मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार 30 अगस्त को दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में चार दिवसीय 'मध्य प्रदेश उत्सव' का उद्घाटन किया। इस उत्सव का शुक्रवार 31 अगस्त को दूसरा दिन है। यह महोत्सव लघु रूप में मध्य प्रदेश की झलक देगा। महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने यहां लगी प्रदर्शनियों और स्टॉलों का निरीक्षण भी किया।
'मध्यप्रदेश उत्सव' में सांस्कृतिक विरासत, साहित्य, कला, हस्तशिल्प, हस्तशिल्प, एक जिला एक उत्पाद आदि उपलब्ध हैं। 2 सितंबर तक चलने वाले फेस्टिवल में लोग मप्र की संस्कृति और समृद्ध कला, पर्यटन के बारे में जानकारी ले सकते हैं और खरीदारी भी कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश महोत्सव में विंध्य हर्बल्स के बिक्री-सह-प्रदर्शन स्टॉल पर राज्य की वन उपज और औषधीय उत्पाद उपलब्ध हैं। इसके साथ ही मृगनानी के स्टॉल में राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को विशेष छूट के साथ बिक्री के लिए रखा गया है। यहां मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और कला, पर्यटन तथा जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई है। इस उत्सव में केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।
यहां जायकों का त्योहार भी मिलेगा। मध्य प्रदेश उत्सव में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं। यहां मालवा, विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड के विशेष व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें मालवा थाली, बुन्देलखण्ड थाली, निमाड़ थाली और बाघेलखण्ड थाली का स्वाद मिलता है। इसके साथ ही मशहूर इंदौरी पोहा, मक्के का आटा, सेव शाक, बावला, चूरमा और बाजरा खाने की चीजें भी परोसी जाएंगी।
चार दिवसीय महोत्सव में प्रत्येक सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। इनमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता कलापिनी कोमकली द्वारा देवों का शास्त्रीय गायन, ओडिसी नृत्यांगना बिंदू जुनेजा द्वारा ओडिसी नृत्य प्रदर्शन, मैहर घराने के नलतरंग सहित अन्य पारंपरिक वाद्ययंत्रों द्वारा संगीत प्रदर्शन और क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा लोक गायन शामिल हैं।