भारत के युवाओं का कमजोर दिल?  कहीं न बन जाए आपके जीवन का कातिल? अतुल पाठक


स्टोरी हाइलाइट्स

कुछ ही महीने पहले की बात है सर्दी का दिन था|  भोपाल में सुरेश  खाना खाकर रजाई में लिपटकर नींद के आगोश में सपनों की दुनिया में पहुंच चुके थे| कमजोर दिल

भारत के युवाओं का कमजोर दिल?  कहीं न बन जाए आपके जीवन का कातिल? अतुल पाठक कुछ ही महीने पहले की बात है सर्दी का दिन था| भोपाल में सुरेश खाना खाकर रजाई में लिपटकर नींद के आगोश में सपनों की दुनिया में पहुंच चुके थे| तड़के 4:00 बजे अचानक सीने में दर्द उठता है| सुरेश की हालत इतनी खराब हो जाती है नींद खुल जाती है पूरी बॉडी पसीने से तरबतर हो जाती है| सुरेश यहां पर एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं घर पर वह अकेले ही रहते हैं| ऐसा कोई नहीं था जो उन्हें हॉस्पिटल ले जा सके| ये भी पढ़ें.....हार्ट  डिसीज़ : कब आता है हार्ट अटैक ? जानिए लक्षण, कारण व उपचार..   दर्द को सहते हुए 1 घंटे बीत जाते हैं सुरेश को फिर से नींद आ जाती है| सुबह सुरेश को  सब कुछ ठीक लगता है| सुरेश लापरवाह हो जाते हैं और डॉक्टर के पास जाने का फ़ैसला टाल देते हैं| लेकिन अगले दिन फिर सुरेश को दिक्कत होने लगती है| चलने फिरने में थकान होने लगती है सुरेश डॉक्टर के पास पहुंचते हैं डॉक्टर इकोकार्डियोग्राम कराने की सलाह देते हैं| टेस्ट से पता चलता है कि कल सुबह 4:00 बजे सुरेश को जो दर्द उठा था वह हार्टअटैक था| सुरेश के होश उड़ जाते हैं वह समझ ही नहीं पाते कि इतनी कम उम्र में उन्हें दिल का दौरा कैसे पड़ सकता है? लेकिन ये सच्चाई थी आप माने ना माने आंकड़े बताते हैं कि भारत में कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं| युवाओं की हार्ट अटैक से मौत के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं वह चौंकाने वाले हैं| एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हार्ट अटैक के मामलों में 40 फ़ीसदी हार्ट के मरीज 40 साल से कम के हैं| तो क्या आप देश के युवाओं का दिल कमजोर हो रहा है| जी हां इस बात में पूरी सच्चाई है| ये भी पढ़ें.....फिल्मों की तरह ड्रामे भरे अंदाज में नहीं आता हार्ट अटैक, Silent heart attack के बारे में जान लीजिए युवाओं में तनाव, खाने की गलत आदतें, कंप्यूटर पर देर तक काम करने, स्मोकिंग, तंबाकू, शराब की लत और पोलूशन के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही है| जिन्हें हार्ट की समस्याएं हैं उन पर कोरोनावायरस कहर बनकर टूटा है| प्रीमेच्योर डेथ के मामले में दिल की बीमारी मृत्यु के कारणों में पहले नंबर पर है| यदि आप युवा हैं तो आप यह मान कर ना चले कि आपको हार्ट की बीमारी नहीं हो सकती| कुछ साल पहले तक हार्ट की बीमारी को बुजुर्गों से जोड़कर देखा जाता था लेकिन एक दशक में हार्ट डिजीज के आंकड़े कुछ और कहानी कहते हैं| देश के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट कहते हैं कि देश के युवाओं का दिल कमजोर हो गया है| बदलती लाइफस्टाइल के कारण यूथ का हार्ट अब कमजोर होता जा रहा है वो अब तेजी से धड़कता है| छोटी-छोटी बातों पर धड़कता है| थोड़े से भी तनाव में अब वह उछलने लगता है| दरअसल भारत के युवा लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं| ये भी पढ़ें.....