हाथों और पैरों पर मेहँदी क्यों लगाते हैं?


स्टोरी हाइलाइट्स

मेहंदी अधिकतर शादियों में लगाई जाती है। मेहँदी लगाना एक कला है और हाथों व पैरों पर अलग-अलग डिजाइंस बनाना बड़ा ही मनमोहक लगता है। दूल्हे या दुलहन की अथवा परिवार के सभी सदस्यों के विशेष करके महिलाओं की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं। शास्त्रीय दृष्टिकोण : शास्त्रीय दृष्टिकोण से देखें तो विवाह अपनी संस्कृति में एक महत्त्वपूर्ण संस्कार माना गया है। महर्षि वेदव्यासजी के अनुसार 96 संस्कारों में से यह 14वाँ संस्कार है, जिसमें स्त्री और पुरुष गृहस्थाश्रम में प्रवेश करके एक नए जीवन की शुरुआत होती । इस संस्कार को अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना गया है तथा इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शादी की धूमधाम में रात का जागरण, तैयारियाँ, मेहमानों का आगमन आदि सभी बातों से एक प्रकार के टेंशन या मानसिक तनाव उत्पन्न करते हैं अत: मेहँदी लगाने से शरीर में ठंडक निर्माण होकर मानसिक तनाव से मुक्त होने में मदद मिलती है। मेहँदी हाथों और पैरों पर लगाई जाती है, जहाँ अपने तंत्रिकाओं के छोर (Nerve Endings) होते हैं। अत: मेहँदी शरीर में शीतलता प्रदान करके टेंशन कम करने में मदद मिलती है। साथ में मेहँदी में जंतुनाशक गुण(Antibacterial and Antifungus) भी पाए जाते हैं।