घर बैठे देखें ये 2 सीरीज़, 2 फ़िल्में, 1 कॉमेडी एक्ट और मन अच्छा हो जाएगा


स्टोरी हाइलाइट्स

मूवी लिस्टः घर बैठे देखें ये 2 सीरीज़, 2 फ़िल्में, 1 कॉमेडी एक्ट और मन अच्छा हो जाएगा ये सभी फिल्में आप घर बैठे ऑनलाइन देख सकते हैं

घर बैठे देखें ये 2 सीरीज़, 2 फ़िल्में, 1 कॉमेडी एक्ट और मन अच्छा हो जाएगा
मूवी लिस्टः घर बैठे देखें ये 2 सीरीज़, 2 फ़िल्में, 1 कॉमेडी एक्ट और मन अच्छा हो जाएगा ये सभी फिल्में आप घर बैठे ऑनलाइन देख सकते हैं. आजकल हम सब अपनी-अपनी उलझनों से जूझ रहे हैं. रोज़ महामारी की चपेट में आ रहे लोग. और रोज़ी के अभाव में बिलख रहे मजदूरों, रेहड़ीवालों, सब्जीवालों के आंसू. हम सब असहाय महसूस कर रहे हैं. मगर हमारी संवेदनाएं निराशा और हताशा में न बदलें. इसलिए हमें रोज़ खुद को हिम्मत देनी होगी.
1. शिट्स क्रीक (कैनेडियन टीवी सीरीज, 2015*, छठा सीज़न अब आया है)

प्लॉट – क्या हो एक दिन, अगर आपके देश का सबसे अमीर परिवार, अमीर न रहे? बहुत बड़ी वीडियो कंपनी के मालिक जॉनी रोज़ को एक दिन पता चलता है कि उसके बिज़नस मैनेजर ने उसके साथ टैक्स फ्रॉड किया है. और एक ही दिन के अंदर उनका सबकुछ बिक जाता है. इस अमीर परिवार को अब गरीबी में एडजस्ट करना है. यहीं से शुरू होती है कॉमेडी.

कैरेक्टर्स – जॉनी रोज़ की पत्नी अपने समय की टीवी एक्ट्रेस है. जो एक किस्म के एलीट और घमंडी बर्ताव से भरी हुई है. वहीं उसे डर भी है बूढ़ा होने का, भुला दिए जाने का और गरीब कहलाने का. इनके वयस्क बच्चे हैं. जिन्होंने कभी कोई कमी नहीं देखी. जितनी बड़ी इनकी अलमारी थी, उतना बड़ा अब इनका कमरा है.

गरीबी का मुंह ताकता रोज़ परिवार.


टेकअवे – 

>> ‘परिवार’ के कॉन्सेप्ट पर बेहतरीन व्यंग्य के रूप में उभरकर आता है. हम एक ऐसे परिवार में हैं जहां मां को अपनी बेटी का मिडिल नेम नहीं पता. पारिवारिक ज़रूरतों के खर्चों के लिए इन्हें अपने शौक न छोड़ने पड़ जाएं, ये हमेशा इसी डर में रहते हैं.
>> अमीरों के लिए एक ‘कमिंग ऑफ़ एज’ स्टोरी है. जिन्हें अपने देश-गांव की ज़मीनी हकीकत नहीं मालूम, वो धीरे-धीरे सीखते हैं कि अपने काम कैसे किए जाते हैं. जैसे टपकता हुआ नल ठीक करना या बालों से जुंएं निकालना. दिमागी तौर पर ये अब वयस्क होते हैं.
>> जॉनी का बेटा डेविड बायसेक्शुअल है. लेकिन इसको लेकर स्टोरी में कोई हल्ला नहीं है. किरदारों को उनकी सेक्शुअल चॉइस की जगह उनके बैकग्राउंड पर बेस किया गया है.

वॉच टिप – ये शो आपको शुरुआत में और बीच के छोटे हिस्सों में स्लो लग सकता है. इसे हर तरह के फ्री टाइम में और खुद को डी-स्ट्रेस करने के लिए देखें.

