विशेष: भारत से इतना ज्यादा डेवेलप क्यों है चीन? 


स्टोरी हाइलाइट्स

भारत से इतना डिवेलप क्यों है चीन?  Why China has grown faster then India भारत भले ही युद्ध के मैदान में अपने साहस के दम पर चीन को चुनौती देने का  दम भर रहा हो लेकिन ज्यादातर मामलों में चीन भारत से काफी आगे निकल गया है|  लगभग 33 साल पहले दोनों ही देशों की  जीडीपी बराबर थी|  लेकिन आज चीन का  ग्रोथ रेट भारत से 5 गुना ज्यादा है|  चीन की दादागिरी से हम परेशान होते रहे हैं|  पड़ोसी होने के नाते चीन की बढ़ती ताकत हमारे लिए चिंता का सबब है|  आखिर चीन भारत से इतना आगे कैसे निकल गया? तरक्की के सही प्लान के कारण चीन  हमसे इतना आगे निकल पाया है| सही प्लान के साथ-साथ चीन फेवरेबल मौसम के कारण भी हम से काफी आगे है|  लगातार होती बारिश खेती के लिए फायदेमंद साबित होती है|  जबकि भारत में साल में 3 महीने ही बारिश होती है वो भी भगवान भरोसे|  सिंचाई के पर्याप्त  इंतजाम ना होने के कारण भी हम पिछड़ गए|  भारत में अशिक्षा उसकी पिछड़ेपन का एक प्रमुख कारण रही|  जबकि आज से 30 साल पहले चीन का लिटरेसी रेट 70% था| अधिक जीवन जीने की संभावनाओं(हेल्थ) में आज से 50 साल पहले चीन उस स्तर पर था जिस स्तर पर आज हम हैं| भारत का इतिहास विघटन से भरा पड़ा है जबकि ऐतिहासिक रूप से चीन हमसे ज्यादा संगठित रहा है और यह भी उसकी तरक्की में प्रमुख कारण रहा है| भारत में सामाजिक आर्थिक असमानता पिछड़ेपन के प्रमुख कारणों में से एक है जबकि चीन में इस तरह के मामले हमसे बेहद कम है|  भारत में राजा महाराजाओं के युग में देश छोटी, छोटी रियासतों में बटा हुआ था| संघीय ढांचा लागू होने के बाद राज्य भी अपनी ढपली अपना राग अलापते हैं, जबकि चीन में केंद्र शासन का निर्णय अंतिम होता है और सारी शक्तियां केंद्र के अधीन होती है| भारत भूमि सुधार के मामले में बहुत पीछे है, जबकि चीन ने समय के साथ भूमि सुधार लागू किया और  सामुदायिक कृषि की व्यवस्था शुरू की| भारत में आज भी  रसूखदारों के पास बहुत बड़ी कृषि भूमि होती है और आम गरीब किसान छोटे-छोटे टुकड़ों पर जीता है| चीन ने कृषि योग्य भूमि को किसी एक व्यक्ति की निजी जागीर नहीं रहने दिया और उसे कम्युनिटी फॉर्मिंग में बदल दिया| हालांकि चीन में कई मूर्खतापूर्ण फैसले लिए गए लेकिन एक समय ऐसा आया जब चीन ने सिंगापुर को अपना मॉडल बनाकर  प्रोडक्शन क्षेत्र में अपने आप को टॉप पर ले जाने के प्रयास शुरू कर दिए|  चीन ने  पूंजीपतियों के लिए अपने दरवाजे तब खोलें जब भारत इस बारे में सोच भी नहीं रहा था| भारत सियासी उठापक  में उलझा रहा| देश में हर दो, चार साल में एक बड़ी राजनीतिक उठापटक हुई, जिसका ख़ामियाज़ा देश के विकास को भुगतना पड़ा| चीन में एक अकेली पार्टी का शासन लंबे समय तक रहा जिसका फायदा उसे मिला| भारत में कोंग्रेस ने लम्बे समय तक राज किया लेकिन आर्थिक मोर्चे पर उसकी नीतियाँ चीन से काफी पीछे रही|   चीन ने आर्थिक गतिविधियों में प्रतिस्पर्धा का वातावरण निर्मित किया|  उसने अपने ही शहरों और राज्यों को विकास के मामले में प्रतिस्पर्धी बना दिया| इससे वहां विकास की रफ्तार बहुत तेज हो गई| भारत में निवेश से पहले कंपनियों को अनेक तरह के दरवाजों से होकर गुजरना पड़ता है| इसके बावजूद भी बिजली और सड़क की समस्याएं| इसी वजह से भारत में निवेश  के क्षेत्र में ज्यादा प्रगति नहीं हो पाई| इधर चीन ने अपने देश में इन्वेस्टमेंट आकर्षित करने के लिए  हर तरह के तरीके अपनाएं,  यदि किसी बिल्डर को बिल्डिंग बनानी है और उसे बिल्डिंग के सामने वाली गंदगी पसंद नहीं तो चीनी आपको एक छोटी सी झील बना  कर दे देंगे|  चीन ने निवेश आकर्षित करने के लिए अपने यहां  की लड़कियों के सौंदर्य का इस्तेमाल भी किया| चीन ने अपने देश में बुनियादी  निर्माण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कदम उठाए,  दुनिया में सबसे तेजी से यहां पर सड़कों और रेल  लाइनों का जाल बिछा| चीन में किसी कार के सभी पार्ट एक फैक्ट्री में नहीं बनते|  चीन में हर छोटे पार्ट के लिए एक अलग फैक्ट्री है इससे निर्माण की लागत कम होती है|  चीन निवेश के कानूनों को भी बेहद सरल किया|  भारत ने भी अपने निवेश कानूनों को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन बहुत देर बाद| हम चीन की तरह स्पेशल इकोनामिक जोन बनाने में भी काफी पीछे रहे|