हींग का परिचय (Uses Of Asafoetida) | हींग के फायदे (Hing ke Fayde)


स्टोरी हाइलाइट्स

हींग (Asafoetida) सौंफ की प्रजाति होने के साथ ईरान मूल का पौधा है। जिसकी सुगंध बेहद तेज होती है और खाने में इसका ......Hing ke fayde...हींग के फायदे

हींग का परिचय (Uses Of Asafoetida)....हींग के फायदे (Hing ke Fayde) हींग के फायदे और नुकसान हींग (Asafoetida) सौंफ की प्रजाति होने के साथ ईरान मूल का पौधा है। जिसकी सुगंध बेहद तेज होती है और खाने में इसका स्वाद कड़वा होता है। हींग का इस्तेमाल आमतौर पर: लंबे समय से चली आ रही सांस की समस्या, जैसे कि  ब्रोंकाइटिस और अस्थमा  होने पर,पेट संबंधी परेशानी जैसे गैस, अपच, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम और इरिटेबल कोलन होने पर, काली खांसी (पर्टुसिस),गले में खराश,हिस्टीरिया,पागलपन,बेहोशी और ऐंठन काफी समय से चली आ रही मानसिक समस्या और शारीरिक थकान के साथ डिप्रेशन। अगर किसी वजह से पीरियड्स आने रुक जाते हैं, तो महिलाएं कभी-कभी हींग का सेवन फिर से पीरियड्स को शुरू करने के लिए करती हैं।हींग को कभी-कभी सीधे त्वचा पर कॉर्न्स (corns) और कॉलस (calluses) जैसी समस्या पर भी लगाया जाता है।हींग का उपयोग कॉस्मेटिक्स और खाद्यपदार्थों पर खुशबू लाने के लिए भी किया जाता है। ◆ दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएं। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे। ◆ यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा। ◆ हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है। ◆ हींग का लेप बवासीर, तिल्ली व उदरशोथ में लाभप्रद है। ◆ कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा। ◆ पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा। ◆ पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं। ◆ जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। ◆ प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है। --   हींग (Asafoetida) कैसे काम करता है? यह एक हर्बल सप्लीमेंट है और कैसे काम करता है, इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि कुछ शोध यह बताते हैं कि हींग में मौजूद केमिकल इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम का इलाज करते हैं और साथ ही कई तरह के फैट जैसे कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड से होने वाले हाई ब्लड लेवल से बचाव करते हैं। हींग में मौजूद केमिकल कौमरीन्स रक्त को पतला करने में मदद करता है। सावधानियां और चेतावनी हींग (Asafoetida) के सेवन से पहले मुझे इसके बारे में क्या-क्या जानकारी होनी चाहिए? हींग का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर या फार्मासिस्ट या फिर हर्बल विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं तो हींग का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करें। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं तो अपने डॉक्टर के मुताबिक़ ही आपको दवाओं का सेवन करना चाहिए। आप कोई दूसरी दवा लेते हैं जोकि बिना डॉक्टर की पर्ची के आसानी से मिल जाते हों जैसे कि हर्बल सप्लीमेंट।अगर आपको हींग और उसके दूसरे पदार्थों से या फिर किसी और दूसरे हर्ब्स से एलर्जी हो। आप पहले से किसी तरह की बीमारी आदि से पीड़ित हों।आपको पहले से ही खाने-पीने वाली चीजों से, डाइ से या किसी जानवर आदि से किसी तरह की एलर्जी हो।हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम अंग्रेजी दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की ज़रुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें। हींग (Asafoetida) का सेवन कितना सुरक्षित है? आमतौर पर भोजन में पाए जाने वाली हींग की मात्रा ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। कुछ ऐसे शोध हैं जिनमें पाया गया है कि हींग को दवाई के रूप में लेना सुरक्षित माना जाता है। हींग से जुडी विशेष सवाधानी और चेतावनी --  बच्चे : हींग को अगर आप खिलाने के तौर पर शिशु को देते हैं तो यह उनके असुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इससे ब्लड डिसऑर्डर हो सकता है। --  प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग : अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो खाने के तौर पर हींग लेना असुरक्षित है। इससे मिसकैरिज हो सकता है, तो इसे न लें।अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो भी यह खाने के तौर पर लेना असुरक्षित हो सकता है। हींग में मौजूद केमिकल ब्रेस्ट मिल्क में जा सकते हैं और फिर ये शिशु में ब्लड डिसऑर्डर का कारण बन सकते हैं। तो ऐसे में इसका सेवन न करें। --  सर्जरी : आपको बता दें कि हींग ब्लड क्लॉटिंग को कम करके ब्लीडिंग के खतरे को और अधिक बढ़ा देती है। इसलिए सर्जरी से दो हफ्ते पहले ही हींग को खाना या उससे जुड़े किसी भी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। हींग के साइड इफेक्ट  हींग (Asafoetida) के सेवन से क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं? कुछ लोगों में हींग के कारण –  होंठों पर सूजन, डकार, गैस, दस्त,सिर दर्द, ऐंठन, रक्त विकार,जी मिचलाना,उल्टी, गले में जलन,पेशाब करते समय जलन होना  --  इस मसाले को अत्यधिक मात्रा में खाने से महिलाओं के पीरियड्स का चक्र भी अनियमित हो सकता है। हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरुरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।  हींग के प्रभाव हींग के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान समय में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ब्लीडिंग डिसऑर्डर – ऐसा कहा जाता है कि हींग खाने से ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है तो हींग का इस्तेमाल न करें। मिर्गीयादौरे पड़ना – अगर आपको मिर्गी की समस्या है या तंत्रिका की किसी प्रकार की स्थिति है तो हींग का इस्तेमाल न करें इससे मिर्गी या ऐंठन की समस्या और भी बढ़ सकती है। पेट और आंत की समस्या –  हींग गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट को इरिटेट कर सकता है। हींग का उपयोग न करें अगर आपको गैस्ट्रोइंटेस्टिनल इंफेक्शन है या गैस्ट्रोइंटेस्टिनल स्थिति है। हाईब्लडप्रेशर या लो ब्लड प्रेशर – ऐसा देखा जाता है कि हींग ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में रुकावटें पैदा कर सकता है। अगर आपको ब्ल्ड प्रेशर की समस्या है तो  हींग क उपयोग न करें। साथ ही कुछ दवाइयां भी बांधा उत्पन्न कर सकती हैं – हाई ब्लड प्रेशर के लिए दवाइयां (एंटी हाइपरटेंसिव ड्रग) -- हींग में ब्लड प्रेशर को कम करने की क्षमता देखी गई है। ऐसा हींग के साथ हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां लेने से हो सकता है आपका ब्लड प्रेशर और कम हो जाए। यह दवाइयां जैसे कैप्टोप्रिल (केपोटेन), एनालाप्रिल (वेसोटेक), लोसरटैन (कोजार), वाल्सर्टन (डीओवन), डेल्टियाजेम (कार्डिजेम), एम्लोडाइनिन (नॉरवास्क), हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड (हाइड्रोडिअरिल), फुरोसेमाइड (लासिक्स) शामिल हैं। --  दवाएं जो रक्त के थक्के को धीमा करती हैं (एंटीकोआगुलेंट / एंटीप्लेटलेट ड्रग्स):  हींग रक्त के थक्के को धीमा कर सकती है। हींग को दवाइयों के साथ लेने से भी थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे चोट लगने और खून बहने की संभावना अधिक हो जाती है। इन दवाओं में एस्पिरिन, क्लोपिडोग्रेल (प्लाविक्स), डाइक्लोफेनाक (वोल्टेरेन, कटफ्लम, अन्य), इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन, अन्य), नेप्रोक्सेन (एनाप्रोक्स, नेप्रोसिन, अन्य), डेल्टापेरिन (फ्रैगमिन), एनॉक्सैपरिन (लक्सोकारिन), हेपरिन, वार्फरिन (कौमडिन), और अन्य --  हींग की खुराक  यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आमतौर पर कितनी मात्रा में हींग खाना चाहिए? इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें। हींग  किन रूपों में उपलब्ध है? हर्बल सप्लीमेंट कई खुराक के रूप में उपलब्ध है – कैप्सूल, फ्लूइड एक्सट्रेक्ट,  पाउडर Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.