इन लोगों से बच कर रहें... संगति का प्रभाव स्पन्ज की तरह


स्टोरी हाइलाइट्स

संगति का प्रभाव स्पन्ज की तरह -हमारा मन स्पन्ज की तरह है । हम  वह सब कुछ  सोख लेते है  जो हमारे आस पास के लोग हमारे बारे सोच  रहे होते हैं । -अगर हमारे आस पास नेगेटिव दृष्टिकोण रखने वाले लोग रहते है तो हमारा मन उन्हे पकड़ लेता है । हम बहुत असहज महसूस करने लगते  हैं  । उनके नाकारात्मक विचार  हमारी शक्ति चूस लेते  हैं  । हम भी  बुरा बुरा सोचने लगते हैं । घुटन महसूस होने लगती है । वहां  से भाग  जाने को मन करता है । -अगर हमारे आसपास के लोग पॉज़िटिव  सोच  के होते हैं  और जब हम उनके आस पास होते हैं  तो हम उनके मनोभावों को ग्रहण कर लेते हैं  । हम शक्तिशाली  महसूस करते हैं । अपने लक्ष्यों को शीघ्रता  से सम्पन्न करने को तैयार होते हैं  । -हमारा मन बार बार दोहराई गई बातो को विचारता रहता है । वह भेद नहीं करता की संदेश अच्छा  है या बुरा । जब हम किसी बात को बार बार सुनते हैं   तो उस पर  विश्वास   करने लगते हैं । -हम ने गीत सुना । उस गीत को कुछ  दिन तक सुनते रहे तो हम उस गाने को गुनगुनाने  लगते हैं  । -सफलता के विचार  मन में बार बार आते  रहें तो हम सफलता की राह  पर बढ़ने लगते हैं  । -आज के युग में हम चारो तरफ़ से नाकारात्मक लोगो से घिरे रहते हैं , वह चाहे घर  हो, कार्य स्थल हो या कोई समूह जिनसे हम अपनी अपनी रुचि अनुसार जुड़े रहते हैं । -हम न  घर  को छोड़ सकते है ना नौकरी छोड़  सकते है और ना ही समूह को छोड़  सकते हैं । परंतु  नकारात्मक साथी  समय समय पर मुख से व्यर्थ बोलने  लगाते हैं , वह अपना कर्तव्य नहीं निभाते, हमें  तनाव  देते रहते  हैं  । जो लक्ष्य हम ने लिया है वह दूर दिखने लगता है । -कई  बार ये लोग बोलते कुछ  नहीं परंतु निरंतर मन से हमारा विरोध करते रहते हैं और पीठ पीछे निन्दा करते हैं  । कहने को  कहते है कि  हम सब भाई  भाई  है परंतु सोच, बोल और कर्म अलग होते हैं  । [caption id="attachment_11701" align="alignright" width="640"] Four cheerful friends chatting while lunch in restaurant; Shutterstock ID 125612351; PO: TODAY.com[/caption] -ऐसी कोई भी  नकारात्मक स्थिति  कही पर भी  आये तो उस से बचने और आगे बढ़ने का एक ही सब से बढिया तरीका  है कि आप अपने काम पर ध्यान रखें। -अगर आप माता  हैं तो घर  में  आप अपने काम पर ध्यान  रखे   । रूठना नहीं, घर  से भागना  नहीं, ना ही किसी को अपने दुखडे  सुनाने  की जरूरत है । अपने काम से मतलब रखो ।  आप का काम क्या है । आप का काम है घर  के काम-काज  रोटी पानी  वा  सफाई तथा  आप पर निर्भर लोग पति और बच्चो के बारे कल्याणकारी संकल्प रखना और बच्चो को कामयाब बनाना  । बस इसी काम में लगे  रहें  । -अगर आप कहीं नौकरी करते  हैं तो आप को जो काम दिय गया है सिर्फ उसी पर ध्यान  रखें  । दूसरे लोग चाहे काम करें  या  न  करें   उन्हे कुछ मत कहो । -ऐसे ही अगर आप किसी संस्था से जुड़े  हैं  तो आप अपनी ड्यूटी पर ध्यान केन्द्रित  रखें  । अगर आप योगी बनाने वाली संस्था से जुड़े हैं  तो वहां  भी  नाकारात्मक लोग मिलेंगे परंतु आप को आपने काम पर केन्द्रित रहना है । आप का काम क्या है । जो स्थूल ड्यूटी दी  गई है उसे लगन  से पूरा  करना । दूसरा आप का काम है अपना आध्यात्मिक विकास करना । उसके लिये पढ़ना, लिखना  और साधना  का अभ्यास करना और मन से सेवा  करना । बस इसी में लगे रहें  । -आप जहां भी  रह रहे हो  सदा  याद रखो   यहां मेरा क्या काम है, सिर्फ उस पर ध्यान दो तो आप सदा सेफ रहेंगे ।