हिन्दू महीने धर्म और वार के पीछे के इस विज्ञान से आप वाकिफ़ न होंगे!


स्टोरी हाइलाइट्स

एक दिन रात में चौबीस होरा हैं , इसी क्रम से गिनेंगे तो पच्चीसवां होरा चंद्र का होगा अर्थात् अगले दिन का पहला होरा वो चंद्रवार या सोमवार हुआ

      भारतीय संस्कृति प्रकृति के जितना समीप है अन्य कोई नहीं । सभी सभ्यताओं ने अपने कैलेंडर बनाए महिनों के नाम दिए वारों को भी नाम दिया पर उनका कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है। यूरोपीयन ने वर्तमान प्रचलित महिनों के नाम संख्याओं और राजाओं के नाम पर दे दिए। आइये भारतीयों के नामकरण का आधार देखें:- महिनों के नाम:- भारतीय महीनों के नाम चंद्रमा की गति पर निर्भर हैं , जिस पूर्णिमा पर चंद्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उस माह का नाम उसी नक्षत्र पर होता है। उदाहरणार्थ अगर कृतिका पर है तो कार्तिक, ज्येष्ठा पर है तो ज्येष्ठ आदि, चंद्रमा की गति से तीन चार वर्ष में चंद्रमा एक नक्षत्र पर दो बार आ जाता है तो अधिक मास होता , वर्ष में भी तिथियां घटती बढ़ती रहती हैं , ये सब औसतन एक वर्ष का मान 365.25 दिन हो इसलिए है । ये सब प्रकृति की गणनाओं से निश्चित रहता है। वारों के नाम:- रविवार इत्यादि दिनों के नाम भी वैज्ञानिक गणनाओं पर आधारित हैं। दिन रात को संस्कृत में अहोरात्र कहा गया , इसको चौबीस भागों में बांटा गया जिसे होरा कहा गया ( वर्तमान Hour शब्द भी शायद इसी से बना हो) सूर्य को ज्योतिष में चलायमान मानते हुए पृथ्वी को स्थिर माना ,गणित में नियम है कि दो गतिशील की गति की गणना करनी हो तो‌ एक को स्थिर माना कर सापेक्ष गति निकालें। प्रलयकाल के बाद सूर्य का ही पहला प्रकाश मिला अतः पहले दिन की पहली होरा सूर्य की मानी गयी वो दिन रविवार कहलाता । फिर एक क्रम निर्धारण किया गया ( विश्व गणितीय भाग में ना जाते हुए) सूर्य के बाद दूसरा होरा शुक्र का तीसरा बुध का ,चौथा चंद्र का पांचवां शनि का ,छठा गुरू का और सातवां मंगल का। आठवां फिर सूर्य का। एक दिन रात में चौबीस होरा हैं , इसी क्रम से गिनेंगे तो पच्चीसवां होरा चंद्र का होगा अर्थात् अगले दिन का पहला होरा वो चंद्रवार या सोमवार हुआ, पुनः चंद्र गणना करते हैं तो अगले दिन का पहला होरा मंगल का होगा । इस क्रम से गिनते हुए शनिवार को शनि से पच्चीसवां होरा रवि का होगा अर्थात् आठवां दिन फिर रविवार होगा। ये क्रम ग्रहों की पृथ्वी और सूर्य से सापेक्ष दूरी के आधार पर बने इसे अलग पोस्ट में बताने का प्रयत्न करूंगा। अशोक कौशिक