लवगुरू मटुकनाथ को फिर प्यार का इंतजार, छोड़ गई जूली !


Image Credit : twitter

स्टोरी हाइलाइट्स

सोशल मीडिया पर बयां किया अपने मन का दर्द...!!

'लव गुरु' के नाम से मशहूर बिहार के मटुकनाथ चौधरी फिर सुर्खियों में आए हैं। करीब डेढ दशक पहले उनका अपनी शिष्या से प्रेम प्रसंग चर्चा बना था। उस वक्त उन्होंने उम्र में 30 साल छोटी शिष्या जूली के साथ प्रेमबंधों को स्वीकार किया था। इसके बाद उन्हें परिवार और समाज के विरोध का सामना करना पड़ा था। चौधरी बीएन कॉलेज में प्रोफेसर थे। वे साल 2018 में 40 साल की नौकरी के बाद रिटायर हो गए हैं खास बात यह है कि जूली भी अब उनसे अलग है। 

मटुकनाथ ने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए शेयर की है। उन्होंने लिखा कि साल 1995 में ही पत्नी अलग हो गई थी। परिवार बिखर गया था। इसके बाद विधिवत साल 05 में घर से निष्कासित हुआ था। इसी के साथ मैं दुख से भी मुक्त हो गया। मटुकनाथ ने लिखा कि जूली अपने आध्यात्मिक रुझान के कारण साल 2014 से भारत-भ्रमण कर अंदरूनी बेचैनी दूर करने का प्रयत्न करती रही, इसके बाद उसने अलग जीवन जीने की ख्वाहिश मेरे सामने रखी तो मेरी अस्वीकृति का सवाल नहीं था। उसका हित जिसमें हो, वही मुझे करना था।

'लव गुरु' ने लिखा उसके अलग होने का दुख तो हुआ, लेकिन सबसे ज्यादा कचोट इस बात की रही कि उसका फैसला सही नहीं था । उसके खराब स्वास्थ्य ने मुझे बहुत बेचैन किया। यह बेचैनी तब कम हुई, जब उसके साथ साढ़े चार महीने रहकर मैं स्वदेश लौटा था। वह जहां है, बहुत संतुष्ट है। उसका कहना है कि वहां उसकी जितनी अच्छी देखभाल होती है, उतनी दुनिया में कहीं संभव नहीं है। मटुकनाथ ने कहा मैं 65 साल का युवा हूं, लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि रिटायरमेंट के बाद मैं क्या करूंगा, हां, मैं एक लड़की से दोबारा शादी करना चाहता हूं।

अब स्कूल चलाते हैं चौधरी
उल्लेखनीय है कि चौधरी ने पहली बार साल 06 में जूली के साथ अपने लिव-इन रिलेशनशिप की बात स्वीकार की थी। शादीशुदा प्रोफेसर मटुकनाथ को परिवार और समाज ने काफी अपमानित किया था। 'लव गुरु' मटुकनाथ को पटना विश्वविद्यालय ने निलंबित भी कर दिया था। पटना विवि ने उनके वेतन और अन्य भत्तों के रूप में 20.70 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया था। यह राशि मिलने के बाद मटुकनाथ ने कहा था कि मैंने वैलेंटाइन डे पर 6.34 लाख की कार खरीदने का मन बनाया है। यह कार जूली को भेंट करूंगा। बाकी पैसों से पैतृक गांव में स्कूल बनवा रहा हूं। चौधरी ने भागलपुर जिले के बिहपुर एरिया में स्थित जयरामपुर गांव में 10 लाख रुपये लगाकर स्कूल बनवाया था। 2018 में सेवानिवृत्ति के बाद से मटुकनाथ स्कूल चला रहे हैं।