नीतीश सरकार में मंत्री जमा खान के पूर्वज 800 साल पहले बने थे मुसलमान, आज भी हिंदू परंपराओं को निभाता है परिवार।


स्टोरी हाइलाइट्स

बिहार सरकार के मंत्री जमा खान के पूर्वज 800 साल पहले हिंदू थे जमाल खान के पूर्वज भगवान सिंह राजस्थान से बिहार आए और मोहम्मद पहाड़ खान बन गए।..जमा खान

  https://youtu.be/Xssasc64bKY बिहार सरकार के मंत्री जमा खान के पूर्वज 800 साल पहले हिंदू थे जमा खान Jama Khan के पूर्वज भगवान सिंह राजस्थान से बिहार आए और मोहम्मद पहाड़ खान बन गए। हालांकि 800 साल बाद भी कैमूर जिले के गांवों के लोगों में यह दास्तान चर्चा का विषय रहती है। ये भी पढ़ें...केंद्र सरकार की योजनाएं अटकें नहीं, इसलिए मुझे नीतीश सरकार की जरूरत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी   राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू मुस्लिम का डीएनए एक है। दरअसल इसके पीछे थ्योरी है जो यह बताती है कि कुछ सौ साल पहले भारत में सिर्फ और सिर्फ हिंदू रहा करते थे इन हिंदुओं में से कुछ ने तात्कालिक परिस्थितियों के कारण मुस्लिम धर्म अपना लिया था। इससे यह भी साबित होता है कि भारत में हिंदू मुस्लिम डीएनए एक है।   जमा खान के पूर्वज दो भाई थे एक ने नौ घरा गाँव बसाया तो दूसरे ने सरैया। एक में मुस्लिम पॉपुलेशन रहती है तो दूसरे में हिंदू पापुलेशन। ये दोनों गांव एक दूसरे से 5 किलोमीटर दूर हैं। दोनों गांव हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल हैं। उनके रीति रिवाज लगभग समान हैं। ये भी पढ़ें...बिहार की ये कुर्सी चुभती है … संभालना नहीं आसान .. अतुल पाठक जीवन मरण में एक दूसरे के रस्मो रिवाज में शामिल होना चलता है। परंपराएं अभी भी जस की तस हैं। यहां पर purohit को फसल का अग्रभाग दिया जाता है। यहां शादियां होती हैं तो हिंदू की तरह ही हल्दी का उबटन लगाया जाता है। मंडप की रस्म भी होती है। जमा खान के चचेरे भाई रजा खान कहते हैं कि 30 साल पहले तक मुस्लिमों के निकाह से पहले वैदिक मंत्र पढ़े जाते थे। दोनों गांव के पुरोहित भी एक ही होते थे- राम प्रसाद तिवारी। उनके पुत्र कैलाश तिवारी यह परंपरा आगे बढ़ा रहे थे। उसके बाद यह परंपरा शिथिल हो गई।   ये भी पढ़ें....बिहार से प्रेरणा ले सकते हैं राज्य अब बताते हैं भगवान सिंह की कहानी जो 800 साल पहले बिहार आए थे। चैनपुर स्टेट में गढ़वाल वंश के शालिवाहन का राज था। राजस्थान के बांसवाड़ा से महिमन सिंह निकले और चैनपुर में उन्होंने शरण ली। उनके दो बेटे थे भगवान सिंह और जयराम सिंह। भगवान सिंह ने चैनपुर स्टेट में सेना में नौकरी ज्वाइन कर ली। बाद में उन्हें प्रमोशन मिला और वह सेनापति बन गए। ग्यारह सौ निन्यानवे में नालंदा यूनिवर्सिटी के पुस्तकालय को जलाने से पहले अलाउद्दीन खिलजी ने चैनपुर पर आक्रमण कर दिया और उसे हरा दिया। भगवान सिंह को मजबूरन धर्मांतरण करना पड़ा और वह मोहम्मद पहाड़ खान बन गए।   ये भी पढ़ें.... हिमाचल-उत्तराखंड और बिहार में भारी बारिश, सड़कें नदी में बदलीं- 12 लापता   उनके वंशज अब नौघरा गांव में बसे हुए हैं उनके दूसरे भाई जयराम सिंह के वंशज पास के गांव मलिक सराय में रहा करते हैं।   Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.