जिन जवाबों से भारतीय लड़कियां बनीं ‘विश्व सुंदरी’


स्टोरी हाइलाइट्स

जिन जवाबों से भारतीय लड़कियां बनीं ‘विश्व सुंदरी’   कुछ सवालों के जवाब आपकी ज़िंदगी बदल देते हैं. भारत की मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीत चुकी हैं. मानुषी ने ख़िताब जीतने से पहले जो जवाब दिया , उसकी तारीफ़ हर जगह हुयी. प्रतियोगिता के आख़िर में मानुषी से सवाल पूछा गया, दुनिया में किस पेशे की सेलरी सबसे ज़्यादा होनी चाहिए और क्यों? मानुषी ने इसका जवाब दिया, ”मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रही हैं. इसलिए मैं कह सकती हूं कि मां होने की जॉब सबसे बेहतरीन है. बात केवल पैसे की नहीं है, बल्कि प्यार और सम्मान के लिहाज, कोई भी मां सबसे ज़्यादा वेतन की हकदार होती है.” ये पहली बार नहीं है, जब मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारतीय लड़कियों के दिए जवाबों ने सुर्खियां और ताज हासिल किया है. मानुषी से पहले पांच भारतीय लड़कियां विश्व सुंदरी का ख़िताब जीत चुकी हैं. जैसा कि नियम है प्रतियोगिता में लड़कियों से कुछ सवाल पूछे जाते हैं. आइए आपको बताते हैं, वो सवाल और जवाब, जिनसे प्रतियोगिता के दौरान गुज़रकर भारतीय लड़कियां बनीं विश्व सुंदरी. रीता फारिया, 1966 रीता फारिया भारत और एशिया की पहली लड़की थीं, जिन्होंने मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता था. लेकिन रीता बहुत ज़्यादा दिन तक मॉडलिंग में एक्टिव नहीं रहीं. वो डॉक्टर बनीं और समाजिक कामों में लगी रहीं. जब रीता ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, तब वो मेडिकल स्टूडेंट थीं. बीते साल इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में रीता फारिया ने ख़िताब जीतने से पहले पूछे गए सवालों के बारे में जानकारी दी थी. रीता फारिया से पर्सनालिटी राउंड में पूछा गया, आपको डॉक्टर क्यों बनना है? भारत में महिला विशेषज्ञों की बेहद ज़रूरत है. हां, मैं मानती हूं कि भारत में बच्चे बहुत हैं और इस पर काम करने की ज़रूरत है. ऐश्वर्या राय, 1994 अगर आप आज विश्व सुंदरी का ख़िताब जीत जाएं तो क्या करेंगी और 1994 की मिस वर्ल्ड में क्या खूबियां होनी चाहिए? ”मैं अगर आज मिस वर्ल्ड बनी तो मैं अपनी ज़िम्मेदारियों को ईमानदारी और मन से निभाऊंगी. शांति, सौहार्द और दया की अच्छी अंबेसडर बनने की कोशिश करूंगी. ताकि हमारा ‘ब्यूटी विद पर्पज़’ का जो मकसद है, उसके साथ भी न्याय कर सकूं. याद रहे दोस्तों, मैं हमेशा आपके साथ रहूंगी. अब तक जो मिस वर्ल्ड्स हुई हैं. वो इस बात का पर्याप्त सबूत हैं कि उनके मन में हाशिए के लोगों के लिए दया है. न सिर्फ़ ऐसे लोग, जिनके पास प्रतिष्ठा और ओहदा है. बल्कि वो लोग जो राष्ट्रीयता और रंग के लिए बनाई आदमी की बंदिशों के पार देख सकें. मेरे लिए वही एक बेहतरीन मिस वर्ल्ड है. एक सच्चा और असली इंसान. शुक्रिया.” डायना हेडन, 1997 आप अगर मिस वर्ल्ड बनती हैं तो आप इनाम की राशि से क्या करेंगी. क्या आप इसे दान में देंगी? ”मैं अपनी इनाम राशि किसी और के साथ क्यों शेयर करूंगी. ये मेरी इनाम राशि है, इसे मैं अपने दोस्तों और परिवार पर ख़र्च करूंगी. मैं इसे जहां मन ख़र्च करूंगी और निवेश करूंगी.” एक इंटरव्यू में डायना हेडन अपने इस जवाब के बारे में कहती हैं, जजों को अब तक पृथ्वी बचाने और विश्व शांति के चर्चे सुनाई देते थे तो मेरे इस जवाब ने जजों को काफ़ी चौंकाया था. वो शायद इसकी उम्मीद नहीं कर रहे थे. युक्ता मुखी, 1999 आपका पसंदीदा खाना क्या है. अगर आप दुनिया में कुछ भी बन सकती होतीं, तो क्या बनती. आप किस देश जाना चाहेंगी? ”मैं बीते 20 सालों से इंडियन फूड खा रही हूं और मैं इससे बोर नहीं हुई हूं. पर मेरा पसंदीदा खाना थाई फूड है. ब्रिटिश कलाकार आड्री हेपबर्न की खूबसूरती और दया की मैं कायल हूं. उनकी आभा और शांति उनसे साफ झलकती है. भारत के अलावा मैं पेरिस, फ्रांस जाना चाहूंगी. मैं वहां कभी नहीं गई हूं. ये मॉडल्स का मुल्क़ है. ये एक ऐसी जगह है, जहां मैं जाना चाहूंगी.” प्रियंका चोपड़ा, 2000 बीते साल की विनर भी भारत से थीं, इस वजह से क्या दबाव में हैं? आप किसे सबसे कामयाब लिविंग वूमेन मानती हैं और क्यों? ”मैं दबाव में सबसे बेहतर करती हूं. जब दबाव होता है, तब उम्मीदें होती हैं और जब उम्मीदें होती हैं तब मैं कामयाबी के लिए जोश से भर जाती हूं. ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनकी मैं तारीफ़ करती हूं और जिन्होंने मुझे काफ़ी प्रभावित किया है. ऐसी ही एक महिला हैं मदर टेरेसा, जिन्हें मैं दिल से मानती हूं. वो भावुक, उत्साही और मानवीय हैं, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए लगा दी. मैं वाकई मदर टेरेसा का बहुत सम्मान करती हूं.” प्रियंका चोपड़ा का ये जवाब एक दूसरी वजह से चर्चा में आया. दरअसल प्रियंका से ये सवाल था कि आप किसे कामयाब लिविंग वूमेन मानती हैं यानी वो कामयाब महिला, जो अब भी ज़िंदा है. प्रियंका चोपड़ा ने मिस वर्ल्ड का ख़िताब साल 2000 में जीता था और मदर टेरेसा की 1997 में मौत हो गई थी.