भोपाल: ये है सत्येन्द्रना़थ सान्याल है. जो सुपर स्पेसियलिटी हास्पिटल के सामने वार्ड नं. 17 रीवा के निवासी है. इनकी उम्र 94 वर्ष की है और काफी बीमार रहते है. इनका अपराध यह है, कि इनका मकान शहर के बीचो-बीच स्थित है, जिसे इन्होंने अपने जीवन भर की कमाई से बनाया हैऔर निवास कर रहे हैं. 7-जुलाई 24 को इस व्यक्ति के ऊपर बड़े ताकतवर लोग इस असहाय वृद्ध के मकान को सरकारी ताकत दिखाकर गिरवा दिया. इनका रास्ता भी बंद कर दिया वर्तमान में ये पूरी तरह से अपने घर में कैद है.इनसे जब मैंने मुलाकात किया, तब इन्होंने मुझसे यही कहा कि " यदि आप मेरी मदद करना चाहते हैं तो मुझे न्यायालय से मरने की अनुमति प्रदान करवा दीजिएगा, हम स्वेच्छामृत्यु चाहते है."
94 वर्षीय सान्याल बिल्डर्स एवं भू-माफिया, डॉन और अपराधी के सताए हुए नहीं है, बल्कि ये प्रशासनिक अधिकारी और विधायक, मंत्री अर्थात जनता के सेवक बताने वालों से प्रताड़ित है। इनके मकान का रास्ता बंद कर दिया गया है. कतिपय प्रशासनिक अफसर और नेताओ का गठजोड़ इनके मकान को ढहाने की साजिश कर रहा हैं। जो भी व्यक्ति इनसे मुलाक़ात करता है, उससे यही मिन्नत करते हैं कि उनकी यह पीड़ा उन जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों तक पहुंचाएं, जिनके हृदय में कुछ संवेदना है....
,सान्याल जी के कोई औलाद नहीं है, मात्र उनकी एक पुत्री है, जो उनसे दूर रहती है. बेटा जवानी में ही खत्म हो गया था,पत्नी की भी मृत्यु हो चुकी है और यह अकेले इस घर में निवास करते हैं. ये उन ईमानदार व्यक्तियों में से हैं, जिन्होंने ताजिंदगी पुलिस विभाग में रहकर देश की सेवा की और उसके बाद तत्कालीन रीवा कलेक्टर स्व. एनबी लोहानी जी के ड्राइवरी करने लगे थे. रिटायरमेंट के बाद ये इसी घर में निवास करने लगे. लेकिन अब इनका जीना मुश्किल हो गया है, क्योंकि इनके मकान पर सरकारी माफियाओं की नज़र पड़ चुकी है, जिसमें बड़े अधिकारी और नेता आदि शामिल है. इन लोगो द्वारा इनके मकान को चारों तरफ से योजनाबद्ध तरीके से ऑक्युपाइज कर लिया है।
बूढ़े पिता को न्याय दिलाने 64 साल की बेटी उतरी
इनके निकालने का कोई रास्ता वर्तमान में नहीं है, ये बेचारे चाह कर भी अपनी मदद नहीं कर पा रहे है, क्योंकि ये इतने जर्जर है कि ये कही आ-जा नहीं सकते है, इनकी 64 वर्षीय बेटी इनको न्याय दिलाने के लिए तहसील कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, जिला न्यायालय एवं हाईकोर्ट में चक्कर लगा रही है. वह चाह रही है कि मेरे वृद्ध पिता इस उम्र में बेघर ना हो, तहसीलदार ने इनको बिना नोटिस किए इनका मकान गिरा दिया है. ठेकेदार ने रास्ता भी बंद कर दिया है. रास्ता बंद होने की वजह वह घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, इन्हें कभी भी डॉक्टर या दावाओं की जरूरत पड़ सकती है.
क्या है पूरा प्रकरण
64 वर्षीय सान्याल की बेटी मृदुलारानी सेवानिवृत्ति शिक्षिका है. रीवा कलेक्टर को दिए गए आवेदन के अनुसार वह सुपर स्पेसियलिटी हास्पिटल रीवा के सामने वार्ड नंबर-17 में लगभग 70 वर्षों से अपने पिता सतेन्द्रनाथ सान्याल के साथ उनके द्वारा निर्मित मकान में निवास कर रही है. मकान पूर्ण रूप से प्लाट नंबर-3488 रकवा 6.11ए0 के अंश भाग 50x70-3500 वर्गफिट में निर्मित है. प्लाट नंबर-3488 की सीमा से लगा हुआ प्लाट नबर-3484 की शासकीय भूमि जिसमें मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल संभाग रीवा द्वारा भ्रूण्डा इन्फा इस्ट्रैक्चर प्रायवेट लिमिटेड हैदराबाद के माध्यम से पुर्नरघनत्वीकरण योजना के तहत् शासकीय निर्माण किया जा रहा है. जिसके ठेकेदार संजय सिंह द्वारा उनके पिता के मकान पर वक्र दृष्टि है और वह मकान को हडपना चाहता है।
मकान को हडपने की बदनियती से ठेकेदार संजय सिंह तहसीलदार तहसील-नजूल से साठगांठ कर और बिना सीमांकन कराये उनके पिता द्वारा निर्मित मकान की सीमा को प्लाट नंबर-3484 में शामिल कराकर उसे गिराने की योजना बनाई है. जबकि तहसीलदार नजूल के पास प्लाट नंबर-3484 का कोई नक्शा अथवा पैमाना आज भी वर्तमान में मौजूद नहीं है। इसके बाद भी तहसीलदार नजूल ने जबरन राजस्व निरीक्षक के माध्यम से उनके पैतृक मकान जो प्लाट नंबर-3488 में निर्मित है, उसके अंश रकवा 720 वर्गफिट को प्लाट नंबर-3484 में शामिल कराकर गिराने का निर्णय ले लिया। इस पर तहसीलदार नजूल ने 19 जून 2024 को बेदखली के संबंध में एक कारण बताओं नोटिस जारी किया।