर्ची से मतदाता अपने मतदान
केन्द्र का क्रमांक, पता, - 17/04/2024
मुख्य
निर्वाचन पदाधिकारी श्री
अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश
में 19 अप्रैल को सुबह 7 से शाम 6
बजे तक मतदान प्रक्रिया चलेगी।
बालाघाट संसदीय क्षेत्र के
विधानसभा क्षेत्र बैहर, लांजी
और परसवाड़ा के - 17/04/2024