अवतार/ पैगंबर / प्रॉफ़ेट  क्या हैं? अवतारों में सबसे श्रेष्ठ कौन है?


स्टोरी हाइलाइट्स

इस  आर्टिकल में हम अवतारों से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्नों का समाधान तलाशेंगे|  अवतार/ पैगंबर / प्रॉफ़ेट  क्या हैं?  ईश्वर के अवतार हर युग में रहे हैं|  समय-समय पर इस धरती पर पैदा होने वाले महापुरुषों में भगवान का स्वरूप दिखाई दिया है|  जिस व्यक्ति ने भी समाज में आदर्श प्रस्तुत किया| जिसने मानव जाति को आगे बढ़ाने में मदद की|  जिसने एक साथ हजारों लोगों को प्रभावित किया वो ईश्वर के अवतार माने गए| अवतार संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है देव का धरा पर अवतरित होना| अवतार के माध्यम से दिव्य गुण प्रदर्शित होते हैं| अवतारों में सबसे श्रेष्ठ कौन है? कोई भी अवतार खुद को दूसरे अवतार से श्रेष्ठ घोषित नहीं करता|  कभी भी इतिहास में किसी भी अवतार के बीच में श्रेष्ठ होने की लड़ाई नहीं देखी गयी,  सनातन ग्रंथों में तो शिव द्वारा राम की, राम द्वारा शिव की, विष्णु द्वारा शिव की शिव द्वारा विष्णु की, प्रार्थना की बात कही गई है|  देवी देवता या अवतार खुद को कभी श्रेष्ठ नहीं मानते बल्कि वह सबको परम पिता का अंश मानते हैं| इससे एक और बात साबित होती है कि इन अवतारों से ऊपर भी एक परम सत्ता है, परमात्मा के ऊपर भी सर्व-आत्मा है|  अवतार आदर्श व्यवहार का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं|  अवतारों की श्रेणी में प्रमुख नाम कौन से हैं? राम,  कृष्ण,  महावीर, गौतम बुद्ध,  ईसा, मूसा, मोहम्मद से लेकर साईं बाबा तक  अनेक महापुरुषों को ईश्वर का अवतार माना गया है |   क्या अवतारों के बीच कोई दुश्मनी होती है?  दुनिया में आज तक किसी अवतार की किसी दूसरे अवतार से युद्ध की बात नहीं सुनी गई| अवतारों के पूजक अपने-अपने अवतारों को सबसे  बड़ा साबित करने में लगे हैं| लेकिन एक अवतार के समर्थकों की दूसरे अवतार के समर्थकों से भिड़ंत होती रहती है| अवतार ईश्वरीय शक्ति लेकर इस दुनिया में आए थे,  जितने भी अवतार हुए सबने लोगों को अच्छी दिशा देने की कोशिश की|  इन अवतारों को मानने का अर्थ सिर्फ इतना है कि इनके माध्यम से हम धर्म की सीढ़ी पर आगे बढ़ें| अवतार क्या चाहते थे?  अवतारों ने मानव जाति को क्या संदेश दिया?  अवतार मानव जाति का कल्याण चाहते थे|  अवतार सबके जीवन में ज्ञान, विज्ञान और प्रेरणा का प्रकाश भरना चाहते थे|  अवतारों ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी और न्याय के लिए बड़े से बड़े त्याग से भी पीछे नहीं रहे| अवतारों ने मनुष्य मनुष्य में भेदभाव नहीं किया, सत्य, अहिंसा के साथ मानव कल्याण की शिक्षा दी|  क्या अवतारों की भक्ति ही मानव का अंतिम लक्ष्य है? अवतार तक पहुंचना ही मानव का लक्ष्य नहीं है|  अवतार को मानते हुए उनकी ज्योति से अपनी ज्योति को जलाते हुए परम धर्म  तक पहुंचना हमारा कर्तव्य है|