भोपाल/गोवा: नेपाल में हिन्दू धर्म पहले से कहीं अधिक बढ गया है। सभी हिन्दू उस दल का समर्थन कर रहे हैं, जो हिंदुत्व के लिए काम करता है। आज नेपाल में हिन्दू समाज बहुसंख्यक है, परंतु चीन, यूरोपीय संघ आदि विदेशी शक्तियों से आर्थिक सहायता मिलने के कारण उनके विचारों के अनुसार कार्य हो रहे हैं।
साथ ही भारत के कुछ कट्टरपंथी वामपंथी कुछ विश्वविद्यालयों से हिन्दू विरोधी विचारधारा के कार्यकर्ता नेपाल आकर हिन्दू विरोधी और नक्सली काम कर रहे हैं। तब भी नेपाल हिन्दू राष्ट्र की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसा नेपाल के विश्व हिन्दू महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री. शंकर खराल ने पत्रकार वार्ता में जोर देकर कहा। वे ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा स्थित श्री विद्याधिराज सभागृह में आयोजित ‘वैश्विक स्तर पर हिन्दू संगठन’ पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
इस समय व्यासपीठ पर इंडोनेशिया के बाली से रस आचार्य डॉ. धर्मयशा, अमेरिका स्थित 'इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंसेज' के डॉ. नीलेश ओक, 'यूथ फॉर पनुन कश्मीर' के दिल्ली अध्यक्ष श्री. विठ्ठल चौधरी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी उपस्थित थे। अफ्रीका में इस्कॉन के श्रीवास दास वनचारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए अपना वीडियो संदेश भेजा था।
वैश्विक स्तर पर हिन्दुओं का संगठन सनातन धर्म के कारण ही संभव है !
इस समय अमेरिका में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंस के डॉ. नीलेश ओक ने कहा कि हिन्दू धर्म के विज्ञान को अंधविश्वास के रूप में, साथ ही राम-कृष्णादि अवतारों को कल्पना के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है।
वस्तुतः इनका काल आज के आधुनिक विज्ञान, खगोल विज्ञान के आधार पर निर्धारित किया जा सकता है। अतः इस दुष्प्रचार का उत्तर विज्ञान के आधार पर देना तथा हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता सिद्ध करना सहज संभव है। इसलिए सभी को सनातन धर्म की शिक्षा अपने घर से ही शुरू करनी चाहिए, खासकर बच्चों से।
इस अवसर पर बाली, इंडोनेशिया से आए रस आचार्य डॉ. धर्मयश ने कहा कि हमारी अगली पीढ़ी ही हमारा भविष्य है। हमें उन्हें भगवद गीता, रामायण और वैदिक परंपरा सिखाकर प्राचीन संस्कृति सिखानी चाहिए। तभी हम अपना बेहतर भविष्य देख सकते हैं।
अफ्रीका में इस्कॉन के श्रीवास दास वनचारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए दिए अपने संदेश में कहा कि वैश्विक स्तर पर हिन्दू धर्म की स्वीकार्यता बढी है। हिन्दू धर्मग्रंथों का अध्ययन किया जा रहा है। भगवत गीता में दिया अद्भुत ज्ञान समझने के बाद घाना (दक्षिण अफ्रीका) के कई चर्च में फादर गीता का ज्ञान दे रहे हैं।
इस समय 'यूथ फॉर पनुन कश्मीर’ के दिल्ली अध्यक्ष श्री. विट्ठल चौधरी ने कहा कि आज भी कश्मीर में हिंदुओं को निशाना बनाकर मारा जा रहा है। कश्मीर के बाद अब आतंकी हमलों का रुख जम्मू की ओर हो गया है। कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास 'पनून कश्मीर' के निर्माण से ही संभव है । इस 'पनुन कश्मीर' की स्थापना में भारतीयों और सनातन हिन्दू धर्मीयों की अहम भूमिका होगी।
कश्मीर के मुद्दे पर जैसे सभी हिन्दू एकजुट हुए और 'एक भारत अभियान, चलो कश्मीर की ओर' अभियान चलाया। इसे एक बार फिर से लागू करने की जरूरत है। सरकार को यह स्वीकार करते हुए कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास पर कार्रवाई करनी चाहिए।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि भारत छोडकर गए लोग भारत लौट रहे हैं। अन्य धर्मों के लोग बडी संख्या में सनातन धर्म की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं। वे न केवल भारतीय योग, अध्यात्म, आयुर्वेद, बल्कि समृद्ध एवं परिपूर्ण सनातन भारतीय ज्ञान के कारण भी सनातन धर्म की ओर आकर्षित होते हैं।
संतुष्टि पाने के लिए भारतीय संस्कृति के अनुसार आचरण कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति विश्व के सभी धर्मों को एकजुट कर सकती है। इसे फैलाना ही होगा; इसीलिए इस 'वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव' का आयोजन किया गया है।