भोपाल: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के 4 महीने बाद 1987 बैच के आईएफएस अधिकारी अजीत श्रीवास्तव को प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर प्रमोट करने के लिए हरी झंडी मिल गई है। श्रीवास्तव अगस्त महीने में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
श्रीवास्तव को पदोन्नति पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ना पड़ी। केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण ने उनके पक्ष में निर्णय किया सरकार ने नहीं सुनी। कैट की सुनवाई नहीं होने पर श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके पक्ष में निर्णय देते हुए 4 महीने पहले राज्य शासन को उनके पदोन्नति का बंद लिफाफा खोलने के निर्देश दिए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अजीत श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तत्कालीन प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल को पत्र लिखे पर कोई निर्णय नहीं हो पाया।
राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यूपीएससी से अभिमत मांगा। यूपीएससी से अभी मत आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी श्रीवास्तव का बंद लिफाफा खोल कर उन्हें पदोन्नत करने के संकेत दे दिए हैं. शासन ने उनकी पदोन्नति के साथ-साथ उनकी पदस्थापना को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय से प्रस्ताव मंगाया है।
सूत्रों की माने तो श्रीवास्तव को पदोन्नति के बाद एसएफआरआई जबलपुर अथवा जैव विविधता बोर्ड में पदस्थ किया जा सकता है। वर्तमान में जैव विविधता बोर्ड का कार्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक वर्किंग प्लान डॉ अतुल श्रीवास्तव अतिरिक्त प्रभार के रूप में देख रहे हैं।
15 फरवरी को आईएफएस के लिए होगी डीपीसी-
लंबी प्रतीक्षा के बाद राज्य वन सेवा के 9 अफसरों को अखिल भारतीय वन सेवा के पद पर प्रमोट करने के लिए भी हरी झंडी मिल गई है। इसके लिए 15 फरवरी को नई दिल्ली में डीपीसी की बैठक आहूत की गई है। राज्य वन सेवा के अफसर लोकप्रिय भारती, हेमलता शाह, संजय रायखेरे, अमित पटौदी, प्रतिभा शुक्ला, ऋषि मिश्रा, अमित कुमार चौहान और आशीष बंसोड को आईएफएस अवार्ड मिलने की संभावना अधिक है। जबकि गंदू सिंह धुर्वे, इंदु सिंह गड़रिया,काशीराम जाधव, रामकुमार अवधिया, सीमा द्विवेदी, प्रियंका चौधरी और अर्चना पटेल के आईएफएस बनने की संभावना पर धुंध छाई हुई है।