प्रदेश में 10 साल में आवेश शिकार के 885 मामले दर्ज होने के बाद अब चलेगा विशेष ऑपरेशन


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स्टोरी हाइलाइट्स

निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश वन एवं वन्यजीव संपदा की दृष्टि से संपन्न प्रदेश है..!!

भोपाल: राज्य का वन विभाग बांधवगढ़ में दस हाथियों की मौत पर चेत गया है तथा अब वह 1 दिसम्बर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक अवैध शिकार रोकने के लिये आपरेशन वाइल्ड ट्रेप चलायेगा। इसके निर्देश वन्य जीव शाखा के प्रमुख व्हीएन अम्बाडे ने सभी वन इकाईयों को जारी किए हैं। 

निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश वन एवं वन्यजीव संपदा की दृष्टि से संपन्न प्रदेश है। प्रदेश 7 टाइगर रिजर्व, 63 सामान्य परियोजना मंडल हैं। वनमंडल एवं 11 वन्यजीव संपदा के विनाश के अन्य कारको में से एक महत्वपूर्ण कारक अवैध शिकार है । 

वन्यजीवों के अवैध शिकार के तरीको में से एक प्रचलित तरीका है फंदा अथवा विद्युत करंट लगाकर का शिकार करना। फंदा,करंट, खटका (लेग होल्ड ट्रेप) ऐसे साधन हैं, जो कम जोखिम एवं बिना किसी विशेष तकनीक के आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इसी कारण शिकारियों/मांस के शौकिन व्यक्तियों द्वारा इनका उपयोग अधिकतर किया जाता है। शिकार के वांछित छोटे वन्यजीवों के स्थान पर बड़े वन्यजीव जैसे बाघ तेंदूए, हाथी और भालू आदि भी इसका शिकार बन जाते है। 

10 साल में 885 शिकार..

विगत वर्षों में शिकार के प्रकरणों का करने पर पाया गया कि 2014 से 2024 तक फंदे एवं विद्युत लाइन में तार बिछाकर शिकार सम्बंधित कुल 885 प्रकरण दर्ज किये गए हैं, जिससे 311 जंगली सूअर, 116 नीलगाय, 91 तेंदुऐ, 77 चीतल, 48 सांभर, 36 भालू, 35 बाघ एवं 17 मोर आदि सहित अन्य वन्यप्राणियों की मृत्यु हुई है, जो कि गंभीर एवं खेद का विषय है। यह घटनाएं मुख्यतः शीत ऋतु (विन्टर) में अधिक संख्या में घटित होती है। निर्देश में कहा गया है कि इसके लिये अब ऑपरेशन वाईल्ड ट्रेप चलाया जायेगा जोकि कुल 2 माह (8 सप्ताह) अवधि का होगा।

फील्ड डायरेक्टर, सीसीएफ, सीएफ,और रेंजर तक करेंगे अन्य रूप से गश्ती..

सघन गस्ती का बनाया रोस्टर बनाया है। इसके अनुसार  वनमंडलाधिकारी / उपवनमंडलाधिकारी, 1 दिवस क्षेत्र संचालक/मुख्य वनसंरक्षक अनिवार्य रूप से गश्त करेंगे। सम्पूर्ण वनमंडल/टाइगर रिजर्व, वन विकास मण्डल इकाई में सघन गश्ती दिन व रात्रि में चलाया जायेगा जिसमें कार्य सप्ताह में न्यूनतम 3 दिवस परिक्षेत्र अधिकारी एवं अधीनस्थ, 2 दिवस वनमंडलाधिकारी / उपवनमंडलाधिकारी, 1 दिवस क्षेत्र संचालक/मुख्य वनसंरक्षक अनिवार्य रूप से गश्त करेंगे। 

सभी अधिकारी/कर्मचारी इसमें सम्मिलित होंगे। ऑपरेशन के दौरान 4 बार जानकारी (प्रत्येक 15 दिवस) इस कार्यालय को भेजेंगे। उक्त आपरेशन में उत्कृष्ट कार्य करने वाली क्षेत्रीय इकाई को भविष्य में पुरस्कृत भी किया जावेगा तथा उचित प्रदर्शन न करने वाली क्षेत्रीय इकाई के कार्यों की समीक्षा भी जावेगी।

15 डॉग के साथ होगी गश्ती..

15 स्क्वाड दस्ते लेकर चला जायेगा। मैटल डिटेक्टर उपकरण का भी उपयोग करना होगा। गश्ती के दौरान वन-राजस्व सीमा से लगे वन क्षेत्र एवं कृषि कृषि क्षेत्र की बागड/फेंसिंग में सर्चिग की कार्यवाही की जायेगी। 

गश्ती के दौरान शिकार हेतु प्रयुक्त फंदे में वन्यप्राणी फंसा हुआ पाए जाने की स्तिथि में तत्काल निकटतम रेस्क्यू स्क्वाड की सहायता से वन्यप्राणी के उपचार की उचित व्यवस्था की जायेगी तथा विधिवत जप्ती कर अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया जायेगा एवं अपराध में संलिप्त अपराधी का पता लगाकर तत्काल कार्यवाही की करना होगी। 

वन भूमि अथवा वन्यप्राणी विचरित क्षेत्र से जाने वाली विद्युत लाईन के नीचे/ समीप गश्ती करना होगी तथा साथ में आवश्यकतानुसार विद्युत विभाग के अमले को भी साथ रखना होगा। गश्ती के दौरान संबंधित ग्राम/नगर में पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी लेकर उसे वन परिक्षेत्र में संधारित आरोपी निगरानी पंजी में भी दर्ज की जायेगी।