योग,आसन,अध्यात्म एवं व्यायाम


स्टोरी हाइलाइट्स

योग का वर्णन वेदों में, फिर उपनिषदों में और फिर गीता में मिलता है, लेकिन पतंजलि और गुरु गोरखनाथ ने योग के बिखरे हुए ज्ञान को व्यवस्थित रूप से लि...

योग का वर्णन वेदों में, फिर उपनिषदों में और फिर गीता में मिलता है, लेकिन पतंजलि और गुरु गोरखनाथ ने योग के बिखरे हुए ज्ञान को व्यवस्थित रूप से लिपिबद्ध किया। योग हिन्दू धर्म के छह दर्शनों में से एक है। ये छह दर्शन हैं - 1.न्याय 2.वैशेषिक 3.मीमांसा 4.सांख्य 5.वेदांत 6.योग। आओ जानते हैं योग के बारे में वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं। योग के मुख्य अंग :- यम, नियम, अंग संचालन, आसन, क्रिया, बंध, मुद्रा, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।इसके अलावा योग के प्रकार, योगाभ्यास की बाधाएं, योग का इतिहास, योग के प्रमुख ग्रंथ। योग के प्रकार :- 1.राजयोग, 2.हठयोग, 3.लययोग, 4. ज्ञानयोग, 5.कर्मयोग और 6. भक्तियोग। इसके अलावा बहिरंग योग, नाद योग, मंत्र योग, तंत्र योग, कुंडलिनी योग, साधना योग, क्रिया योग, सहज योग, मुद्रायोग, और स्वरयोग आदि योग के अनेक आयामों की चर्चा की जाती है। लेकिन सभी उक्त छह में समाहित हैं। 1.पांच यम :- 1.अहिंसा, 2.सत्य, 3.अस्तेय, 4.ब्रह्मचर्य और 5.अपरिग्रह। 2.पांच नियम:- 1.शौच, 2.संतोष, 3.तप, 4.स्वाध्याय और 5.ईश्वर प्राणिधान। 3.अंग संचालन:- 1.शवासन, 2.मकरासन, 3.दंडासन और 4. नमस्कार मुद्रा में अंग संचालन किया जाता है जिसे सूक्ष्म व्यायाम कहते हैं। इसके अंतर्गत आंखें, कोहनी, घुटने, कमर, अंगुलियां, पंजे, मुंह आदि अंगों की एक्सरसाइज की जाती है। 4.प्रमुख बंध:- 1.महाबंध, 2.मूलबंध, 3.जालन्धरबंध और 4.उड्डियान। 5.प्रमुख आसन:- किसी भी आसन की शुरुआत लेटकर अर्थात शवासन (चित्त लेटकर) और मकरासन (औंधा लेटकर) में और बैठकर अर्थात दंडासन और वज्रासन में, खड़े होकर अर्थात सावधान मुद्रा या नमस्कार मुद्रा से होती है। यहां सभी तरह के आसन के नाम दिए गए हैं। 1.सूर्यनमस्कार,  2.आकर्णधनुष्टंकारासन,  3.उत्कटासन,  4.उत्तान कुक्कुटासन,  5.उत्तानपादासन,  6.उपधानासन,  7.ऊर्ध्वताड़ासन,  8.एकपाद ग्रीवासन,  9.कटि उत्तानासन,  10.कन्धरासन,  11.कर्ण पीड़ासन, 12.कुक्कुटासन,  13.कुर्मासन,  14.कोणासन,  15.गरुड़ासन 16.गर्भासन, 17.गोमुखासन, 18.गोरक्षासन, 19.चक्रासन, 20.जानुशिरासन, 21.तोलांगुलासन 22.त्रिकोणासन, 23.दीर्घ नौकासन, 24.द्विचक्रिकासन, 25.द्विपादग्रीवासन,  26.ध्रुवासन,  27.नटराजासन,  28.पक्ष्यासन, 29.पर्वतासन, 31.पशुविश्रामासन,  32.पादवृत्तासन,  33.पादांगुष्टासन,  33.पादांगुष्ठनासास्पर्शासन,  35.पूर्ण मत्स्येन्द्रासन,  36.पॄष्ठतानासन,  37.प्रसृतहस्त वृश्चिकासन, 38.बकासन,  39.बध्दपद्मासन,  40.बालासन,  41.ब्रह्मचर्यासन,  42.भूनमनासन,  43.मंडूकासन,  44.मर्कटासन,  45.मार्जारासन,  46.योगनिद्रा,  47.योगमुद्रासन,  48.वातायनासन,  49.वृक्षासन,  50.वृश्चिकासन, 51.शंखासन, 52.शशकासन,  53.सिंहासन,  55.सिद्धासन,  56.सुप्त गर्भासन,  57.सेतुबंधासन,  58.स्कंधपादासन,  59.हस्तपादांगुष्ठासन,  60.भद्रासन,  61.शीर्षासन,  62.सूर्य नमस्कार,  63.कटिचक्रासन,  64.पादहस्तासन, 65.अर्धचन्द्रासन, 66.ताड़ासन,  67.पूर्णधनुरासन,  68.अर्धधनुरासन,  69.विपरीत नौकासन,  70.शलभासन,  71.भुजंगासन,  72.मकरासन,  73.पवन मुक्तासन,  74.नौकासन,  75.हलासन,  76.सर्वांगासन,  77.विपरीतकर्णी आसन, 78.शवासन, 79.मयूरासन,  80.ब्रह्म मुद्रा,  81.पश्चिमोत्तनासन,  82.उष्ट्रासन, 83.वक्रासन,  84.अर्ध-मत्स्येन्द्रासन,  85.मत्स्यासन,  86.सुप्त-वज्रासन,  87.वज्रासन,  88.पद्मासन आदि। लेखक:- पवन त्रिपाठी