गौतम बुद्ध के कुछ प्रेरणादायक विचार...


स्टोरी हाइलाइट्स

नफ़रत नफ़रत से नहीं बल्कि प्रेम से खत्म होती है.यह ही परम सत्य है.वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से भी प्रेम नहीं करता उसका एक भी संकट नहीं है.

नफ़रत नफ़रत से नहीं बल्कि प्रेम से खत्म होती है.यह ही परम सत्य है. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से भी प्रेम नहीं करता उसका एक भी संकट नहीं है. तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकतीं, सूर्य, चंद्रमा और सत्य. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है. जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है; जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है. जैसे ठोस चट्टान हवा से नहीं हिलती, उसी प्रकार बुद्धिमान व्यक्ति प्रशंसा या आरोपों से विचलित नहीं होता . आपका मन सब कुछ है,जो तुम सोचते हो वो तुम बन जाते हो. कुछ भी स्थायी नहीं है. यदि एक पवित्र मन के साथ कोई व्यक्ति बोलता या काम करता है, तो कभी न जाने वाली परछाई की तरह ख़ुशी उसका पीछा करती है. बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है; बस पीड़ा की एक स्थिति है – मौत की छवि है. जो लोग चतुराई से जीते है उन लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है. शक की आदत सबसे खतरनाक है.शक लोगो को अलग कर देता है.यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बरबाद कर देता है.