कहां देखें – यहां नेटफ्लिक्स पर.
2. ताज महल 1989 (वेब सीरीज, 2020, पहला सीज़न)

प्लॉट – पांच मुख्य कपल हैं जो कहीं न कहीं एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं. शुरुआत एक प्रफेसर कपल से है. पति साइकॉलजी पढ़ाता है, पत्नी फिजिक्स. लव मैरिज थी अपने वक़्त की. अब केवल लड़ाई होती है. इनके स्टूडेंट्स के बीच अगली पीढ़ी का रोमैंस चल रहा है. और उनके छोटे भाई-बहन की क्लास में उससे अगली पीढ़ी का.

कैरेक्टर्स – प्रफेसर अख्तर बेग़ एक ओल्ड स्कूल पेट्रीआर्क हैं. वो और उनकी पत्नी सरिता जैसे कपल आपको पिछली पीढ़ी में कहीं भी मिल जाएंगे. जिसमें पत्नी कितनी भी कमाऊ हो, घर का सारा काम करती है और पति की दो मीठी बातें सुनने को तरसती है. वहीं पति को ये लगता है कि पत्नी बेवजह लड़ती है और उसके सोशल सर्कल में फिट नहीं होती. स्टूडेंट्स रश्मि, धरम, अंगद और ममता जवान हैं. प्रेम, सेक्स और पॉलिटिक्स को एक्सप्लोर कर रहे हैं. वहीं स्कूल में पढ़ रही अगली पीढ़ी की एक लड़की फ़िल्मी बातों को प्यार समझ बैठी है.

अनूठे कलाकार. गीतांजलि कुलकर्णी. नीरज कबी.
टेकअवे –
>> हर उम्र के रिलेशनशिप का अलग-अलग ट्रीटमेंट है. और इनको प्ले करने वाले कैरेक्टर्स से आप तुरंत कनेक्ट करते हैं.
>> फिल्मों में पोएट्री और शेर-ओ-शायरी को मिस करने वाले लोगों को इससे राहत मिलेगी. वो मुशायरे जो अब खोने लगे, सफ़दर हाश्मी की ताज़ा मौत और स्टूडेंट पॉलिटिक्स में कम्युनिज्म का झोंका.
>> नॉस्टैल्जिया भर-भरकर है. जो हम सभी को काफी अपील करता है. रेडियो, ब्लैक एंड वाइट टीवी, वेस्पा स्कूटर, और बहुत कुछ. चूंकि सेटिंग 1989 की है, इस शो में 80s और 90s, दोनों दशकों में बड़े होने वाले लोगों के लिए कुछ न कुछ है.

वॉच टिप – 80s और 90s वाले लोग संग देखें. अगर माता-पिता के साथ इतने सहज हो चुके हैं कि एडल्ट टॉपिक्स आने पर न शर्माएं, तो उनके साथ देखें.

कहां देखें – यहां नेटफ्लिक्स पर.
3. जवानी जानेमन (फ़िल्म, 2020 )

प्लॉट – लंदन में सेटल्ड जैज़ ‘पार्टी एनिमल’ है. शराब, सेक्स और नो कमिटमेंट, ये उसका जीवन रहा है. मगर एक दिन वो जिस लड़की के साथ फ्लर्ट करते हुए उसे वाइन पिलाता है, वो असल में उसकी बेटी निकलती है. 40 की उम्र पार चुका एक आदमी अब शॉक में है.

कैरेक्टर्स – जैज़ एक ब्रोकर है. उसकी बेटी टिया एम्स्टर्डम में पढ़ाई कर ट्रांसलेशन का काम करती है. जैज़ का एक टिपिकल पंजाबी परिवार है. एक पगधारी भाई. भाभी. माता-पिता. रिश्तों की गहराई और जीवन के ठहराव की उसे कोई समझ नहीं है. जब उसकी बेटी उसके जीवन में आती है तो उसकी ‘एडल्टिंग’ यानी सही मायनों में वयस्क बनने की प्रक्रिया शुरू होती है.
4. ऑल द ब्राइट प्लेसेज़ (फ़िल्म, 2020)

प्लॉट – एक लड़की है बेहद उदास. एक लड़का है जिसे सब पगलैट कहते हैं. दोनों स्कूल में पढ़ते हैं. लड़की के जीवन में कुछ ऐसा हुआ है कि वो खुश नहीं रह पाती. लड़के के जीवन में क्या हुआ, कोई नहीं जानता. एक ही क्लास में पढ़ते हुए इन्होंने कभी बात नहीं की. एक गहरा दुख दोनों को साथ लाया और बांधे रखा.

