कहीं आप भी न हो जाएं सायबर क्राइम के शिकार


स्टोरी हाइलाइट्स

स्पैम (Spam) स्पैम माने अनचाही ई-मेल। यह भी साइबर अपराध  है। हिन्दी मेलिंग में, यह काफी है। अक्सर मेल में आपको अपनी चिट्ठी भेज कर उनकी चिट्ठियों..........

कहीं आप भी न हो जाएं सायबर क्राइम के शिकार
Police Will Be Trained In Jabalpur - पुलिस का साइबर ... स्पैम (Spam) स्पैम माने अनचाही ई-मेल। यह भी साइबर अपराध  है। हिन्दी मेलिंग में, यह काफी है। अक्सर मेल में आपको अपनी चिट्ठी भेज कर उनकी चिट्ठियों को पढ़ने के लिये कहते हैं। यह गलत है। आप इस तरह का ईमेल तभी किसी व्यक्ति को भेजें जब उस व्यक्ति से आप उस चिट्ठी में कुछ करने के लिये कहते हैं या उसके बारे में लिखते हैं।
 यह न केवल इंटरनेट शिष्टाचार के विरुद्ध है पर साइबर अपराध भी है।स्पैम उस प्रकार के ईमेल को कहते है जो थोक में भेजा जाता है, बिना मांगे या बुलाये आ जा ता है, जिसमे प्राय विज्ञापन भरे होते है जब से ईमेल का विकास हुआ है स्पैम एक समस्या बनी रही है, ख़ास तौर पर 1990 के दशक से ये ईमेल प्रयोगकरता को परेशान करती है, उसका समय तथा धन बरबाद करती है, अप्रैल 2008 के एक अध्ययन से पता चलता है कि हर रोज कम से कम १०० अरब स्पैम भेजी जाती हाल ही में बेहतर फिल्टर सेवा ख़ास तौर पर जी मेल पे के चलते ये कम आने लगी है स्पैम भेजने के लिए पते चैटरूम से, वेब साईट से या वायरस के प्रयोग से एकत्र किए जाते है।
  • डेफिनिशन के अनुसार, स्पैम ईमेल वह होता हैं, जो इन तीन मानदंडों को पूरा करता है:
  • गुमनामी: सेन्‍डर का ईमेल एड्रेस और आइडेंटिटी छुपी रहती हैं|
  • मास मेलिंग: यह ईमेल लोगों के बड़े समूहों के लिए भेजा जाता हैं|
  • अनचाही: इन ईमेल को प्राप्तकर्ताओं द्वारा अनुरोध नहीं किया गया होता|
स्पिम (Spim) यदि स्पैम अनचाहे ई-मेल है तो स्पिम अन्तरजाल के बातों के दौरान अनचाही बातें। स्पैम शब्द कई वर्षों से कंप्यूटर की दुनिया में प्रचलित है और इस का अर्थ भी किसी से ढका छिपा नहीं है... यानी ईमेल के ज़रिए आने वाले अनचाहे संदेश. यह प्रायः ऐसे विज्ञापन या विज्ञापन वाली साइट्स होती हैं जो हम पर बिना हमारी इच्छा के थोप दी जाती हैं. लेकिन अब इस से एक क़दम आगे आइए तो 2005 में एक और शब्द बहुत ही तेज़ी से प्रचलित हुआ है और वह शब्द है ‘स्पिम’ (Spim)

यह ऐसे विज्ञापन वाले प्रोग्राम हैं जो ‘तुरंत संवाद’ के रूप में हमारे पीसी में घुस आते हैं. इसी संदर्भ में एक साप्ताहिक पत्रिका से यह अंश प्रस्तुत किया जा रहा है.
Researchers warn that SPIM is growing at about three times the rate of spam, as spammers adapt their toolkit to exploit a rapidly rising number of the new instant messaging (I.M) users. यानी ‘तुरंत संवाद’ का प्रयोग करने वाले कंप्यूटर बुरी तरह इस रोग से ग्रस्त हैं जिसे ‘स्पिम’ का नाम दिया जा रहा है.
इंटरनेटपरपीछा_करना (Cyber Stalking) पीछा करना, तंग करना, इस हद तक घूरना कि दूसरा खीज जाये, डर जाय। यही काम जब इंटरनेट पर हो तो साइबर स्टॉकिंग कहलाता है।साइबर क्राइम का ही एक चेहरा है साइबर स्टॉकिंग, जिसमें कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह किसी दूसरे व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह का इंटरनेट के जरिए पीछा करता है और उसे हर तरह से नुकसान पहुंचाने और प्रताडि़त करने की कोशिश करता है।

इसमें इंटरनेट के जरिए किसी की गतिविधियों पर नजर रखना, उस पर झूठे इल्जाम लगाना, उसे धमकी देना, उसकी पहचान चुरा लेना, उसके डेटा या उपकरण के साथ छेड़छाड़ करना और उन्हें नुकसान पहुंचाना, एब्यूजिंग, सेक्सुअल हरासमेंट, अग्रेशन आदि शामिल है। इन हथकंडों का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट के जरिए किसी को नुकसान पहुंचाना ही 'साइबर स्टॉकिंग' कहलाता है। ऐसे अपराधों के लिए इंटरनेट के साथ-साथ मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी 'स्टॉकिंग' ही कहलाता है।