पैनिक बीमारी (Panic Disorder) की पहचान : Panic attacks and panic disorder इसके कारण है:- 1. टेंशन 2. खाने की बुरी आदतें 3. कंप्यूटर मोबाइल पर देर रात तक काम करना 4. शराब की लत 5. देर तक पार्टियां करना 6. देर तक जागना 7. पोलूशन इन्हीं वजहों से हार्ट अटैक आते हैं और कुछ युवा इसकी वजह से जान से हाथ धो बैठते हैं| सुरेश का मामला भी लाइफ़स्टाइल डिसऑर्डर से जुड़ा हुआ था| देर तक ऑफिस में काम करना, ऑफिस से निकलते ही बाहर का तला भुना खा लेना, कई बार समोसे से काम चला लेना| घर आने के बाद मोबाइल पर देर रात तक चैट करते रहना और फिर सो जाना| खाने के बाद  टहलने की अच्छी आदत तो सुरेश की जिंदगी में थी ही नहीं| सुरेश 22 साल की उम्र से सिगरेट पीने लगे और 29 साल के होते होते वो एक चेन स्मोकर बन गए| हार्ट अटैक आने के बाद अब सुरेश ने सिगरेट पीना छोड़ दिया है| अब सुरेश अपनी लाइफ स्टाइल को ठीक करने की कोशिश में है| लेकिन अक्सर होता यह है कि हम कुछ दिनों तक तो सचेत रहते हैं और जब स्वस्थ महसूस करते हैं तो वापस अपनी पुरानी लाइफ़स्टाइल पर आ जाते हैं| हार्ट के कमजोर पड़ने की समस्या बचपन से ही शुरू हो जाती है| बच्चों में तनाव आम बात है|  स्टूडेंट लाइफ में ही खाने का गलत समय| मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल| ज्यादा खाना|  उल्टा सीधा खाना| तला भुना खाना| स्ट्रीट फूड का शौक| पैदल चलने की बजाये बाइक स्कूटर का इस्तेमाल करना| थोड़ी दूर जाने के लिए भी व्हीकल का इस्तेमाल करना| घर का काम नहीं करना| ऐसी कई गलत आदतें हैं जिनकी वजह से दिल कमजोर होता जाता है| ये भी पढ़ें.....हार्ट के बारे में कुछ रोचक तथ्य। Amazing Facts About Heart. हार्ट के कमजोर होने के पीछे एक और वजह अनवांटेड रिलेशनशिप भी है| युवावस्था में अप अपोजिट सेक्स के प्रति अट्रैक्शन कोई नई बात नहीं है| इस उमर में यूथ एक साथ कई दोस्त बनाते हैं| उनके साथ इमोशनल अटैच हो जाते हैं और जब ब्रेकअप होता है तो उन्हें मानसिक रूप से नुकसान झेलना पड़ता है| एक साथ कई अफेयर चलाने से न सिर्फ उनके पॉकेट पर असर पड़ता है बल्कि उनका समय खराब होता है और मानसिक स्थिति भी बिगड़ती है| ओवरएंबिशियस होना भी हार्ट को कमजोर करता है| यूथ अपनी लिमिटेशंस को नहीं जानते|  बाहरी आकर्षण के चलते ऐसे गोल सेट कर लेते हैं जो उनकी कैपेसिटी से बाहर होते हैं| अपने मां-बाप की सिचुएशन को न समझ पाना भी तकलीफ का कारण बनता है| वह पेरेंट्स की पॉकेट लिमिटेशंस को समझने की बजाए ज्यादा खर्च करने लगते हैं और फिर पैसे की चिकचिक भी उनके दिल पर बुरा असर डालती है| ये भी पढ़ें.....खून पतला करने वाली दवाईयां खाने के बाद भी क्यों आता है हार्टअटैक, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें अटैक के 3 कारण हार्ट अटैक के लक्षण सीने में तेज दर्द है|आपने फिल्मों में भी देखा होगा कि किसी को दिल का दौरा पड़ता है तो अपना सीना जोर से जकड़ लेता है| दर्द के कारण उसकी आंखों में घबराहट दिखने लगती है वह जमीन पर गिर जाता है| लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता कई बार अटैक साइलेंट होता है| हार्ट