विपरीत करणी हवा योग बनाए शरीर को लाचीला और सेहतमंद


स्टोरी हाइलाइट्स

विपरीत करणी हवा योग करने से कई प्रकार की लाइलाज बीमारियों का भी इलाज काफी हद तक आसानी से हो जाता है। इस  योग को कई प्रकार से किया जाता है और इसको करने के भी कई तरीके होते है। इसे भारत और बाहर के देशों में भी कई फॉर्म्स में बांटा गया है।

विपरीत करणी हवा योग बनाए शरीर को लाचीला और सेहतमंद विपरीत करणी हवा योग करने से कई प्रकार की लाइलाज बीमारियों का भी इलाज काफी हद तक आसानी से हो जाता है। इस  योग को कई प्रकार से किया जाता है और इसको करने के भी कई तरीके होते है। इसे भारत और बाहर के देशों में भी कई फॉर्म्स में बांटा गया है। योग का एक फॉर्म है विपरीत करणी योग जिसे हवा में किया जाता है। इस योग के जितने भी योगासन होते है उसे हवा में किया जाता है। इस योग को करने के लिए एक सिल्क के कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कपड़े को लटका कर योग के कुछ मूवमेंट्स करते हुए कपड़े को शरीर से लपेट लेते है और आपका शरीर जितनी भी योग की क्रियाएं करता है वो जमीन से कुछ फ़ीट ऊपर करता है। इसलिए इस योग को विपरीत करणी हवा योग कहते है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे विपरीत करणी हवा योग के बारे में जिसे करने से आप अपने आप को  स्वस्थ रखने के साथ साथ फिट भी रख पाएंगे यह शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाता है। इस लेख में पढ़े . जाने विपरीत करणी हवा योग कैसे करते हैं और इसके फायदे विपरीत करणी योग के माध्यम से मनुष्य हमेशा के लिए स्वस्थ रह सकता है और साथ ही यह एक किफायती तरीका है अपने आप को फिट रखने का। कई सालों से बहुत सी बीमारियों का इलाज योग के द्वारा किया जा रहा है। यह इस तरह का योग है जिस के आसनो को हवा में करते है। इस योग में सांसो के साथ साथ अपने हाथों और पैरों पर भी अच्छी पकड़ का होना ज़रूरी है। इस योग को करने के लिए सिल्क के कपड़े से अलग अलग क्रिया करते हुए योगासन करना चाहिए। विपरीत करणी योग में यह सभी योगासन हवा में होते है इसलिए इसे इंस्ट्रक्टर के निर्देशानुसार ही करना चाहिए। विपरीत करणी योग आज कल के लोगो को काफी ज्यादा प्रभावित कर रही है। इस योग को एरियल योग के नाम से भी जाना जाता है। इसे योग का एक एडवांस वर्जन भी माना जाता है। जिससे शरीर को कई प्रकार के फायदे होते है। इस विपरीत करणी योग की शुरुआत 1990 में हुई थी। विपरीत करणी योग करने में सावधानियाँ विपरीत करणी हवा योग को हमेशा इंस्ट्रक्टर के अकॉर्डिंग ही करे। इस योग को करने के लिए अपनी सांसो के साथ साथ अपने पैरों और हाथों की पकड़ पर भी ध्यान केंद्रित करे। इस योग में अगर लापरवाही बरती गई तो इससे काफी ज्यादा शारीरिक समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस योग को आराम से और धीरे धीरे करना चाहिए, किसी भी प्रकार की कोई जल्द बाज़ी नहीं करना चाहिए। इस योग को करने का तरीका इसयोग को करने के लिए एक सिल्क फेब्रिक की जरूरत होती है।