World smile day:- आपको तनाव और डिप्रेशन से बाहर करने के लिए एक छोटा सा उपाए: खुलकर मुस्कुराइए 


स्टोरी हाइलाइट्स

World smile day:- आपको तनाव और डिप्रेशन से बाहर करने के लिए एक छोटा सा उपाए: खुलकर मुस्कुराइए  "मुस्कुराना" ये शब्द सुनकर या देख कर ही आपको बहुत अच्छा फील होता है| ये भी सुना है इससे जीवन की कितनी भी बड़ी समस्या हो वो आसानी से ख़तम हो जाती है| रिसर्च के अनुसार जब हम हंसते हैं तो चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसका असर मस्तिष्क तक होता है और हम खुश महसूस करते हैं। ऐसा होने पर दिमाग और ज्यादा मुस्कुराने को कहता है। यहीं से दिमाग की सेहत में सुधार होना शुरू होता है और इंसान खुद को काफी हल्का महसूस करता है। दिमाग में जो तनाव और डिप्रेशन रहता है वो भी दूर होता है|   आज हम इतनी बड़ी बीमारी से लड़ रहे हैं| तो उसमें साथ देने और हिम्मत को बढाने के लिए स्माइल करते रहना बहुत जरुरी है| कोरोना के दौर में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने भी मुस्कुराने की सलाह दी है। उनकी हालिया रिसर्च बताती है कि मुस्कुराने पर मस्तिष्क में पॉजिटिव विचार आते हैं| ये पॉजिटिव विचार बॉडी में एनर्जी लाने का काम करते हैं। साथ ही इमोशंस बदलते हैं जो की नकारात्मकता को खत्म करने का काम करते हैं। आईये जानते है स्माइल अपनी जिंदगी में कितना बदलाव लाती है। 21 साल का हुआ वर्ल्ड स्माइल डे, जिस स्माइली फेस के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है उसे मात्र 10 मिनट में अमेरिकन आर्टिस्ट हार्वे बॉल ने तैयार किया था| ब्लड प्रेशर, दर्द, तनाव घटाना है और इम्युनिटी को बढ़ाना है तो मुस्कुराइए  मुस्कुराने पर शरीर में Cortisol and endorphins जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं और शरीर में होने वाले दर्द को घटाते हैं साथ ही तनाव को कम करते हैं। रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं और इम्युनिटी बढ़ते हैं। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है तो हार्ट डिसीज का खतरा घट जाता है। अपनी उम्र से 7 साल ज्यादा जीते हैं अमेरिका में महिलाओं की मुस्कान पर भी एक स्टडी गई है। रिसर्च में देखा गया कि सबसे ज्यादा नेचुरल और खुलकर हंसने पर क्या असर होता है। रिपोर्ट में सामने आया कि जिन महिलाओं ने चेहरे पर नेचुरल स्माइल रखी थी उनकी उम्र दूसरी महिलाओं के मुकाबले 7 साल तक बढ़ गई। ब्यूटी टिप्स में भी मुस्कुराने को बताया गया है|  अमेरिकी शोधकर्ता और साइकोलॉजिस्ट डॉ. पाउला निएंडथल कहती हैं, एक बच्चा दिन में औसतन 400 बार हंसता है। दिनभर में एक एडल्ट 40 से 50 बार और 50 साल की उम्र के बाद इंसान 20 बार ही मुस्कुराता है।  वर्ल्ड स्माइल डे क्यों मानते हैं  मैसाच्युसेट्स (Massachusetts) के आर्टिस्ट हार्वे बॉल ने मुस्कुराने वाला दुनिया का सबसे चर्चित स्माइल फेस बनाया था। यह खुशहाली का सिम्बल बन गया। स्माइल फेस का Commercialization बढ़ने के कारण हार्वे बॉल ने एक दिन इसके नाम करने का फैसला लिया। फर्स्ट टाइम  वर्ल्ड स्माइल डे 1999 में मनाया गया, इसके बाद से यह साल सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस तरह अक्टूबर का पहला शुक्रवार वर्ल्ड स्माइल डे के नाम हो गया। वर्ल्ड स्माइल फाउंडेशन की शुरुआत 1999 में की गई जो बच्चों को मदद करता है और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करता है। स्माइली फेस कैसे बना और हो गया इतिहास में अमर मैसाच्युसेट्स (Massachusetts) में एक इंश्योरेंस कम्पनी थी। जिसका नाम स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस था। इस कम्पनी ने ओहियो की एक और इंश्योरेंस कम्पनी को खरीदा। इस मर्जर से कर्मचारी खुश नहीं थे। कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस कम्पनी ने 1963 में हार्वे बॉल की नियुक्ति बतौर फ्रीलांस आर्टिस्ट की। हार्वे ने 10 मिनट में एक स्माइली फेस बनाया। जिसकी एक आंख छोटी थी। इसने कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाया। इसके लिए हार्वे को उस दौर में 45 डॉलर मिले थे। जिसकी वैल्यू आज 3,300 रुपए है। स्माइल इंसान का सबसे खूबसूरत हिस्सा अमेरिका में हुए एक सर्वे में लोगों से इंसान के शरीर के सबसे आकर्षक हिस्से के बारे में पूछा गया। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का पहला जवाब था स्माइल। आंखें दूसरे पायदान पर थीं। 86 फीसदी महिलाओं का कहना था सुंदर मुस्कान और दांतों के लिए वे दिन में दो बार ब्रश करती हैं, जबकि 66 फीसदी पुरुष ही ऐसा कर पाते हैं।