आत्मनिर्भर बना रही ये महिलाएं. आत्मनिर्भर योजना के तहत स्वदेशी को बढ़ावा देने में जुटी..


स्टोरी हाइलाइट्स

Today where the country is going through an economic downturn due to Corona epidemic. At the same time, since the curbing of trade transactions....

आत्मनिर्भर बना रही ये महिलाएं. आत्मनिर्भर योजना के तहत स्वदेशी को बढ़ावा देने में जुटी.. कोरोना महामारी के कारण आज जहां देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है. साथ ही चीन के साथ व्यापारिक लेंन-देन पर अंकुश लगाने के बाद से ही देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना के साथ मिलकर स्वदेशी को बढ़ावा देने में जुटी भोपाल की ये दो महिलाएं लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हुई हैं. यह दोनों महिलाएं सोनल श्रीवास्तव और शैलेन्द्र पाठक भोपाल की रहने वाली हैं. दोनों महिलाओं ने देश मे स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम छेड़ी दी है. इस योजना से गरीब बस्तियों में रहने वाली महिलाओं एवं लड़कियों को हस्तशिल्प वस्तुओं के साथ, नई-नई आकृति के दीपक, सजावट के सामान के साथ ही गोबर से बनी फूलबत्ति और शुभ-लाभ बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण भी मिल रहा है. इस योजना का उद्देश्य रोजगार को बढ़ावा देकर सभी को आत्मनिर्भर बनाना है. सोनल श्रीवास्तव और उनके साथ ही इस मुहिम मे कार्य कर रही शैलेंद्र पाठक किसी एनजीओ से नही जुड़ी बल्कि खुद से ही इस कार्य शुरू कर दिया. उन्होंने बताया की वे अपने घर पर भी इन वस्तुओं का निर्माण करती रहती थी, उन्हें वस्तुओं का निर्माण करते देख कई बार तो लोगों ने उनसे इसे व्यवसाय में उपयोग करने की सलाह भी दी किन्तु आवश्यकता न होने पर उन्होंने इस और ध्यान नही दिया. लेकिन जब कोरोना के कारण लोगों के व्यवसाय छूट गए और देश में आर्थिक समस्याएं होने लगी तब उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की से प्रेरित होकर कार्य शुरू किया. उन्होंने बताया कि आज उनके द्वारा बनाये गए प्रोडक्ट लोगों को काफ़ी पसंद आ रहे है, जिसके बाद से उन्होंने इसे व्यवसाय में बदलकर लोगों को रोजगार देने का काम भी किया. सोनल ने बताया कि दीपावली पर स्वदेशी दीपक के साथ-साथ सीरीज तक का निर्माण किया गया. वहीं साथ मे शैलेन्द्र पाठक भी भगवान के पोशाक के साथ -साथ घर के बने पालक - मूंग के सेव जैसे व्यंजन बनाकर तैयार कर रहे है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल मे लोगों ने बाहर के खाने से परहेज करना शुरू किया था जिसके बाद से ही उनके द्वारा घर पर व्यंजन तैयार किए जा रहे है. सोनल ने बताया कि उनके इस कार्य मे उनकी बेटी शौर्या भी साथ देती है, वहीं शैलेंद्र का परिवार भी इस मुहिम में साथ दे रहा है.