दुनिया “अश्लीलता” की इतनी दीवानी क्यों है? क्या मसखरे, क्लॉथ रिवीलिंग, स्टुपिड और भोंडे लोगों को “लाइक,शेयर और सब्सक्राइब” करना ठीक है?  


स्टोरी हाइलाइट्स

हम आश्चर्यचकित होते हैं जब हम किसी सेलिब्रिटी को जरूरत से ज्यादा ध्यान पाते हुए देखते हैं| आखिर उस मनोरंजन करने ....

https://www.youtube.com/watch?v=kglgEN4jFVI हम आश्चर्यचकित होते हैं जब हम किसी सेलिब्रिटी को जरूरत से ज्यादा ध्यान पाते हुए देखते हैं| आखिर उस मनोरंजन करने वाले में ऐसा क्या है जो उसे लोगों का इतना अटेंशन मिलता है| क्या उनके पास कोई छिपी हुई शक्ति है जिसकी वजह से उनके पास इतनी फेम आती है? यह वास्तव में इनके प्रशंसकों की ही “शक्ति” है| किम कार्दशियन पिछले कई वर्षों से सोशल मीडिया की सनसनी है| गूगल ट्रेंड पर वह लगातार टॉप पर बनी रहती है| भारत में top सर्च फीमेल पर्सनैलिटी की लिस्ट देखेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे| इनमें अच्छे काम करने वाली महिलाओं का तो नाम ही नहीं है| इनमें सनी लियोनी, पूनम पांडे, स्कारलेट रोज, आदिति मिस्त्री, फ्लोरा शाइनी, दिशा पटानी, शर्लिन चोपड़ा, अंकिता दवे, अन्वेषी जैन, शामिल हैं| ऐसे और भी चेहरे कई हैं जो इंटरनेट पर किसी न किसी वजह से छाए रहते हैं| इनमें से कोई भी हस्ती जब कुछ   हास्यास्पद करती है तो वह सोशल मीडिया पर छा जाती है| क्या हमें ऐसे स्टुपिड लोगों को फेमस बनाना बंद करना चाहिए? Image Source: Instagram सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोगों को मदद मिलती है जो वास्तव में “अमेजिंग” है और अपने इनक्रेडिबल कार्य से  गरीबी से त्रस्त, आपदा ग्रस्त, और शोषित पीड़ित लोगों के लिए कार्य कर रहे हैं| लेकिन ऐसे लोगों को उस तरह की अटेंशन नहीं मिलती जिस तरह की किम कार्दशियन जैसी सेलिब्रिटीज को मिलती है| इन लोगों को सेलिब्रिटी की तरह ना तो “पूछा” जाता है ना ही “पूजा” जाता है| सोशल मीडिया के आने से पहले सेलिब्रिटी की मौजूदगी सिर्फ विज्ञापन या मार्केटिंग इवेंट में दिखती थी| हालांकि यह नई बात नहीं है भीड़ हमेशा मनोरंजनकर्ता के आसपास जमा होती है| तमाशा देखना लोगों के जींस में होता है| लेकिन तमाशा करने वाले इतना ज्यादा अटेंशन पाए यह समाज के लिए ठीक नहीं है| राजनेताओं या सेलिब्रिटी की अपेक्षा से अधिक प्रशंसा, पूजा, और भीड़ ना तो उनके खुद के लिए ठीक है नहीं सोशल हारमोनी के लिए अच्छे संकेत हैं|  समाज में एक व्यक्ति को व्यक्ति की तरह ही देखा जाना चाहिए भले ही वह किसी पद पर हो या किसी भूमिका में|पोस्ट, पावर और प्रोपेगेंडा से जनता को इतना ज्यादा इंप्रेस होने की जरूरत नहीं है| ना हीं ऐसे लोगों के प्रति दीवानगी जाहिर करने की कोई वजह बनती है| इतिहास में ठठोल, ठठोलिया, परिहास कारी, भांड, विदूषक, मसख़रा, ठट्ठेबाज़, दिल्लगीबाज़ नाम से जाने जाने वाला यह व्यक्ति काफी शक्ति अर्जित करता रहा है| शाही दरबार में भावनात्मक और गंभीर मुद्दों पर जोक करने वाले ऐसे व्यक्ति को लोकप्रियता और शक्ति मिलती रही