भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने महिलाओं को पक्ष में करने के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना की घोषणा की थी। सभी का सपना होता है कि उसका अपना आवास हो। इस योजना में 63 लाख से अधिक आवेदन किए गए हैं। इसका लाभ भी चुनाव में भाजपा को मिला और प्रचंड जीत मिली।
बजट में योजना की घोषणा भी हो गई, लेकिन अभी तक योजना का प्रारूप ही तय नहीं हुआ है। दरअसल, सरकार यह रास्ता निकालने में जुटी है कि प्रदेश के खजाने पर कम से कम वित्तीय भार आए। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण और शहरी के नए दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा की जा रही है। प्रयास यह है कि अधिकतर आवासहीन प्रधानमंत्री आवास और जनमन योजना में आ जाएं ताकि प्रदेश को कम से कम आवास बनाने के लिए अपने वित्तीय संसाधन लगाने पड़े।
प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक मुख्यमंत्री लाड़ली बहनें हैं। सितंबर 2023 में सर्वे कर इनसे आवेदन कराए गए तो यह संख्या 63.28 लाख पहुंच गई। प्रदेश में 2010-11 से आवास योजनाओं के तहत 50 लाख 76 हजार आवास बनाए जा चुके हैं। 20 लाख 23 हजार ग्रामीण ऐसे हैं, जो आवासहीन हैं। इनके नाम प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के लिए भेजे गए हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना में 1.5 लाख आवास का लक्ष्य मध्य प्रदेश को मिला है।
क्या कहते हैं अधिकारी ?
पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरी संभावना है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना में जो आवेदन आए हैं, उनमें से बड़ी संख्या में वे नाम भी शामिल होंगे, जो पहले से आवास प्लस या जनमन योजना में शामिल हैं। यही कारण है कि सरकार अभी योजना पर आगे बढ़ने के पहले केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए निर्धारित किए जाने नए दिशानिर्देशों की प्रतीक्षा कर रही है। इसकी परिधि में आने से जो रह जाएंगे, उनके लिए राज्य सरकार लाड़ली बहना आवास योजना के लिए मापदंड निर्धारित करेगी।
एक परिवार से एक को ही मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में एक परिवार से एक से अधिक महिला को लाभ मिल रहा है, जिसने भी आवेदन दिया, उसका नाम जुड़ गया। आवास योजना में यह किया जा सकता है कि परिवार के किसी सदस्य को यदि किसी आवास योजना में लाभ मिल चुका है तो उसे बाहर रखा जाए।
1.20 हजार रुपये का हो सकता है प्रावधान
सूत्रों का कहना है कि लाड़ली बहनों को आवास के लिए अधिकतम 1 लाख 20 हजार रुपए देने का प्रावधान किया जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी यही राशि निर्धारित है। शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन से करवाया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल का प्रावधान रखा जाएगा तो अन्य सुविधाएं पंचायतें जुटाएंगी।