पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर और बाबुओं की मिलीभगत से 73 करोड़ रुपए का गड़बड़झाला


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स्टोरी हाइलाइट्स

तीन साल में सड़क और भवनों के निर्माण पर खर्च नहीं होने वाली गति अफसरों ने फर्जी वर्कआईडी बनाकर निकाल लिए..!!

भोपाल: पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर और बाबुओं की मिलीभगत के बालते सरकार को 73 करोड़ की चपत लगाने का मामला सामने आया है। तीन साल में सड़क और भवनों के निर्माण पर खर्च नहीं होने वाली गति अफसरों ने फर्जी वर्कआईडी बनाकर निकाल लिए। 

अब मामले में लोकायुक्त ने शासन से दोषी अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की है। पूर्व विधायक डॉ. शिशुपाल यादव ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि टीकमगढ़ जिले के कार्यपालन यंत्री इंदकुमार शुक्ला, ठेकेदार अंजुल खरे तथा ईएनसी कार्यालय भोपाल में पदस्थ लिपिक वसंत सराठे की मिलीभगत के चलते फार्ने वर्कआईडी तैयार कर बिना स्वीकृक्ति 24.99 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता की गई है। 

इस पर लोकायुक्त ने टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के लिए मंजूर बजट और खर्च की गई राशि की जांच कराई गई तो बड़ा आहचार सामने आगा। वर्ष 2020-21 पीडब्ल्यूडी ने टीकमगढ़ जिले के लिए 62.78 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे, जिसमें से 37.79 करोड़ के कार्य कराए गए और शेष बची राशि 24.99 करोड़ रुपए के कार्य मंजूर नहीं थे। बची हुई राशि तत्कालीन कार्यपालन यंत्री इंदकुमार शुक्ला, मेसर्स डिवाइन इकास्ट्रक्रर के ठेकेदार अंजूल खरे तथा ईएनसी ऑफिस भोपाल में पदस्थ लिपिक ने फर्जी बिल बनाकर राशि निकाल ली।

वर्ष 2021-22 में टीकमगढ़ जिले के लिए 92.66 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए। जबकि 80.43 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत थे और शेष बचे 12.22 करोड़ रुपए संस्कृत नहीं होने पर आरोपियों ने यह राशि भी फर्जी दिल बनाकर निकाल ली। 

वर्ष 2022-23 में इसी जिले के लिए विभाग में 32 करोड रुपए से अधिक का बजट स्वीकृत किया था और टीकमगढ़ संभाग में 26.33 करोड़ स्वीकृत थे। इस तरह बचे हुए 5.70 करोड़ रूपये फर्जी आईडी बनाकर आरोपियों ने निकाल लिए। इसके अलावा बिना स्वीकृति के कूट रचित दस्तावेज बनाकर तीस करोड़ रूपये और निकाल लिए गए।

लोकायुक्त ने शासन से मांगी रिपोर्ट..

फर्जी आईडी के जरिए करोड रुपए के भुगतान  को लेकर लोकायुक्त नहीं 29 अक्टूबर 2024 को एसीएस पीडबल्यूडी को पत्र लिखकर इन नए शिकायतों की जांच रिपोर्ट और अभिकथन के आधार पर रिपोर्ट मांगी है। लोकायुक्त ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि टीकमगढ़ में 30 करोड़ के फर्जीवाड़े की जांच के लिए ईएनसी द्वारा जांच के लिए 3अप्रैल को गठित कमेटी की गई थी। कमेटी द्वारा अभी तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं दी गई है।