भोपाल: राज्य का महिला एवं बाल विकास विभाग इस साल 18 वर्ष तक के विधि विवादित, अनाथ, बेसहारा बच्चों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु 129 करोड़ 75 लाख रुपये व्यय करेगा। 18 वर्ष तक आयु तक के अनाथ बच्चों को 4 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाती है। इस योजना में 1047 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस साल इसके लिये 6 करोड़ 60 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे।
प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार, इस साल राज्य मद से 4456 आंगनबाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण प्रति भवन राशि 11 लाख 22 हजार रुपये के मान से किये जाने हेतु राशि 500 करोड़ रुपये के लक्ष्य विरुद्ध वर्तमान बजट में राशि 150 करोड़ रुपयों का प्रावधान रखा गया है। इससे बच्चों को बाल सुलभ आंगनबाड़ी केन्द्रों की सुविधा प्राप्त होगी तथा इन केंद्रों के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।
इसी प्रकार, कोविड-19 के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है, उन्हें आर्थिक सहायता, खाद्यान्न सुरक्षा, नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा क्रियान्वित की जा रही है। योजनान्तर्गत 1326 बच्चों को प्रतिमाह 5 हजार रुपये की सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। इस साल इस योजना हेतु राशि 7 करोड़ 98 लाख रुपये रखे गये हैं।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत बाल देखरेख संस्थाओं से निर्मुक्त होने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के युवक, युवतियों को इंटर्नशिप, व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं नीट, जेईई या क्लेट के माध्यम से प्रवेश लेने वाले युवक, युवतियों को उच्च शिक्षा के लिये सहायता हेतु 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिये जाने का बजट में प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, प्रदेश के 52 जिलों में अब 57 वन स्टॉप सेंटर सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर तत्काल आपातकालीन एवं गैर - आपातकालीन सुविधाएं जैसे- अस्थायी आश्रय, पुलिस, विधि सहायता, चिकित्सा, परामर्श आदि सुविधाओं के लिये संचालित किये जा रहे हैं। इस साल इस योजना पर 24 करोड़ 61 लाख रुपये खर्च होंगे।
इसी प्रकार, इस साल मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 में 18 हजार 983 करोड़ 99 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे। प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत विशेष जनजाति क्षेत्रों में 217 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण इस साल किया जायेगा। भवन विहीन 4,456 आंगनबाड़ी केन्द्रों में भवनों का निर्माण किया जाना है, जिसके प्रथम चरण हेतु 150 करोड़ रुपये इस साल खर्च होंगे।
बालिकाओं के अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से वर्ष 2007 से प्रदेश में संचालित लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत प्रारंभ से अब तक 48 लाख 8 हजार बालिकाओं का पंजीयन योजना के तहत किया गया है। इस साल इस योजना हेतु 1231 करोड़ 28 लाख रुपये का बजट प्रावधान रखा है। इसके अलावा, प्रदेश में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के हितग्राहियों को टेक होम राशन एवं ताजा पका हुआ भोजन पूरक पोषण आहार के लिये इस वर्ष 1167 करोड़ रुपये रखे गये हैं।