अश्लीलता(pornography) अश्लील ईमेल, अशलील चित्र, चित्रों को बदल कर किसी अन्य का चित्र लगा देना, यह सब अशलीलता के अन्दर आता है। इस तरह के साइबर अपराध सबसे अधिक हैं। इंटरनेट के माध्यम से अश्लीलता का व्यापार भी खूब फलफूल रहा है. ऐसे में पोर्नोग्राफी एक बड़ा कारोबार बन गई है. जिसके दायरे में ऐसे फोटो, विडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री आती है, जो यौन, यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित हो. ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है. दूसरों के नग्न या अश्लील वीडियो तैयार करने वाले या ऐसा एमएमएस बनाने वाले या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से इन्हे दूसरों तक पहुंचाने वाले और किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील संदेश भेजने वाले लोग इसी कानून के दायरे में आते हैं. पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना अवैध है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं माना जाता. जबकि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध माना जाता है।
इसमे एक विशेष क्लासिफिकेशन है वो है -
चाइल्ड पोर्नोग्राफी – 
बच्चों के साथ पेश आने वाले मामलों पर कानून और भी ज्यादा सख्त है. बच्चों को सेक्सुअल एक्ट में शामिल करना या नग्न दिखाना या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई सामग्री प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना भी इसी कानून के तहत आता है. बल्कि भारतीय कानून के मुताबिक जो लोग बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री तैयार करते हैं, इकट्ठी करते हैं, ढूंढते हैं, देखते हैं, डाउनलोड करते हैं, विज्ञापन देते हैं, प्रमोट करते हैं, दूसरों के साथ लेनदेन करते हैं या बांटते हैं तो वह भी गैरकानूनी माना जाता है. बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रेकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि भी इसी के तहत आते हैं. इस कानून में 18 साल से कम उम्र के लोगों को बच्चों की श्रेणी में माना जाता है

बचाव --
1 - कभी भी किसी भी स्पैम का जवाब न दें| अधिकांश स्पैमर्स प्राप्ति की पुष्टि और लॉग को वेरीफाई करते हैं| आप जितना अधिक जवाब देंगे, उतने अधिक स्‍पैम मैसेज आपको प्राप्‍त होने की संभावना होगी|

2 - इससे पहले कि आप ‘unsubscribe’ पर क्लिक करें, दो बार सोचे| ई-मेल एड्रेस इकट्ठा करने की कोशिश में स्पैमर्स नकली unsubscribe लेटर्स भेजते हैं| अगर आप इनकी unsubscribe लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपका ई-मेल एड्रेस सच में होने कि उनको पुष्‍टी मिलेगी और भविष्‍य में आपको और अधिक स्‍पैम मैसेज मिलेंगे| अज्ञात सोर्स से आए ईमेल कि unsubscribe लिंक पर क्लिक न करें।

3- अपने ब्राउज़र को साफ़ करें। अपने ब्राउज़र के कैश (cache), हिस्ट्री के साथ साथ गूगल सर्च हिस्ट्री को क्लियर करें। अगर आपके कंप्यूटर को याद है कि आपने कोई पोर्न साइट विजिट की है (भले ही दुर्घटनावश), तो कंप्यूटर सोचेगा कि आपको और ज्यादा पोर्न चाहिए और यह पोर्नोग्राफी और असुरक्षित वेबसाइटों के और ज्यादा एडवरटाइजमेंट दिखाने लगेगा।

4 - प्रभावी एंटीवायरस और एंटीमैलवेयर सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें।
कानूनी मदद --
स्पैम या स्पिम भेजना -- आईटी कानून 2000 की धारा 77 बी

- आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 66 डी

- आईपीसी की धारा 417, 419, 420 और 465।

सजा-  
तीन साल तक की जेल और/या जुर्माना।

-> इंटरनेटपरपीछा_करना (Cyber Stalking) -- आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 66 (ए)

सजा: 
तीन साल तक की जेल और/या जुर्माना

मामले के दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं ऊपर से भी लग सकती है.

अश्लीलता(pornography) -- आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए)

- आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509

सजा:
जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर पांच साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा सात साल हो जाती है।

->  चाइल्ड पोर्नोग्राफी - आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 67 (बी), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 500, 506 और 509

सजा: 
पहले अपराध पर पांच साल की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना।
विशेष - महिला मित्र ध्यान दें --
बच्चों और महिलाओं को तंग करना -- 
आज के दौर में सोशल नेटवर्किंग साइट्स खूब चलन में हैं. ऐसे में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों, ई-मेल, चैट वगैरह के जरिए बच्चों या महिलाओं को तंग करने के मामले अक्सर सामने आते हैं. इन आधुनिक तरीकों से किसी को अश्लील या धमकाने वाले संदेश भेजना या किसी भी रूप में परेशान करना साइबर अपराध के दायरे में ही आता है. किसी के खिलाफ दुर्भावना से अफवाहें फैलाना, नफरत फैलाना या बदनाम करना भी इसी श्रेणी का अपराध है. इस तरह के केस में आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 66 (ए) के तहत सजा का प्रावधान है. दोष साबित होने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है।।

अजेष्ठ त्रिपाठी