मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल के बाद इंदौर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को हटाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य शहर की सड़कों से यातायात की समस्याओं को खत्म करके लोगों की आवाजाही को आसान बनाना है।
सीएम यादव ने कहा कि भोपाल में BRTS कॉरिडोर हटने के बाद लोगों को आवागमन में बड़ी सुविधा हो गई है। अब हमें चाहे जो तरीका अपनाना पड़े हम इंदौर में BRTS कॉरिडोर को भी हटाएंगे।
सीएम यादव इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि शहर के विकास को लेकर हुई पिछली दो बैठकों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने 11.45 किमी लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर के कारण लोगों को होने वाली असुविधा की शिकायत की थी।
उन्होंने कहा, शहर में ज्यादातर चौकियों पर ट्रैफिक की समस्या है। वहां फ्लाईओवर बनाकर इसका समाधान किया जाएगा। वैसे भी फ्लाईओवर बनाने के लिए हमें BRTS कॉरिडोर को हटाना ही होगा।
सीएम ने कहा कि जनता की यातायात संबंधी समस्याओं को देखते हुए उन्होंने BRTS कॉरिडोर को हटाने का फैसला किया है और उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। इंदौर के BRTS को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका लंबित है। हम कोर्ट को बीआरटीएस पर राज्य सरकार के रुख से भी अवगत कराएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में शहर में निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे के बीच 11.45 किमी लंबे बीआरटीएस पर 59 सार्वजनिक परिवहन बसें चल रही हैं। इस कॉरिडोर से प्रतिदिन लगभग 60,000 यात्री यात्रा करते हैं।