स्टोरी हाइलाइट्स
कोरोना संक्रमण: भारत में कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर आई है. देश में एक दिन में कोरोना के 3.5 लाख के करीब नए मामले सामने आ रहे हैं और हजारों .....
कोरोना संक्रमण: कोरोना के लक्षण दिखने के बाद भी क्यों आती है निगेटिव रिपोर्ट ? जानिए.....
भारत में कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर आई है. देश में एक दिन में कोरोना के 3.5 लाख के करीब नए मामले सामने आ रहे हैं और हजारों संक्रमितों की मौत हो रही है. लेकिन एक सवाल लोगों को काफी परेशान कर रह है कि कोरोना के लक्षण होने के बाद भी उनका कोविड टेस्ट निगेटिव क्यों आता है.
कोरोना की दूसरी लहर के समय गलत निगेटिव रिपोर्ट आना बेहद खतरनाक हो सकता है. इससे इलाज में देरी हो सकती है और व्यक्ति की हालत साधारण से गंभीर हो सकती है. निगेटिव रिपोर्ट आने से संक्रमण के प्रसार का खतरा भी बढ़ जाता है. सबसे पहले यह जान लेते हैं कि बुखार, सर्दी, खांसी, बदन दर्द, अत्यधिक थकान और दस्त को कोरोना के सामान्य लक्षण के तौर पर देखा जाता है. ये लक्षण दिखने पर कोरोना टेस्ट करने की सलाह दी जाती है.
दो तरह के टेस्ट
आपको कोरोना है या नहीं, यह जानने के लिए दो तरह के टेस्ट होते हैं. आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट. इनमें आरटी-पीसीआर टेस्ट को डॉक्टर्स सबसे सही मानते हैं.
क्या है आरटी-पीसीआर टेस्ट?
रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन यानी आरटी-पीसीआर टेस्ट में नाक या गले से एक नमूना (स्वैब) लिया जाता है. एक बार मरीज की नाक या गले से स्वैब लेने के बाद उसे एक तरल पदार्थ में डाला जाता है. रूई पर लगा वायरस उस पदार्थ के साथ मिल जाता है और उसमें एक्टिव रहता है. फिर इस नमूने को टेस्ट के लिए लैब में ले जाया जाता है.
कोई टेस्ट सटीक नहीं
आरटी-पीसीआर टेस्ट अत्यधिक संवेदनशील होता है और काफी हद तक सही परिणाम भी देता है. लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि कोई भी परीक्षण 100% सटीक नहीं है और बहुत सारे कारण हैं जिनकी वजह से एक व्यक्ति को गलत निगेटिव रिपोर्ट मिल सकती है. रिसर्च बताती है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट शरीर में वायरल उपस्थिति का पता लगाने के लिए अच्छी तरह से काम करता है. इसकी सटीकता बहुत सारे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है.
मानवीय त्रुटि सबसे बड़ा कारण
एक गलत निगेटिव कोविड RT-PCR रिपोर्ट के लिए मानवीय त्रुटि (human error) सबसे बड़ा कारण है. दूसरी लहर के दौरान, जब बहुत अधिक मामले आ रहे हैं तो लंबी कतारें, टेस्ट का परिणाम जारी करने का निरंतर दवाब गलती का कारण बन सकता है. कोरोना की दूसरी लहर में टेस्ट की संख्या बहुत बढ़ गई है. ऐसे में कभी-कभी स्वैब के नमूने लेने वाले लोग ठीक से प्रशिक्षित नहीं होते हैं. वे स्वैब ठीक से नहीं लेते जिसके कारण कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है.
सैंपल लेने में लापरवाही
स्वैब लेने के दौरान चूक, स्वैब लेने का गलत तरीका, वायरस को सक्रिय रखने के लिए तरल पदार्थ की आवश्यक मात्रा में कम होना, स्वैब के नमूनों का अनुचित ट्रांसपोर्टेशन फॉल्स निगेटिव आने की वजह हो सकते हैं.
वायरस का लोड कम होना
इम्युनिटी हर शख्स की अलग-अलग होती है. जहां कुछ लोग हल्के बुखार को आसानी से काम करते हुए भी झेल जाते हैं तो वहीं कुछ लोग खांसी-जुकाम होने पर भी काफी परेशानी का सामना करते हैं. इसी तरह कोरोना में भी कुछ लोगों में कई लक्षण नजर आते हैं लेकिन सही मायनों में वायरस का लोड कम होता है, जिससे कि रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है.
ट्रांसपोर्टेशन में सैंपल का खराब होना
कोल्ड-चेन को सही तरीके से न मैनेज करने के कारण यदि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान वायरस सामान्य तापमान के संपर्क में आता है तो यह अपनी वाइटैलिटी खो देता है और रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है.
टेस्ट से पहले कुछ खाना
कोविड-19 टेस्ट से पहले कुछ खाना या पानी पीना आरटी-पीसीआर के परिणाम को प्रभावित कर सकता है.
टेस्ट निगेटिव आए और कोरोना के लक्षण जारी रहें तो क्या करें ?
अगर कोरोना लक्षण दिख रहे हैं और टेस्ट निगेटिव आ गया है तो पूरी सावधानी रखे. खुद को सेल्फ आइसोलेट में रखें, जब तक सामान्य सेहत न हो जाए, सभी कोविड दिशानिर्देशों का पालन करें. अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें. यदि लक्षण जारी हैं तो पहले टेस्ट के 3-4 दिन बाद फिर से टेस्ट कराएं. ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर को अपने पास रखें. लगातार जांच करते रहें. अगर आपका ब्लड ऑक्सीजन लेवल (SpO2) 91% से नीचे आता हैं तो आपको अस्पताल जाने की जरूरत है.