रिश्तेदारों के बच्चों के बीच शादी क्यों नहीं होनी चाहिए?


स्टोरी हाइलाइट्स

माता या पिता के रिश्तेदारों के बच्चों से शादी नहीं करनी चाहिए, वर-वधु यदि माता या पिता की तरफ से किसी भी रूप में रिश्ते में आ रहे हैं तो उनका विवाह आने वाली पीढ़ी का भविष्य ख़राब कर सकती है|  पास के रिश्तेदारों में शादी एक खतरनाक परंपरा है जिसके नतीजे दुनिया के लाखों बच्चे भोग रहे हैं|

माता या पिता के रिश्तेदारों के बच्चों से शादी नहीं करनी चाहिए, वर-वधु यदि माता या पिता की तरफ से किसी भी रूप में रिश्ते में आ रहे हैं तो उनका विवाह आने वाली पीढ़ी का भविष्य ख़राब कर सकती है|  पास के रिश्तेदारों में शादी एक खतरनाक परंपरा है जिसके नतीजे दुनिया के लाखों बच्चे भोग रहे हैं| दुनिया भर के वैज्ञानिक सलाह दे रहे हैं जेनेटिक रोग ना हो इसका एक ही इलाज है अपने निकटतम रिश्तेदारों में विवाह नहीं करना|  पूरी दुनिया में कुछ धर्म और जातियों में चाचा, बुआ या अन्य रिश्तेदारों के बच्चों के बीच में शादियां हो जाती हैं| लेकिन यह शादियां अगली संतति के लिए हीमोफीलिया, कलर ब्लाइंडनेस और अल्बीनिज्म जैसी बीमारियों का सबब बनती है| भारतीय संस्कृति में इसलिए एक गोत्र में शादी न करने की परंपरा है इसके पीछे कहीं न कहीं  हमारे पूर्वजों में अनुवांशिक रोगों से बचाव के लिए मिला दिव्यज्ञान है| जैनेटिक/ अनुवांशिक रोग न हो इसका एक ही इलाज है 'सैपरेशन ऑफ जींस'। नजदीकी रिश्तेदारों में जींस सैपरेट (विभाजित) नहीं हो पाता जिससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां होने का खतरा होता है| एक गोत्र के लोग आपस में विवाह नहीं करते , जिससे जींस सैपरेट (विभाजित) रहे। गोत्र दरअसल आपका वंश और कुल होता है. ये आपको आपकी पीढ़ी से जोड़ता है| वैदिक संस्कृति के अनुसार, एक ही गोत्र(वंश) में विवाह करना वर्जित है| क्योंकि एक ही गोत्र के होने के कारण स्त्री-पुरुष भाई और बहन हो जाते हैं| हालाकी आज के दौर में गोत्र कि बजाये तीन वंश छोड़कर शादी की जा सकती है| आदमी को तीन वंश छोड़ कर ही विवाह करना चाहिए. पहला स्वयं का, दूसरा मां का और तीसरा दादी का | जिन लोगों में गोत्र परम्परा नहीं है वे अपने माता या पिता के परिवार में ५  से ७ पीढी पीछे तक के रिश्तेदारों में शादी न करें| खुद के बुआ और मामा या माता पीता के बुआ और मामा के परिवार में भी शादी न करें| विवाह जितनी दूर हो उतना अच्छा होता है, क्योंकि ऐसे दम्पति की संतान गुणी और प्रभावशाली होती है| यदि करीब के रक्त संबंधियों में विवाह होता है तो अधिक संभावना है कि उनके जींस (गुणसूत्र) अलग न होकर एक समान ही हों। एक समान जींस होने से उनसे उत्पन्न होने वाली संतान को कई गंभीर बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है|