इंडियन रेलवे की मदद से अब छोटे किसानों की कमाई बढेगी, जानते हैं किस तरह से 


स्टोरी हाइलाइट्स

इंडियन रेलवे की मदद से अब छोटे किसानों की कमाई बढेगी, जानते हैं किस तरह से  With the help of Indian Railways, now the income of small farmers will increase, know how हमारा देश कृषि प्रधान देश हैं| देश की आर्थिक स्थिति बहुत हद तक किसानों पे टिकी है| हमारे देश में कोटे किसानों की बड़ी समस्या है| वह जीवन भर छोटे किसान ही बने रह जाते हैं| परन्तु उनको आगे बदने के लिए अब इंडियन रेलवे आगे आई है| छोटे​ किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए इंडियन रेलवे अब किसान ट्रेनों को सीजनल फल सब्जियों के लिए भी चालू करने की तैयारी में है| रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी है| सबसे पहले महाराष्ट्र के नागपुर और नई दिल्ली के बीच संतरों के लिए पहली किसान ट्रेन चलाई जा सकती है| इसके अलावा किनू स्पेशल ट्रेन भी पंजाब और पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के बीच चलाने की तैयारी है| अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर व जनवरी में इन ट्रेनों की शुरुआत हो सकती है| पिछले महीने ही किसान रेल सर्विस को शुरू किया गया था| अब तक 4,100 टन सामान देशभर के बाज़ार तक इन ट्रेनों के जरिए पहुंचाया जा चुका है| रेलवे द्वारा इस नयी यौजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है| उन्होंने यह भी कहा कि ज़ोनल रेलवे से इस बारे में फीडबैक मिल गया है ताकि सीजनल उत्पादों को ट्रेनों के जरिए देशभर के बाजारों में पहुंचाया जाए सके| संभव है कि सबसे पहले संतरे और कीनू के लिए ही ट्रेनें चलाई जाएंगी| छोटे किसानों को होगा फायदा  रेलवे के अनुसार इन ट्रेनों से छोटे स्तर के किसानों को सबसे ज्यादा लाभ मिले सकेगा| छोटे किसान अपना सामान लोकल बाज़ार में ही बेच पते थे| वो चाह करके भी अपना माल बहार नहीं भेज पते थे क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन बहुत  ज्यादा लगता था|    एक बार में पूरी ट्रेन नहीं बुक कर सकते हैं| इस सुविधा के तहत वो अपनी जरूरत और उत्पाद के आधार पर बुकिंग कर सकेंगे| इन फलों के लिए भी चलेंगी स्पेशल ट्रेनें संतरे और कीनू के अलावा अप्रैल से जून के बीच आंध्र प्रदेश से दिल्ली के लिए आम स्पेशल (Mango Special), मार्च से दिसंबर के बीच नासिक से दिल्ली के लिए प्याज स्पेशल (Onion Special), मार्च से दिसंबर के बीच जलगांव से दिल्ली के लिए केला स्पेशल (Banana Special) ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है. इसी प्रकार अप्रैल से नवंबर के बीच सूरत, वलसाड़ और नवसारी से दिल्ली के बीच चीकू स्पेशल  (Chikuu Special) ट्रेनें चलाई जाएंगी| अधिकारियों ने बताया कि जितनी लंबी दूरी के लिए सामान भेजा जाता है, ढुलाई खर्च उतना ही कम होता है. उन्होंने बताया कि 0 से 500 किलोमीटर की दूरी के ​​बीच रेलवे की सर्विसेज महंगी होती हैं| लेकिन 1,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए रोडवेज की तुलना में यह किफायती होता है| 2000 किलोमीटर से दूरी के लिए रोडवेज की तुलना में ट्रेनों से माल ढुलाई करीब 1,000 रुपये प्रति टन सस्ता पड़ता है और समय भी रोडवेज की तुलना में कम लगता है साथ ही माल भी सुरछित रहता है|