इतिहास के सबसे क्रूर दंड क्या हैं? कमजोर ह्रदय वाले न पढ़ें 


स्टोरी हाइलाइट्स

इतिहास में सबसे खराब सजा क्या है?अनादि काल से अपराधियों/अपराधियों को फांसी देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं। क्रूर दंड

इतिहास के सबसे क्रूर दंड क्या हैं? कमजोर ह्रदय वाले न पढ़ें  इतिहास में सबसे खराब सजा क्या है? इतिहास के अद्भुत रहस्य अनादि काल से अपराधियों/अपराधियों को फांसी देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं। जैसे उन्हें डरावने जानवरों में छोड़ना, शरीर के अंगों को हथौड़े से मारना आदि। हालांकि दोषियों में निर्दोष लोग भी शामिल हैं। जानिए इतिहास के नौ मौत की सजा जो आपकी आत्मा को हिला देंगी। शरीर के अंगों को हथौड़े से मारना इसमें व्यक्ति एक बड़े पहिये पर सीधा लेट जाता है और फिर उसके हिस्से बड़े हथौड़े से मारते  जाते हैं। यह विधि तब तक चलती है जब तक व्यक्ति के सभी अंग टूट नहीं जाते और उसकी मृत्यु नहीं हो जाती। उबालना जब आप अपने गलत कामों के कारण नरक में जाते हैं, तो इसे गर्म तेल में तला या उबाला जाता है। इस तरह की कहानी हम अक्सर हिंदू पौराणिक कथाओं के जरिए सुनते हैं। इसमें व्यक्ति को मरने तक गर्म पानी या तेल में उबाला जाता है। गला घोंटकर हत्या इसमें व्यक्ति को एक बड़े खंभे के पास बैठाया जाता है और उसकी गर्दन को रस्सी से बांधा जाता है। रस्सी को इस तरह से बांधा जाता है कि व्यक्ति का दम घुटने लगता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। कैद व्यक्ति को कैद किया जाता है और एक क्रूर और असामान्य सजा दी जाती है। इसमें वह खून नहीं बहाता, लेकिन शर्तें ऐसी बना दी जाती हैं कि आदमी मर जाता है। इसे दो दीवारों के बीच एक छोटी सी जगह में रखा जाएगा जहां न हवा, न पानी और न खाना होगा। इस तरह की सजा से दम घुटने, प्यास या भूख से मौत हो जाती है। अजब गजब सजाएं (किसी को कुछ सेकण्ड की तो किसी को हजारों साल की सजा) -दिनेश मालवीय खूंखार जानवरों के साथ छोड़ना राजा और सम्राट अपने बंदियों को दंडित करने के लिए इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल करते थे। इसमें कैदी को भयानक जानवरों के बीच छोड़ दिया गया था। उन्हें या तो शेरों के समूह में छोड़ दिया गया था या हाथियों द्वारा कुचल दिया गया था। सलीबी  व्यक्ति पूरी तरह से नग्न होता है और तब तक उसे कोड़ा मारा जाता है जब तक कि उसके शरीर से पूरा खून न निकल जाए। फिर उसे क्रॉस से बांध दिया जाता है और उसकी कलाई और टखनों पर बड़े कीले ठोके जाते हैं। इस विधि को अपनाने से व्यक्ति की मृत्यु धीरे-धीरे होती है। लटकाकर बंदियों को एक साथ बांधकर फांसी पर लटका दिया जाता है, फिर उनके अंगों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है। दूसरा तरीका यह है कि कैदियों को लकड़ी के तख्ते से बांध दिया जाए और उन्हें घोड़ों पर तब तक खींचा जाए जब तक वे मर न जाएं। पिंजरे कैदी को एक ऊर्ध्वाधर पिंजरे में कैद किया जाता है जिसमें उसे हर तरफ से धारदार हथियारों के साथ चुभोया जा सकता है। इस पिंजरे में कैदी भागने की कोशिश करता है लेकिन खुद को बचाने में नाकाम रहता है। अंगों के टुकड़े करना व्यक्ति को फांसी देने के बेरहमी से काट दिया जाता है। उसकी मृत्यु धीरे-धीरे होती है, इसलिए पहले उसका मांस काटा जाता है, उसके बाद उसके अंगों को हटा दिया जाता है और अंत में किसी धारदार हथियार से उसका गला काट कर बेरहमी से मार डाला जाता है। इसमें आमतौर पर अंग विच्छेदन के दौरान मर जाता है। तीन बार फांसी देने के बाद भी जिंदा बचने वाला शख्स, आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है नाम..