हैं| Image Source: Instagram आजकल सोशल मीडिया पर ऐसी शख्सियतों की कमी नहीं है जो अपने पाठकों या दर्शकों के दिलों में आग लगा देती हैं| इनके बारे में लिखा जाता है यह सोशल मीडिया सनसनी है| इनके दीवानों की संख्या लाखों में होती है| यह दर्शकों के दिल को धड़का देती हैं| इनके नए-नए पोजेस से इनके फैंस बेताब, उत्तेजित, उतावले और व्यग्र हो जाते हैं| ऐसी ही एक सनसनी है किम कार्दशियन, भारत में भी ऐसी कई सोशल मीडिया सनसनी है जो अपनी रिवीलिंग फोटोशूट से सुर्खियां और प्रशंसा बटोरटी हैं| यदि कपड़े उतारने से इतनी प्रशंसा मिल रही हो तो फिर युवा पीढ़ी को अपने कैरियर को बनाने के लिए पैसा, पद और पावर पाने के लिए और कुछ करने की क्या जरूरत है| लेकिन सब के भाग्य में ऐसा नहीं होता| किसी के शरीर को देखने में बिताया जाने वाला समय उस देश का समय है उस देश की युवा शक्ति का समय है| क्या यह हास्यास्पद नहीं है कि लोगों के पास ऐसे सनसनीखेज अवतारों के लिए पर्याप्त समय है| क्या मीडिया समूहों के पास ऐसे रिवीलिंग फोटोशूट कराने वाले शख्सियतों को फ्रंट पेज पर तवज्जो देने के अलावा कोई और कंटेंट नहीं है? आखिर क्यों कुछ फैंस किसी सेलिब्रिटी को “आई लव यू” कह कर पुकारते हैं,  उसे देखकर उन्मादी या बेहोश हो जाते हैं|  वास्तव में कोई सेलिब्रिटी आपके इस उन्माद और प्रशंसा की कोई परवाह नहीं करता| उसे सिर्फ अपनी परवाह होती है| Image Source: Instagram आपके इस उन्माद और प्रेम का वह नेटाइजेशन करता है|   वह अपने प्रशंसकों से पैसा कमाता है|  उसकी अपीरियंस आपके लिए नहीं होती बल्कि उसके प्रोडक्ट या फिल्म के प्रमोशन के लिए होती है|  कई सेलिब्रिटी परोपकारी कार्य करने का दावा करते हैं और इसके लिए धन संग्रह से जुड़े कार्यक्रमों का प्रमोशन भी करते हैं लेकिन शायद ही कभी ऐसे पैसे का सदुपयोग होता है| यदि आप बुजुर्ग हैं और आपके पैरों में हड्डियों से जुड़ी हुई कोई समस्या है तो आप पसंदीदा कलाकारों के विज्ञापन से झांसे में आ जाते हैं|   क्या कोई कलाकार कहता है कि प्रोडक्ट उतना hi लाभकारी है जितना वो बता रहा है| उसे आपसे नहीं विज्ञापन से मिलने वाले पैसे से मतलब होता है|   आप कई सेलिब्रिटी को टीवी पर प्रोग्राम करते देखते हैं और उनके कहने पर आप जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने का दावा करने वाले ₹300 के प्रोडक्ट को ₹5000 में खरीदते हैं|  एक अजीब सी बात यह है कि जब भी आप किसी मशहूर हस्ती के साथ फोटो खिंचाते हैं तो आप रोमांचित हो जाते हैं|  आपको ऐसे लगता है जैसे आप स्टार बन गए लेकिन वास्तव में आपकी स्टारडम कुछ क्षण की होती है|  आप कभी भी उस ग्लैमर और चकाचौंध का हिस्सा नहीं हो सकते|  हां आपके इस क्रेज के कारण सेलिब्रिटी के नंबर जरूर बढ़ जाते हैं|  कई लोग इस तरह की शेखी बघारते हुए दिख जाएंगे कि  मैंने उस सेलिब्रिटी के साथ फोटो खिंचाई अब मेरे उससे बहुत अच्छे संबंध हैं और वह यह सब कहते हुए बहुत रोमांचित महसूस करता है|  दरअसल यह एक मनोविज्ञान है, जब  आप किसी शख्सियत को किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या टेलीविजन पर लगातार देखते हैं तो आप उससे अपना एक संबंध स्थापित कर लेते हैं आपको लगता है कि आप उसके प्यार में पड़ गए हैं|  वास्तव में कुछ ही हस्तियां ऐसी है जिनमें प्रतिभा है,यह वह लोग हैं जो वास्तव में प्रसिद्धि पाने के हकदार हैं यह वह लोग हैं जो अपने स्टारडम का उपयोग अच्छे के लिए करते हैं|  हमें ऐसे लोगों की रिस्पेक्ट करने चाहिए जो अच्छे उद्देश्य के लिए कार्य कर रहे हैं जैसे कि एंजेलिना जोली, हाल ही में  एंजेलिना जोली ने 7.5 करोड़ दान किए, ताकि कोई बच्‍चा भूखा न रहे| ऐसे भी सेलिब्रिटी है जो सिर्फ नाम के लिए थोड़ा बहुत दान और परोपकार करने  का ढोंग रचते हैं| वास्तव में आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो जो कुछ भी है वह ईश्वर का है| यदि  आपके पास बहुत धन है तो इसे ट्रस्ट माना गया है धन संपन्न व्यक्ति सिर्फ उसका ट्रस्टी होता है| आपको बिना कुछ किए हुए नेम फेम और मनी मिल रही है तो वह आपकी नहीं है| महात्मा गांधी इसे ट्रस्टीशिप कहते थे| आपको जो भी कुछ मिला है आप उस के ट्रस्टी है आपको उसका सदुपयोग करना है| आपको यदि अच्छा हुस्न मिला है,  गायकी मिली है,  आवाज मिली है,  वक्तृत्व कला मिली है,  अभिनय मिला है, राजनीति की पद प्रतिष्ठा पावर मिली है वह सब ईश्वर के कार्य के लिए है| आपके प्रारब्ध के कारण आपको कम में ज्यादा मिल रहा है अच्छी बात है लेकिन आपको उसका सदुपयोग ही करना है क्योंकि एक दिन आपको वह सब कुछ छोड़ कर जाना है|  इसलिए जाने से पहले उसका सदुपयोग करना है|  दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि लाखों सेलिब्रिटीज में से शायद ही इक्के दुक्के होते हैं जो अपने नेम फ़ेम और मनी का सदुपयोग करते हैं| ऐसे में आम जनता को ऐसे लोगों का नेम फेम बढ़ाने से बचना चाहिए जो लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं| आपकी मूर्खता और समय किसकी शक्ति बढ़ा रही है इस बात का ख्याल आपको रखना होगा? ईशावास्योपनिषद में कहा गया है  ईशावास्यं इदं सर्वं यत् किञ्च जगत्यां जगत। तेन त्यक्तेन भुञ्जिथाः मा गृधः कस्य स्विद् धनम् ॥१॥ ईश्वर कण कण में बसा है,  सकल जड़ चेतना जगत सब में समाया है इसलिए जगत को निष्काम वृद्धि से भोगो यह धन किसी का भी नहीं इसलिए इसमें  आसक्ति  ना रखो, इसका सदुपयोग करो|  कहीं अनजाने में आप ऐसे लोगों को तो नहीं पूज रहे जो ईश्वर के कार्यों से विमुख हैं|  आध्यात्मिक दृष्टि में ऐसे लोग पाप के भागी बनते हैं, जो गलत लोगों को प्रश्रय, समर्थन या सराहना करते हैं|  इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सेलिब्रिटीज के पास पावर है उनके कई पूजक प्रशंसक और भक्त हैं|  लेकिन ऐसे भक्तों, पूजको और प्रशंसकों से अपील है कि वह ऐसे  उत्तेजक और  घटिया तरीके से शोहरत और प्रशंसा हासिल करने वालों से दूरी बनाए और उन लोगों को समर्थन दें जो योग्य और प्रतिभाशाली हैं, जो वास्तव में आपसे मिले यश मान मनी  प्रतिष्ठा और पद का सदुपयोग करें|