फिर इस सिल्क फेब्रिक को आप छत में मजबूती से बांधे। इस फेब्रिक को दोनों तरफ से बांधे इसके बाद इस फेब्रिक की मदद से कुछ क्रिया करते हुए शरीर पर इस कपड़े को लपटे। कपड़े को बांधते हुए इस बात का ध्यान रखे की कपड़ा जमीन से कुछ फ़ीट ऊपर होना चाहिए। इसी के साथ आप इस आसन को करते समय अपने शरीर का पूरा भर उस सिल्क के कपड़े पर डाले। जब आप एक बार सिल्क के कपड़े पर अपने हाथों और पैरों की पकड़ करना सिख जाएंगे तो इसके बाद आसानी से अलग अलग योग क्रिया को कर  पाएंगे। विपरीत करणी हवा योग करने के कई फायदे शरीर को संतुलित रखे विपरीत करणी हवा योग होने की वजह से यह योग हवा में होता है। इस की सभी क्रियाओं को सिल्की के कपड़े पर सही पकड़ के साथ किया जाता है। इस पकड़ को बनाने में शरीर को काफी संतुलन का ध्यान रखना पड़ता है। शुरुआत में हाथों की और पैरों की इस पकड़ को बनाने में समस्या आती है फिर धीरे धीरे अपने आप यह पकड़ बनाना आसान हो जाता है। इस वजह से शरीर भी काफी हद तक संतुलित रहता है। पाचन क्रिया में मददगार विपरीत करणी हवा योग में कई प्रकार की मुद्राएं बनाई जाती है। इन मुद्राओं में पूरे शरीर की काफी अच्छी तरह से स्ट्रेचिंग हो जाती है। इस स्ट्रेचिंग की वजह से शरीर में खाना पचाने की प्रक्रिया स्वस्थ रहती है। इसी के साथ खाने को पचाने में भी यह काफी हद तक मदद करता है। इसके अलग अलग आसनो को करने सेपाचन क्रिया तेज़ी से कार्य करती है। एंटी एजिंग के लिए फ़ायदेमंद इस योग के अलग अलग आसनो को करने से शरीर में ब्लड फ्लो काफी अच्छा रहता है। इस वजह से शरीर की सभी माँसपेशियों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुँच जाता है। इस वजह से त्वचा संबंधित होने वाली समस्या कम हो जाती है। अक्सर त्वचा संबंधित समस्या इसलिए भी होती है क्योंकि शरीर में सही मात्रा में ब्लड सर्कुलेट नहीं हो पाता है। इसी के साथ यह डार्क सर्कल्स को दूर करने में भी काफी मददगार होता है। दिल की समस्याओं में फ़ायदेमंद इस योग को करने से शरीर में सभी मांसपेशियों तक काफी अच्छी तरह से और सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी काफी अच्छी तरह से चलता है। इस वजह से हार्ट पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं पड़ता है जिस वजह से यहहार्ट को हमेशा स्वस्थ रखता है। कार्डियोवेस्कुलर स्वास्थ को भी काफी स्वस्थ रखने में मददगार होता है। इस तरह हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने का खतरा कम होता है। बैक पैन में आराम दें विपरीत करणी हवा योग होने की वजह से इसकी सभी प्रक्रिया को हवा में किया जाता है। इसी के साथ शरीर के हर बॉडी पार्ट की अच्छी तरह से स्ट्रेचिंग हो जाती है जिस वजह से यह बैक पेन में काफी हद तक राहत देता है। इस योग से शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है जिस वजह से यह बॉडी पेन से राहत दिलाता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी को भी काफी हद तक फ्लेक्सिबल बनाता है। इस वजह से यह बैक पेन कम करने में काफी हद तक सक्षम होता है। वजन कम करे विपरीत करणी हवा योग होने के कारण यह कई अलग अलग क्रियाओं को एक सिल्क के कपड़े के सहारे हवा में करना होता है। इसी के साथ शरीर के भार को संतुलित रखते हुए सभी क्रियाओं को करना होता है। ऐसे मेंशरीर में कैलोरीज काफी जल्दी बर्न होती है। इस वजह पूरी बॉडी में जमा फैट काफी तेज़ी से घटाया जा सकता है। इस योग के फॉर्म को करने से पूरी बॉडी का अच्छा वर्कआउट हो जाता है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद करे इस योग को करने से तनाव दूर होता है और साथ ही इसे करने से दिमाग शांत रहता है। इस योग की किसी भी क्रिया को करने के लिए सांसो के साथ साथ हाथों और पैरों के मूवमेंट्स पर भी ध्यान दिया जाता है। इस वजह से यहएकग्रता बढ़ाने में काफी हद तक सहायक होता है। इस योग को हफ्ते में 5 दिनों तक करे और इस योग को करते हुए बीच बीच में थोड़ी थोड़ी देर का ब्रेक ले।