अटैक दिल तक खून की पर्याप्त आपूर्ति न हो पाने के कारण पड़ता है| इसीलिए सीने में तेज दर्द होता है| कभी कभी दर्द नहीं भी होता है इसी को साइलेंट अटैक कहा जाता है| Covid काल में जितनी मौतें हुई उनमें हार्ट अटैक सबसे बड़ी वजह रही| दिल कमजोर होने की वजह से जो मरीज कोरोना से उबर गए वह भी जान से हाथ धो बैठे क्योंकि हार्ट पहले से ही कमजोर था कोरोनावायरस ने इस पर और असर डाला और अंत में दिल का दौरा मौत का कारण बन गया| हार्ट अटैक  के लक्षण:- सीने में दर्द| दिल के बीचो-बीच कसाव महसूस होना| शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द, दर्द हाथों में| जबड़े गर्दन पीठ और पेट की और जाता हुआ महसूस होना| मन अशांत लगना चक्कर आना| हार्ट बीट तेज हो जाना| पसीने से तरबतर होना| सांस लेने में तकलीफ होना| उल्टी आना या उल्टी जैसा लगना बेचैनी महसूस होना| खांसी के दौरे| जोर-जोर से सांस लेना| कुछ लोगों में हाथ में हल्का दर्द भी हो सकता है और कुछ मामलों में दर्द बिल्कुल नहीं होता| खासकर महिलाओं बुजुर्गों और शुगर पेशेंट में दर्द ना के बराबर होता है और यह लोग इसे गैस की प्रॉब्लम मानते हैं जबकि होता वह हार्टअटैक है| महिलाओं में भी प्री मेनोपॉज़ वाली उम्र में हार्ट अटैक जैसी बीमारियां देखी जा रही हैं| जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं या गर्भ निरोधक पिल्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करती हैं उनकी नेचुरल रूप से हार्ट अटैक से लड़ने की कैपेसिटी कम हो जाती है| मेनोपॉज के बाद 5 साल के अंदर महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों के बराबर हो जाता है| महिलाएं अक्सर सीने में दर्द को नजर अंदाज कर देती हैं और यह देरी से इलाज मिलने का सबब बनता है| हार्ट अटैक से बचने के लिए यूथ को अपनी लाइफ स्टाइल में चेंज लाने की जरूरत है| ये भी पढ़ें.....डायबिटीज और किडनी…जानिए मधुमेह के मरीजों में किडनी की बीमारी के लक्षण और इलाज  योग आसन, सही खानपान, तंबाकू और तंबाकू से जुड़े प्रोडक्ट से दूर रहना, जंक फूड से दूर रहना, मॉर्निंग वॉक करना, खाने के बाद वॉक करना, देर रात तक गैजेट्स का इस्तेमाल ना करना, इंटरनेट पर ज्यादा देर तक काम न करना, काम करने के दौरान बीच-बीच में उठना, फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेना, कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन रखना, यह सब ऐसी बातें हैं जिससे आप हार्टअटैक से बच सकते हैं| ट्रांसफैट से हार्ट में ज्यादा दिक्कत आती है इससे बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है| इसलिए डालडा या वनस्पति से बचें जोकि ट्रांसफैट के प्रमुख सोर्स है| इस तरह से आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं| ये भी पढ़ें..... सिर्फ इस एक तरीके से ठीक होगी बड़ी से बड़ी बीमारी तो दोस्तों सावधान हो जाइए| आप यूथ हैं तब भी आप अपने दिल के प्रति सचेत रहें| न्यूज़ पुराण की आपसे यही अपील है कि आप अपनी लाइफ स्टाइल को सुधारें| अपने दिल को मजबूत रखें| क्योंकि आपका दिल मजबूत है तो देश का दिल मजबूत रहेगा| बहुत-बहुत धन्यवाद|           Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.