भोपाल: राज्य का नगरीय प्रशासन विभाग प्रदेश के बड़े शहरों में मास्टर प्लान की सडक़ों के निर्माण के लिए 2 हजार करोड रुपए व्यय करेगा तथा इसके लिये इस साल 250 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया है।
इसके अलावा, सिंहस्थ 2028 की तैयारी हेतु श्री गणेश करते हुए नया बजट मद खोला गया है, जिसमें 15 विभागों के द्वारा सिंहस्थ के कार्य योजना के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति दी जाएगी। इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। सिंहस्थ की तैयारी को उच्च गुणवत्ता एवं विशेषज्ञों के साथ बनाने के लिए तकनीक और आईटी का सहारा लेकर परियोजनाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति के प्रावधान किया गया है और इसके लिए विभाग को 5 करोड़ रुपए का आवंटन दिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा इस साल दो नई योजनाओं को नगरीय विकास के क्षेत्र में प्रारंभ किया जा रहा है। पहली योजना जन सहयोग से अधोसंरचना विकास की है जिसमें यदि नागरिक 50 प्रतिशत अंशदान नगद या सामग्री के रूप में देते हैं तो शेष 50 प्रतिशत राशि इस योजना से स्वीकृत की जाएगी। इस योजना में कॉलोनी की सडक़, एप्रोच रोड, सामुदायिक भवन, खेलकूद सुविधाओं तथा पर्यावरण की रक्षा हेतु अनेक कार्य लिए जा सकेंगे। चालू वित्तीय वर्ष में यह नया बजट मद विभाग के लिए खोला गया है।
दूसरी नवीन योजना नगरीय वनों के विकास के लिए है। शहरों में बाग बगीचे और खुली जगह के साथ-साथ कम से कम दो या चार एकड़ की भूमि उपलब्ध होने पर वहां घने वृक्षों को लगाने की योजना बनाई गई है, जिसके माध्यम से शहरों का पर्यावरण व आने वाले समय में अतिवर्षा, अति-ग्रीष्म काल से बचाव किया जा सके। इस हेतु शासकीय भूमि व ग्रीन बेल्ट की भूमियों का चयन कर वहां सघन वृक्षारोपण पौधारोपण किया जाएगा तथा उनका 5 वर्षों तक संरक्षण किया जाएगा जिससे कि नगरों में सघन वन का विकास किया जा सके और शहर के प्रदूषण को रोकते हुए फेफड़ों के रूप में कार्य कर सकें।
इसके अतिरिक्त, प्रदेश में गरीब व्यक्तियों व शहर में आने वाले मजदूरों के रैन बसेरे व दीनदयाल रसोई के विस्तार के लिए नए रैन बसेरा प्रारंभ किए गए हैं तथा साथ ही दीनदयाल रसोई में मिलने वाली भोजन की थाली का दाम भी 10 रुपये से घटकर 5 रुपये किया गया है तथा इनकी संख्या में भी वृद्धि की गई है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए इस साल 20 करोड़ रुपए व्यय किये जायेंगे। प्रदेश में मेट्रो का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस वर्ष में मेट्रो अंतर्गत राशि 1 हजार 160 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।