कैरेक्टर्स – थियोडोर को सब ‘फ्रीक’ कहते हैं. आम भाषा में पागल. वहीं वायलेट कभी एक खुशमिज़ाज लड़की थी जिसे एक हादसे ने बदल दिया. संयोग से दोनों की मुलाक़ात होती है और वायलेट समझती है कि थिओडोर वैसा भी नहीं, जैसा लोग समझते हैं. ढेर सारी बातें हमें कैसे सुखी और बेहतर इंसान बना सकती हैं, ये दोनों चरित्र हमें समझाते हैं.

वायलेट और थिओडोर, असल में 'ऑल द ब्राइट प्लेसेज' नाम के नॉवेल से निकले पात्र हैं. जिसपर ये फिल्म बेस्ड है.

टेकअवे –
>> ये फिल्म टीनएज रोमैंस को एक बहुत मैच्योर एंगल से ट्रीट करती है. जो आमतौर पर नहीं दिखता. टीनएजर महज़ एक सेक्स को उतावला, बागी, पार्टी करने वाला बेदिमाग नाबालिग नहीं है. बल्कि रिश्ते समझता है और जिंदगी में बहुत दिक्कतों से डील करता है.
>> साहित्य में रुचि है तो ‘वर्जिनिया वुल्फ’ के लिए ये फिल्म देखें. खुद दिमागी परेशानियों से जूझ रहीं वर्जिनिया वुल्फ़ ब्रिटिश राइटर रहीं. पहले विश्व युद्ध के बाद इंग्लैंड के बदलते साहित्य का बड़ा नाम.
>> चाइल्ड अब्यूज, बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन जैसी समस्याएं हमारे युवाओं में हैं, इस बात की समझ गहराती है.

वॉच टिप – ये एक सीरियस फिल्म है. देखकर जी भारी और हल्का दोनों होगा. इसलिए सही मेंटल स्पेस में देखें.

कहां देखें – यहां नेटफ्लिक्स पर.
5. फैमिली टंडनसीज़: अमित टंडन (स्टैंड अप एक्टर, 2019)
अमित टंडन एक पॉपुलर स्टैंडअप आर्टिस्ट हैं और पहले भी नेटफ्लिक्स पर इनका स्टैंड अप रिलीज हो चुका है. जैसा कि नाम से साफ़ है, एक बार फिर अमित फैमिली जोक्स के साथ पेश हुए हैं."पहले हमारे थ्री मैजिकल वर्ड्स थे आई लव यू. अब हैं, आई टोल्ड यू."

टेकअवे –
>> अमित टंडन भाषा के लिहाज़ से क्लीन आर्टिस्ट हैं. यानी उनके एक्ट्स आप फैमिली के साथ देख सकते हैं.
>> ‘फैमिली जोक्स’ अक्सर ‘वाइफ जोक्स’ बनकर रह जाते हैं. इसलिए कपिल शर्मा ब्रांड के कई जोक्स भले ही फैमिली स्पेस में क्रैक किए जा सकते हों. मगर वे बेहद स्त्री-विरोधी और पूर्वाग्रहों से भरे होते हैं. अमित टंडन का फोकस पेरेंटिंग की बारीकियों पर दिखता है. और मोटे तौर पर सेक्सिज्म से मुक्त है.
>> ये जोक्स पॉलिटिक्स से जुड़े नहीं हैं,
इसलिए न्यूज़ और सोशल मीडिया से हल्का और अच्छा ब्रेक देते हैं. वॉच टिप – एक्ट शुरुआत में स्लो है. मगर दिल छोटा न करें. पिक-अप करता है.