त्रुटिपूर्ण निर्माण पर कार्यपालन यंत्री से वसूले जायेंगे 24 लाख रुपये


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स्टोरी हाइलाइट्स

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री आरएस मण्डलोई को त्रुटिपूर्ण निर्माण का दोषी पाते हुये उससे 24 लाख रुपये वसूलने एवं उसकी दो वार्षिक वेतवृध्दि संचयी प्रभाव से रोके जाने का दण्डादेश दिया है..!!

भोपाल: राज्य शासन ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री आरएस मण्डलोई को त्रुटिपूर्ण निर्माण का दोषी पाते हुये उससे 24 लाख रुपये वसूलने एवं उसकी दो वार्षिक वेतवृध्दि संचयी प्रभाव से रोके जाने का दण्डादेश दिया है।

जल संसाधन मंडल उज्जैन अंतर्गत कुमार्डी नोगांवा बैराज कम काजवे के निर्माण की त्रूटिपूर्ण तकनीकी स्वीकृति जारी की गई थी जिससे निर्माण कार्य त्रुटिपूर्ण हुआ और जुलाई 2015 में वर्षा के दौरान यह निर्माण क्षतिग्रस्त हो गया। इस निर्माण को पुन: उपयोगी बनाने में 1 करोड़ 24 लाख रुपयों की जरुरत पड़ी। इस मामले की जांच में वहां के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आरएस मण्डलोई को दोषी पाया गया और अब उन्हें दण्डित किया गया है।

इस कार्यपालन यंत्री की राशि वापस होगी :

एके शुक्ला 14 जून 2012 से सेवानिवृत्ति दिनांक 31 जुलाई 2013 तक विद्युत यांत्रिकी लाईट मशीनरी नलकूप एवं गेट संभाग रीवा के कार्यपालन यंत्री पद पर पदस्थ रहने के दौरान उच्च न्यायालयीन प्रकरण में की गई अनुशासहीनता के लिये दोषी पाये गये थे जिस पर उन्हें दो वार्षिक वेतन वृद्धि के समतुल्य राशि पेंशन से काटने के दण्ड से दण्डित किया गया। परन्तु वे हाईकोर्ट गये जहां उनके पक्ष में निर्णय हुआ। इसलिये अब उनकी पेंशन से काटी गई मय ब्याज की राशि 40 हजार 152 रुपये के वापस करने का आदेश यह कहकर जारी किया गया है कि भविष्य में यह आदेश अन्य प्रकरणों में उदाहरण स्वरुप मान्य नहीं होगा।