रहस्यमयी मंदिर, जहां भगवान की मूर्तियों को पसीना आता है


स्टोरी हाइलाइट्स

भारत में कई ऐसी धार्मिक स्थल हैं जहां एक से एक चमत्कार देखने को मिलते हैं। अपने इन्हीं चमत्कारों के कारण यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक भी बने ह....

रहस्यमयी मंदिर, जहां भगवान की मूर्तियों को पसीना आता है भारत में कई ऐसी धार्मिक स्थल हैं जहां एक से एक चमत्कार देखने को मिलते हैं। अपने इन्हीं चमत्कारों के कारण यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक भी बने हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर हैं जो ऊंची ठंडी पहाड़‍ियों पर स्थित होने के बावजूद भी यहां भगवान की प्रतिमा को पसीना आता हो। ऐसा क्यों होता है इसके बारे में अब तक कोई पता नहीं लगा पाया है। यहां आप जानेंगे भारत के कुछ ऐसे ही जानें माने मंदिरों के बारे में जहां की मूर्तियों को पसीना आता है… हिमाचल का प्रसिद्ध देवीपीठ देवभूमि हिमाचल प्रदेश में स्‍थापित है देवीपीठ भलेई माता का मंदिर। जिसका रहस्य काफी चौंकाने वाला है। इसकी स्‍थापना के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान की मूर्ति स्‍वयंभू है। इसके बाद जिस जगह पर मां की मूर्ति प्रकट हुई थी। वहां पर मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर में स्‍थापित मां की मूर्ति को पसीना निकलता है। लेकिन यहां के पुजारी बताते हैं कि इस रहस्य का आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है। कार्तिकेय मुरुगा का सिक्क्कल सिंगारवेलावर मंदिर तमिलनाडु का कार्तिकेय मुरुगा का सिक्क्कल सिंगारवेलावर मंदिर। इस मंदिर में भी ऐसा ही चमत्कार देखने को मिलता है। यहां मौजूद भगवान की मूर्ति को भी पसीना आता है। इस मंदिर के रहस्य के बारे में भी आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है। यहां हर साल अक्टूबर से नवंबर के बीच आयोजित किये जाने वाले त्यौहार में भगवान सुब्रमण्य की पत्थर की मूर्ति से पसीना टपकता है। कहा जाता है कि यह त्योहार राक्षस सुरापदमन पर भगवान सुब्रमण्य की जीत की खुशी में मनाया जाता है। एक कथा अनुसार मूर्ति को आने वाला यह पसीना राक्षस को मारने के लिए उत्सुकता से इंतजार करते हुए भगवान सुब्रमण्य के क्रोध का प्रतीक है तथा जैसे-जैसे त्‍योहार समाप्ति की ओर बढ़ता है तो यह पसीना कम होने लगता है। मंदिर के पुजारी भगवान के पसीने का जल के रूप में लोगों पर छिड़काव करते हैं। यहां माता की मूर्ति को गर्मी नहीं होती बर्दाश्त मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित मां काली के मंदिर में भी यही चमत्कार देखने को मिलता है। यहां मां काली की प्रतिमा को गर्मी सहन नहीं होती है। तापमान बढ़ते ही माता को पसीना आने लगता है जिस कारण यहां 24 घंटे एसी चलाया जाता है।