आपकी एक मुस्कराहट बदल देगी ज़िंदगी …
आपके चेहरे की प्रसन्नता कभी जानी नहीं चाहिये क्योंकि परमात्मा प्रसन्न लोगों से ही मिलता है, उदास और मायूस चेहरों से परमात्मा कभी नहीं मिलता, इसलिए एक बात हमेशा ध्यान रखिए अपने चेहरे की प्रसन्नता को कभी भी कम ना होने दे|
सदा प्रसन्न रहिए और बिना कारण भी हमेशा अपने आप को प्रसन्न रखिए क्योंकि परमात्मा ने आपको बहुत कुछ दिया है, फिर भी हम उससे ही लगातार शिकायते करते है और अपने आप को दुखी रखते है, बल्कि हमें उसका धन्यवाद करना चाहिए और प्रसंता के साथ उसकी साधना कर हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए |
थोड़ा मुस्कुराहट से जीना सीखे क्योंकि चार्ली चैप्लिन कहते थे ” अभागा है वो दिन जिस दिन आप खुलकर हंसे नहीं, हम देखते है कि एक छोटा सा बच्चा कितना मुस्कुराता है क्योंकि वो बच्चा भीतर से चेतनयता से भरा है,वो इतना सजग और सरल है कि मुस्कुराता रहता है |
यदि आप उसे देखकर मुस्कुराते है तो वह बच्चा भी मुस्कुराता है क्योंकि वह आपको रेस्पोंड करता है। लेकिन जब हम बड़े होते है तो उम्र बढ़ती है, ज्ञान बढ़ता है, मस्तिष्क में कचरा बढ़ता है, इन सभी के कारण हम मुस्कुराना भूल जाते है न जाने हमारी मुस्कुराहट कहाँ चली जाती है। यह जीवन आपको मुस्कुराने के लिए और हमेशा प्रसन्न होने के लिए मिला है।
चार्ली चैप्लिन ने एक और अच्छा वाक्या सुनाया था जिसमें वो लोगों को एक जोक सुनाता है | बह उस एक ही जोक को तीन बार सुनाता है लेकिन जब वह जोक को पहली बार सुनाता है तो बहुत लोग हंसते है, दुबारा उसी जोक पर थोड़े कम लोग हंसते है, उसी जोक को तीसरी बार सुनाता है तो कोई नहीं हँसता है | इसपर चार्ली चैप्लिन लोगों से सवाल करते है कि एक ही जोक पर आप बार -बार हंस नहीं सकते तो फिर एक ही समस्या पर बार-बार रोते क्यों हो ?
आपको यह जीवन मिला है उससे अच्छी बात क्या है ? इस जीवन के लिए परमात्मा कों धन्यवाद दे, एक अनुसंधान से यह भी पता चला है कि, एक बच्चा दिन में चार सौ बार मुस्कुराता है जबकि एक नवयुवक 14 बार एक प्रौढ़ तो मुस्कुराता ही नहीं है।अधिक सफलता प्राप्त करने के लिए लोग तो बहुत ही रुखी सी शक्ल बनाए रखते है, क्या रूखापन सफलता की निशानी कही जा सकती है ? क्या तनाव से भरा चेहरा सम्रधी,उन्नति और आदर सम्मान का प्रतीक हो सकता है?
आपको अधिक से अधिक मुसकुराते रहना चाहिए क्योंकि हर रोज़ सुबह आइने में देखकर अपने आप को अच्छी सी मुस्कान देते है तो पता है जब आप मुस्कुराते हों तो चेहरे की सभी मांसपेशियों को आराम मिलता है। और आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा,उत्साह और आत्मविश्वास पैदा होता है।
क्या आपको पता है आपकी मुस्कराहट कितनी कमजोर है फ़ोन की एक कॉल ही इसे छीन लेने के लिए पर्याप्त है, ऐसी कमजोर भावनाओं की गठरी बांध कर उसे सागर में फेंक देना चाहिए। ऐसी नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति पाते ही आप प्रसन्न हो जाते है। कभी आप अपने आपको ध्यान से देखें कि हमारा उत्साह कम कब होता है ?
जब कोई कुछ बुरा कह देता है और कहने वाले ऐसा क्यों करते है ? क्योंकि वो अपने दिमाग़ का कुछ कचरा बाहर निकलना चाहता है और आप उस कचरे को पकड़ने को तैयार थे और आप उस कचरे को पकड़ने के बाद उसे इतनी तत्परता से संभाल के रखते है जैसे वो कोई क़ीमती चीज़ हो। इसे तुरंत ही छोड़ देना चाहिए !

अपनी हँसीं को किसी को भी छीन्ने मत दो, आमतोर पर हम ग़ुस्सा तो मुफ़्त में बाँटते रहते है और मुस्कुराते इतना कम है कि मानो वो क़ीमती हीरा हो लेकिन दोस्तों आज से हमें ग़ुस्से को महेंगे हीरे की तरह और हँसी को हवा,पानी और सूर्य की रोशनी कि तरह बेहद सस्ता करना होगा। तभी आप इस दुनिया में किसी बड़े उद्धेश्य को पूरा कर पाएगे | इस बात को हमेशा याद रखे और हमेशा मुस्कुराते रहें।
” भगीरथ पुरोहित अहमदाबाद “